गिलोय के फायदे, नुकसान व औषधीय गुण (Benefits of Giloy & its Medicinal Properties in Hindi)
परिचय (Introduction) आपने गिलोय के बारे में अनेक बातें सुनी होंगी और शायद गिलोय के कुछ फायदों के बारे में.
परिचय (Introduction) आपने गिलोय के बारे में अनेक बातें सुनी होंगी और शायद गिलोय के कुछ फायदों के बारे में.
पुदीना का परिचय (Introduction of Pudina) पुदीना (Pudina) सबसे ज्यादा अपने अनोखे स्वाद के लिए ही जाना जाता है। पुदीने.
निर्माण एवं प्रयोग विधि- निर्माण एवं प्रयोग विधि-
हल्दी – 3 ग्रा. लवंङ्ग (लौंग) – 3 नग अमरुद के सूखे पत्ते – 3 उबला जल – 250 ग्रा. प्रयोग विधि- निम्न द्रव्यों को पीसकर 250 पानी में.
सामग्री देशी घी हींग मुनक्के निर्माण एवं प्रयोग विधि- सामग्री दो चम्मच पुदीना का रस – 10 मि.ग्रा. दो चम्मच शहद – 10 मि.ग्रा..
त्रिफलायाः रसप्रस्थं प्रस्थं भृङ्गरसस्य च। वृषस्य च रसप्रस्थं शतावर्याश्च तत्समम्।। अजाक्षीरं गडूच्याश्च आमलक्या रसं तथा। प्रस्थं प्रस्थं समाहृत्य सर्वैरेभिर्घृतं पचेत्।। कल्कैः कणासिता द्राक्षा त्रिफला नीलमुत्पलम्। मधुकां क्षीरकाकोली मधुपर्णी निदिग्धिका।।भै.र.64/241-243, च.द.59/174-176 क्र.सं. घटक द्रव्य प्रयोज्यांग अनुपात 1 गो घृत (Cow’s ghee) 750 ग्रा. 2 त्रिफला क्वाथ 750 मि.ली. 3 भृंगराज स्वरस (Eclipta prostrata) 750 मि.ली. 4 वासा स्वरस (Justica adhatoda) .
त्रिफलायाः रसप्रस्थं प्रस्थं भृङ्गरसस्य च। वृषस्य च रसप्रस्थं शतावर्याश्च तत्समम्।। अजाक्षीरं गडूच्याश्च आमलक्या रसं तथा। प्रस्थं प्रस्थं समाहृत्य सर्वैरेभिर्घृतं पचेत्।। कल्कैः कणासिता द्राक्षा त्रिफला नीलमुत्पलम्। मधुकां क्षीरकाकोली मधुपर्णी निदिग्धिका।।भै.र.64/241-243, च.द.59/174-176 क्र.सं. घटक द्रव्य प्रयोज्यांग अनुपात 1 गो घृत (Cow’s ghee) 750 ग्रा. 2 त्रिफला क्वाथ 750 मि.ली. 3 भृंगराज स्वरस (Eclipta prostrata) 750 मि.ली. 4 वासा स्वरस (Justica adhatoda) .