बढ़ती उम्र के साथ जोड़ों में दर्द होना एक आम समस्या है। आमतौर पर यह समस्या गाउट नाम की एक बीमारी के कारण होती है। जोड़ों में दर्द और सूजन होना गाउट के प्रमुख लक्षण है। रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक बढ़ जाने के कारण ही यह समस्या होती है। इस लेख में हम बता रहे हैं कि अगर आप गाउट के मरीज हैं तो आपको अपने खानपान और दिनचर्या में क्या बदलाव लाने चाहिए।
गाउट होने पर क्या खाएं
- अनाज: पुराना शाली चावल, जौ, गेहूँ, पतली खिचड़ी, दलिया
- दालें: मूंग, अरहर
- फल एवं सब्जियां: लौकी, परवल, करेला, कददू, पत्तागोभी (मौसमी सब्जियां), बथुआ, शतावरी, शिग्रु (सहजन), अंगूर, अनार, सेब, पपीता, खीरा, गाजर, टमाटर
- अन्य: अदरक, हल्दी, लौंग, कालीमिर्च, ग्रीन टी, गुडची, मक्खन
गाउट होने पर क्या ना खाएं
- अनाज: मैदा, नया चावल
- दालें : काबुली चना, कुलथ, राजमा, सोया उत्पाद।
- फल एवं सब्जियां: मूली, मटर, नींबू, लालमिर्च, फूलगोभी
- अन्य: कांजी, दही, मांसाहार, चॉकलेट, ज्यादा नमक, कॉफी, चीनी, खट्टा, देर से पचने वाला भोजन और गर्म खाद्य पदार्थ, खजूर, बेर, बेकरी उत्पाद, डिब्बा बंद भोजन तला हुआ एवं कठिनाई से पचने वाला भोजन .
गाउट के इलाज के दौरान अपनाएं ये डाइट प्लान
सुबह उठकर बिना ब्रश किये ही खाली पेट 1-2 गिलास गुनगुना पानी पिएं साथ ही नीचे बताए गए डाइट चार्ट को अपनाएं।
डाइट चार्ट :
समय | आहार योजना ( शाकाहार ) |
नाश्ता (8 :30 AM) | 1 कप पतंजलि दिव्य पेय /1 कप दूध पतंजलि पावरविटा / बादाम पाक के साथ + 1 प्लेट ताजे मौसमी फलों का सलाद (तरबूज, अँगूर, अमरुद, केला, सेब ,अनार) /पोहा /उपमा/ सूजी /पतंजलि दलिया / 1 कटोरी ओट्स |
दिन का भोजन (12:30-01:30 )PM | 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा ) + 1 कटोरी हरी सब्जिया (ताजी ,हरी पत्तेदार, फलिया आदि ) उबली हुई + 1/2 कटोरी दाल (मूंग, अरहर या मिक्स ) पतली + 1 प्लेट सलाद |
शाम का स्नैक (03:30) pm | 1 कप दिव्य पेय + 2-3पतंजलि आरोग्य बिस्कुट /1 कटोरी सब्जी का सूप / सलाद |
रात्रि का भोजन (7: 00 – 8:00 Pm | 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा ) + 1½ कटोरी हरी सब्जिया + 1 कटोरी मूंग दाल (पतली ) |
गाउट होने पर अपनाएं ये जीवनशैली
- शरीर की कुछ देर तक मालिश करें।
- नियमित रूप से आराम करें।
- रोजाना ध्यान एवं योगासन करें।
- यदि मरीज को चाय की आदत है तो इसके स्थान पर 1 कप पतंजलि दिव्य पेय ले सकते हैं।
गाउट में ध्यान रखने वाली बातें
- ताजा एवं हल्का गर्म भोजन करें।
- भोजन धीरे धीरे शांत स्थान मे शांतिपूर्वक, सकारात्मक एवं खुश मन से करें।
- तीन से चार बार भोजन अवश्य करें।
- किसी भी समय का भोजन छोड़ें नहीं और अत्यधिक भोजन से परहेज करें।
- हफ्ते मे एक बार व्रत करें।
- अमाशय का एक तिहाई या एक चौथाई भाग खाली छोड़े अर्थात भूख से थोड़ा कम भोजन करें।
- भोजन को अच्छी प्रकार से चबाकर एवं धीरे–धीरे खाएं।
- भोजन करने के बाद 3-5 मिनट टहलें।
- सूर्यादय से पहलें उठें (5:30 – 6:30 am)
- प्रतिदिन दो बार ब्रश करें और नियमित रूप से जीभ की सफाई करें।
- भोजन लेने के बाद थोड़ा टहलें और रात में सही समय पर नींद लें (9- 10 PM)।
योग और आसन से करें गाउट का इलाज
अगर आप गाउट से पीड़ित हैं तो नियमित रूप से ये योगासन करें।
योग प्राणायाम एवं ध्यान: भस्त्रिका, कपालभांति, बाह्यप्राणायाम, अनुलोम विलोम, भ्रामरी, उदगीथ, उज्जायी, प्रनव जप
आसन: सूक्ष्म व्यायाम, उत्तानपादासन, पादवृतासन