हॉट फ्लैशेज (Hot Flushes) हार्मोन के असंतुलन से जुड़ी एक समस्या है जो आमतौर पर महिलाओं को मेनोपॉज के बाद होती है। इसके कारण शरीर में अचानक से तेज गर्मी महसूस होने लगती है और चेहरा लाल हो जाता है। यह समस्या एंडोक्राइन हार्मोन के असंतुलन और एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ जाने से होती है। आगे इस लेख में हम हॉट फ्लेशैज के कारण, लक्षण और घरेलू उपचारों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
हॉट फ्लैशेज क्या है (What is Hot Flushes)
हॉट फ्लैशेस पित्त दोष के असंतुलित होने की वजह से होता है। जिसकी वजह से शरीर में गर्माहट और बैचेनी-सी महसूस होने लगती है। हॉट फ्लैशेस में पित्त दोष की प्रधानता के साथ वात दोष भी असंतुलित हो जाता है जिसके कारण महिलाओं को शरीर में गर्माहट और बैचेनी के साथ-साथ रुखापन भी महसूस होता है।
हॉट फ्लैशेस महिलाओं में अधिकतर मेनोपॉज के बाद महसूस होते है क्योंकि मेनोपॉज के बाद शरीर में मौजूद सेक्स हार्मोन्स जैसे एस्ट्रोजन हार्मोन्स का असंतुलन हो जाने से अधिकतकर महिलाओं को हॉट फ्लैशेस की शिकायत हो जाती है। हॉट फ्लैशेस की समस्या पुरुषों को भी होती है क्योंकि टेस्टास्टरोन हार्मोन्स (Testosterone harmone) का लेवल कम हो जाने की वजह से होता है। हॉट फ्लैशेस की समस्या पुरुषों में महिलाओं की समस्या से अलग नहीं होती है क्योंकि हॉट फ्लैशेस की समस्या मुख्यत हार्मोन्स लेवल के कम होने से होती है।
हॉट फ्लैशेज होने के कारण (Causes of Hot Flushes)
शरीर में हार्मोनल बदलाव हॉट फ्लैशेज का कारण माने जाते हैं। यह प्रतिक्रिया निम्नलिखित कारणों से हो सकती है-
- मसालेदार भोजन
- शराब
- कैफीन
- धूम्रपान
- टाईट कपड़े पहनना
- तनाव और चिन्ता
- गर्भावस्था में विशेष रूप से पहली और दूसरी तिमाही के दौरान।
- हाइपर थाइरॉइडिज्म (Hyper Thyrodism)
- कीमोथेरेपी (Chemotherapy)
- एंटीबायोटिक दवाओं का अधिक सेवन
हॉट फ्लैशेज के लक्षण (Symptoms of Hot Flushes)
अचानक से तेज गर्मी महसूस होना हॉट फ्लैश का सबसे प्रमुख लक्षण है लेकिन इसके अलावा भी कई ऐसे लक्षण हैं जिनसे आप हॉट फ्लैशेज की पहचान कर सकती हैं जैसे कि –
- शरीर के ऊपरी भाग में पसीना अधिक आना
- चेहरे, गर्दन, कान, छाती और अन्य भागों में ज्यादा गर्मी लगना
- अंगुलियों में झनझनाहट होना
- हृदय गति सामान्य से अधिक होना
हॉट फ्लैशेज से बचने के उपाय (How to prevent Hot Flushes)
हॉट फ्लैशेज से बचने के लिए सबसे पहले जीवनशैली और आहार दोनों में कुछ बदलाव लाना बहुत जरूरी होता है। चलिये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं-
आहार में बदलाव :
धूम्रपान-धूम्रपान भी हॉट फ्लैशेस का एक कारण है। यह महिलाओं में हॉट फ्लैशेस होने की सम्भावना को बढ़ाता है इसलिए धूम्रपान से दूर रहकर भी हॉट फ्लैशेस की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
मसालेदार खाना-अगर महिलाएं हॉट फ्लैशेस की समस्या से बचना चाहती है तो उन्हें मसालेदार खाना खाना कम कर देना चाहिए क्योंकि मसालेदार खाना शरीर के मेटाबोलिजम (Metablosim) को बढ़ाता है जो हॉट फ्लैशेस के होने का बड़ा कारण है।
