लकवा एक ऐसी गंभीर बीमारी है जिसके कारण शरीर का कोई अंग या आधा हिस्सा अपना काम करना बंद कर देता है और उस हिस्से में कोई भी हलचल महसूस नहीं होती है। इस बीमारी के कारण मुंह, होंठ या संबंधित अंग टेढ़े हो जाते हैं। आयुर्वेद में लकवा के इलाज की कई विधियाँ बताई गयी हैं साथ ही आहार और दिनचर्या में बदलाव से भी लकवा के असर को कम किया जा सकता है। आइये जानते हैं कि लकवा के मरीजों को अपने खानपान में क्या बदलाव लाने चाहिए।
लकवा के मरीज क्या खाएं
- अनाज: गेहूं, जौ, बाजरा
- दालें: मूंग दाल, कुलथ
- फल एवं सब्जियां: हरी सब्जियां (पालक, सहजन), पत्ता गोभी, ब्रोकोली, अनार, फालसा, अंगूर, हल्दी, सेब, पपीता, संतरा, चेरी, तरबूज
- अन्य: एरण्ड तैल, हींग, अजवाइन, सिरका, तिल, घी, तैल, दूध, नारियल पानी, ग्रीन टी, जैतून का तेल, बादाम, अदरक, लहसुन, अलसी के बीज
लकवा के मरीज क्या ना खाएं
- अनाज: नया अनाज, मैदा
- दालें: अरहर, मटर, चना
- फल एवं सब्जियां: आलू, टमाटर, नींबू, जामुन, करेला, केला, भिंडी, फूलगोभी
- अन्य: तैल एवं घी का अत्यधिक सेवन, सुपारी, अत्यधिक नमक, पूरी, समोसा, चाट-पकोड़ा, मक्खन, आइसक्रीम, चाय, काफी।
- भारी भोजन (छोले, राजमा, उड़द चना मटर सोयाबीन, बैंगन, कटहल) ठंडा भोजन, पनीर, चॉकलेट, तला हुआ एवं कठिनाई से पचने वाला भोजन
- सख्त मना- तैलीय मासलेदार भोजन, मांसाहार एवं मांसाहार सूप, अचार, अधिक नमक, कोल्ड ड्रिंक्स, बेकरी उत्पाद, शराब, फ़ास्ट फ़ूड, शीतल पेय, डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ, जंक फ़ूड
लकवा के इलाज के दौरान अपनाएं ये डाइट प्लान
सुबह उठकर बिना ब्रश किये ही खाली पेट 1-2 गिलास गुनगुना पानी पिएं और नाश्ते से पहले पतंजलि आवंला व एलोवेरा स्वरस पियें।
डाइट चार्ट
समय | संतुलित आहार योजना |
नाश्ता (8 :30 AM ) | 1 कप दूध पतंजलि दिव्य पेय + 2-3 पतंजलि आरोग्य बिस्कुट /हल्का नमकीन पतंजलि आरोग्य दलिया /पोहा /उपमा (सूजी) /पतंजलि कार्नफ्लेक्स /अंकुरित अनाज (स्प्राउट्स) / 2 पतली रोटी (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा ) + 1 कटोरी सब्जी + फलो का सलाद (सेब, पपीता, चेरी, तरबूज आम, अनार, फालसा, अंगूर) |
दिन का भोजन (12:30-01:30 PM | 2-3 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा ) + 1 कटोरी चावल (मांड रहित ) + 1 कटोरी हरी सब्जिया (उबली हुई ) + 1 कटोरी दाल (पतली ) + 1 प्लेट सलाद |
शाम का जलपान (5:30 – 6 :00 pm) | 1 कप हर्बल चाय (दिव्य पेय ) + 2-3 बिस्कुट (आरोग्य, पतंजलि) /सब्जियों का सूप ) |
रात्रि का भोजन (7: 00 – 8:00 Pm) | 2-3 पतली पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा) + 1 कटोरी हरी सब्जियां (रेशेदार + 1 कटोरी दाल (पतली ) |
रात्रि से पूर्व (30 मिनट सोने से पहले ) | 1 गिलास दूध के साथ पतंजलि अश्वगंधा चूर्ण |
सलाह: यदि मरीज को चाय की आदत है तो इसके स्थान पर 1 कप पतंजलि दिव्य पेय ले सकते हैं |
लकवा के इलाज के दौरान अपनाएं ये जीवनशैली
- सिर की मालिश करें।
- पैरों को हल्के- हल्के दबाएं।
- आराम करें।
लकवा के इलाज के दौरान ध्यान रखने वाली बातें
- ताजा एवं हल्का गर्म भोजन करें।
- भोजन धीरे धीरे शांत स्थान मे शांतिपूर्वक, सकारात्मक एवं खुश मन से करें।
- तीन से चार बार भोजन अवश्य करें।
- किसी भी समय का भोजन छोड़ें नहीं और अत्यधिक भोजन से परहेज करें।
- हफ्ते मे एक बार व्रत करें।
- अमाशय का एक तिहाई या एक चौथाई भाग खाली छोड़े अर्थात भूख से थोड़ा कम भोजन करें।
- भोजन को अच्छी प्रकार से चबाकर एवं धीरे–धीरे खाएं।
- भोजन करने के बाद 3-5 मिनट टहलें।
- सूर्यादय से पहलें उठें (5:30 – 6:30 am)
- प्रतिदिन दो बार ब्रश करें और नियमित रूप से जीभ की सफाई करें।
- भोजन लेने के बाद थोड़ा टहलें और रात में सही समय पर नींद लें (9- 10 PM)।
योग और आसन से करें लकवा का इलाज
- योग प्राणायाम एवं ध्यान: भस्त्रिका, कपालभांति, बाह्यप्राणायाम, अनुलोम विलोम, भ्रामरी, उदगीथ, उज्जायी, प्रनव जप
- आसन: सूक्ष्म व्यायाम, उत्तानपादासन, मर्कटासन, भुजंगासन, शवासन, सर्वांगास