सोरायसिस त्वचा से जुड़ी एक बीमारी है। सोरायसिस रोग में त्वचा के ऊपर लाल धब्बा या पपड़ी-सी बन जाती है। पपड़ी में खुजली होती है। सोरायसिस की बीमारी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने के कारण होती है। सोरायसिस के कारण रोगी को आम जीवन से संबंधित अनेक तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर आप भी सोरायसिस से पीड़त हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सोरायसिस का इलाज कराने के साथ-साथ सोरायसिस के लिए डाइट प्लान को अपनाकर आप बीमारी पर उचित नियंत्रण पा सकते हैं।
यहां सोरायसिस के लिए डाइट चार्ट की जानकारी दी जा रही है। इस डाइट प्लान को अपनाकर आप सोरयासिस के इलाज के दौरान उचित लाभ पा सकेंगे।
सोरायसिस रोग में क्या खाएं (Your Diet During Psoriasis)
सोरायसिस से ग्रस्त लोगों का आहार ऐसा होना चाहिएः-
- अनाज: पुराना चावल, गेहूं, जौ
- दाल: अरहर, मूंग, मसूर दाल
- फल एवं सब्जियां: सहजन, टिण्डा, परवल, लौकी, तोरई, खीरा, हरिद्रा, लहसुन, अदरक, अनार, जायफल
- अन्य: अजवाइन, शुंठी, सौंफ, हिंग, काला नमक, जीरा, लहसुन, गुनगुना पानी का सेवन करें
सोरायसिस रोग में क्या ना खाएं (Food to Avoid in Psoriasis)
सोरायसिस से ग्रस्त लोगों को इनका सेवन नहीं करना चाहिएः-
- अनाज: नया धान, मैदा,
- दाल: चना, मटर, उड़द
- फल एवं सब्जियां: पत्तेदार सब्जियाँ– सरसों, टमाटर, बैंगन, नारंगी, नींबू, खट्टे अंगूर, आलू, कंद–मूल
- अन्य: दही, मछली, गुड़, दूध, अधिक नमक. कोल्ड्रिंक्स, संक्रमित/फफूंदी युक्त भोजन, अशुद्ध एवं संक्रमित जल
- सख्त मना: तैलीय मसालेदार भोजन, मांसहार और मांसाहार सूप, अचार, अधिक तेल, अधिक नमक, कोल्डड्रिंक्स, मैदे वाले पर्दाथ, शराब, फास्टफूड, सॉफ्टडिंक्स, जंक फ़ूड, डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ, तला हुआ एवं कठिनाई से पाचन वाला भोजन
- विरुद्ध आहार: मछली + दूध
सोरायसिस के इलाज के दौरान आपका डाइट प्लान (Diet Plan During Psoriasis Treatment)
सोरायसिस के उपचार के लिएसुबह उठकर दांतों को साफ करने (बिना कुल्ला किये) से पहले खाली पेट 1-2 गिलास गुनगुना पानी पिए। नाश्ते से पहले पतंजलि आवंला व एलोवेरा रस पिएं।
समय | आहार योजना (शाकाहार) |
नाश्ता (8 :30 AM) | 1 कप पतंजलि दिव्य पेय + 2-3 पतंजलि आरोग्य बिस्कुट / पोहा /उपमा (सूजी ) /दलिया /अंकुरित अनाज / 2 पतली रोटी (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा) + 1 कटोरी सब्जी, फलों का सलाद (सेब, पपीता, अनार) |
दिन का भोजन (12:30-01:30 PM | 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा) +1/2 कटोरी हरी सब्जियां (उबली हुई ) + 1/2 कटोरी दाल मूंग (पतली) + 1प्लेट सलाद |
शाम का नाश्ता (5:30-6:00 Pm) | 1 कप पतंजलि दिव्य पेय + 2-3 पतंजलि आरोग्य बिस्कुट /सब्जियों का सूप |
रात का भोजन (7: 00 – 8:00 Pm) | 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा) +1 कटोरी हरी सब्जियां–रेशेदार + 1 कटोरी दाल मूंग (पतली) |
सलाह: यदि मरीज को चाय की आदत है तो इसके स्थान पर 1 कप पतंजलि दिव्य पेय दे सकते है।
नोट: त्वचा के लिए महामरीच्यादि तेल व कायाकल्प तेल इस्तेमाल करें।
सोरायसिस की बीमारी में आपकी जीवनशैली (Your Lifestyle for Psoriasis Treatment)
सोरायसिस की बीमारी में आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-
- दिन में न सोएं।
- भोजन के बाद टहलें।
- पहले वाला भोजन पचे बिना न खाएं।
- हल्का व्यायाम करें।
- तनाव मुक्त जीवनशैली जीने की कोशिश करें।
- त्वचा को सूखा रखने की कोशिश करें।
- सूरज की तेज रोशनी से त्वचा की रक्षा करें।
- गुस्सा, डर, और चिंता न करें।
- पेशाब और शौच को न रोकें।
- आसमान में बादल होने पर ठंडे जल का सेवन करें।
- पूर्वी हवाओं का अत्यधिक सेवन करें।
सोरायसिस की बीमारी में ध्यान रखने वाली बातें (Points to be Remember in Psoriasis Disease)
सोरायसिस से मुक्ति पाने के लिए आपको इन बातों का ध्यान रखना हैः-
(1) ध्यान एवं योग का अभ्यास रोज करें।
(2) ताजा एवं हल्का गर्म भोजन अवश्य करें।
(3) भोजन धीरे-धीरे शांत स्थान में शांतिपूर्वक, सकारात्मक एवं खुश मन से करें।
(4) तीन से चार बार भोजन अवश्य करें।
(5) किसी भी समय का भोजन नहीं त्यागें एवं अत्यधिक भोजन से परहेज करें।
(6) हफ्ते में एक बार उपवास करें।
(7) अमाशय का 1/3rd / 1/4th भाग रिक्त छोड़ें
(8) भोजन को अच्छी प्रकार से चबाकर एवं धीरे–धीरे खायें।
(9) भोजन लेने के बाद 3-5 मिनट टहलें।
(10) सूर्यादय से पहले [5:30 – 6:30 am] जाग जायें।
(11) रोज दो बार दांतों को साफ करें।
(12) रोज जिव्हा करें।
(13) भोजन लेने के बाद थोड़ा टहलें।
(14) रात में सही समय पर [9- 10 PM] नींद लें।
योग और आसन से सोरायसिस का उपचार (Yoga and Asana for Psoriasis Treatment)
सोरायसिस से छुटकारा पाने के लिए आप ये योग और आसन कर सकते हैंः-
- योग प्राणायाम एवं ध्यान: भस्त्रिका, कपालभांति, बाह्यप्राणाया, अनुलोम विलोम, भ्रामरी, उदगीथ, उज्जायी, प्रनव जप।
- आसन: सूक्ष्म व्यायाम, पश्चिमोत्तानासन, हलासन, मर्कटासन, सर्वांगासन।