शरीर का तापमान रखे कम-शरीर का अधिक तापमान भी हॉट फ्लैशेस का कारण बन सकता है इसलिए अपने कमरे का तापमान ठंडा रखने की कोशिश करनी चाहिए और शरीर का तापमान कम रखने के लिए हल्के और ढीले कपड़े पहने अन्य कपड़ों की बजाय गर्मियों में सूती (Cotton) कपड़े पहनने चाहिए।
विटामिन युक्त आहार-महिलाओं को मासिक धर्म बंद होने के बाद विटामिन-ई युक्त आहार का सेवन करना चाहिए क्योंकि विटामिन-ई में सबसे ज्यादा एंटी-ऑक्सीडेंट पाया जाता है जो हॉट फ्लैशेस को कम करने में मदद करता है। आजकल मार्केट में विटामिन-ई के कैप्सूल आसानी से मिल जाते हैं।
सोयाबीन-महिलाओं को आहार में सोयाबीन भी शामिल करना चाहिए क्येंकि सोयाबीन में बड़ी मात्रा में फाइटोएस्ट्रोजेन (Phytoestrogen) होता है जो शरीर में मौजूद एस्ट्रोजन हार्मोन की तरह काम करता है। सोया में आइसोफ्लोवेन्स (Isoflovance) ज्यादा होता है जो शरीर के एस्ट्रोजन रिसेप्टर्स को बाँधता है।
जीवनशैली में बदलाव :
व्यायाम- वैसे तो हॉट फ्लैशेस कभी भी हो सकता है लेकिन तनाव के कारण भी हॉट फ्लैशेस आजकल महिलाओं में अधिक होने लगा है इसलिए तनाव कम करके भी हॉट फ्लैशेस से बचा जा सकता है। नीचे दिये गये उपायों से तनाव को कम किया जा सकता है जैसे-योग,ध्यान,प्राणायाम, टहलना आदि।
योग-हॉट फ्लैशेस के लिए बहुत सारे योग और आसन है जिसकी मदद से हॉट फ्लैशेस की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। क्योंकि योग और आसन करने से शरीर का तापमान कंट्रोल किया जा सकता है जिनमें से कुछ आसन के नाम इस प्रकार हैं जैसे-शलभासन,सर्वांगासन,पवनमुक्तासन।
ध्यान-बहुत सारे वैज्ञानिको के अध्ययन से पता चला है कि ध्यान करने से हमारा नर्वस सिस्टम शान्त हो जाता है। जो उच्च रक्त चाप और मानसिक तनाव को भी कम करता है। जिसकी वजह से शरीर के अन्दर का तापमान नियंत्रित रहता है।
हॉट फ्लैशेज से राहत पाने के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies for hot Flashes in Hindi)
आम तौर पर हॉट फ्लैशेज से राहत पाने के लिए लोग पहले घरेलू नुस्खें आजमाते हैं। चलिये जानते हैं कि ऐसे कौन-कौन-से घरेलू उपाय हैं जो हॉट फ्लैशेज दूर करने में सहायता करते हैं-
हॉट फ्लैशेज से दिलाये राहत ब्लैक कोहोश (Black Cohosh helps to relieve from Hot Flushes in Hindi)
ब्लैक कोहोश (Black Cohosh) हॉट फ्लैशेज के उपचार के लिए प्रसिद्ध है। ब्लैक कोहोश एस्ट्रोजेन रिसेप्टर्स को बाँधता है जो कि हॉट फ्लैशेज को कम करता है। ब्लैक कोहोश 500 मि.ग्रा. दो से तीन बार रोज ले सकते हैं। इसके कैप्सूल्स और चाय भी मार्केट में आसानी से मिल जाती है।
हॉट फ्लैशेज में फायदेमंद है सेब का सिरका (Apple cidar vinegar help to ease from Hot Flushes in Hindi)
एक चम्मच एप्पल साइडर विनेगर (सेब का सिरका) को एक गिलास सादे पानी में मिलाकर रोज 1-2 बार लेना चाहिए क्योंकि इसमें एंटी-इंफ्लामेटरी (Anti–Inflammatory) गुण पाया जाता है जो स्ट्रेस या तनाव को कम करने में मदद करता है।
शरीर का तापमान कम करने में सहायक पुदीने का तेल (Peppermint oil helps to decrease body temperature during Hot Flushes in Hindi)
दो से तीन बूंद पुदीने के तेल को किसी सूती कपड़े या रुमाल में डालकर रोज सूँघना चाहिए क्योंकि पुदीने में सूथिंग (Soothing) गुण होता है। जो शरीर के तापमान और मानसिक तनाव को कम करती है।
हॉट फ्लैशेज की परेशानियों से दिलाये राहत कृष्ण कमल (Passion flower help to get relief from the complexion of Hot Flushes in Hindi)
एक छोटा चम्मच कृष्ण कमल (Passion Flower) के पाउडर को गर्म पानी में 5 से 10 मिनट तक रखे फिर अपने स्वाद के हिसाब से शहद मिलाकर 3-4 बार रोज पी सकते हैं। पैशन फ्लॉवर हॉट फ्लैशेस की जटिलता को कम करता है। क्योंकि पैशन फ्लॉवर में सर्टेन बायोएक्टिव (Certain bioactive) कम्पाउण्ड (Compunds) होता है जो शरीर के तापमान को कम करता है।
हॉट फ्लैशेज के दौरान हार्मोन संतुलित करता है अदरक (Ginger help to stablize hormone to get relief from Hot Flushes in Hindi)
छिली हुई अदरक और एक कप पानी को 5 मिनट तक उबाल लें फिर ठंडा होने के लिए गैस से उतार कर रख लें। ठंडा होने के बाद थोड़ा-सा शहद मिलाकर रोज दो से तीन बार लें क्योंकि अदरक में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण पाया जाता है जो मानसिक तनाव को कम करने के साथ शरीर के हार्मोन्स को भी संतुलित करती हैं।
शरीर के तापमान को सामान्य करता है नारियल का तेल (Coconut help to normalize body temperature during Hot Flushes in Hindi)
सोने से पहले नारियल के तेल से हफ्ते में दो से तीन बार मालिश करनी चाहिए क्योंकि नारियल के तेल में सबसे अधिक मात्रा में फैटी एसिड (Fatty Acid) और एंटी इंफ्लामेटोरी (Anti–Inflammatory) गुण पाया जाता है। जो शरीर के तापमान को कम करने में मदद करता है। नारियल तेल से मालिश करने से मानसिक तनाव कम होता है जो कि हॉट फ्लैशेस के मुख्य कारणों में से एक कारण मानसिक तनाव भी होता है।
हॉट फ्लैशेज से दिलाये राहत ग्रीन टी (Green tea beneficial in Hot Flushes in Hindi)
एक छोटा चम्मच ग्रीन टी को एक कप गर्म पानी में 5 मिनट तक उबालें और उबलने के बाद छानकर उसमें एक छोटा चम्मच शहद मिलाकर कम से कम तीन बार रोज पीना चाहिए क्योंकि ग्रीन टी में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है जो हॉट फ्लैशेस को कम करने में मदद करता है।
हॉट फ्लैशेज के लक्षण कम करता है एलोवेरा जूस (Aloe vera help to Reduce Symptoms of Hot Flushes in Hindi)
आधा कप एलोवेरा जूस रोज सुबह लेना चाहिए क्योंकि एलोवेरा जूस शरीर के हार्मोन्स को संतुलित करता है और हॉट फ्लैशेस को भी कम करता है।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए (When to Contact a Doctor)
हॉट फ्लैशेस का उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि वह किस कारण से उत्पन्न हुआ है। आप घर पर ही कुछ सावधानियाँ बरत कर इन्हें नियंत्रित कर सकते हैं। यदि ये घर के नुस्खों से नहीं ठीक हो रहा है अथवा ये अधिक जटिल है तो आप डॉक्टर की सलाह जरूर ले। कुछ लोग हॉट फ्लैशेस का कारण जाने बिना उपाय करने लगते हैं जो बिल्कुल गलत है इसलिए कोई भी उपाय करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।