आपने दालचीनी (Daalchini or Cinnamon) का नाम जरूर सुना होगा। आमतौर पर लोग दालचीनी का प्रयोग केवल मसालों के रूप में ही करते हैं, क्योंकि लोगों को दालचीनी के फायदे के बारे में पूरी जानकारी नहीं है। आयुर्वेद में दालचीनी को एक बहुत ही फायदेमंद औषधि के रूप में बताया गया है। आयुर्वेद के अनुसार, दालचीनी के इस्तेमाल से कई रोगों का इलाज (Dalchini ke fayde) किया जा सकता है।
दालचीनी क्या है? (What is Cinnamon in Hindi?)
दालचीनी (Cinnamon in hindi) एक मसाला है। दालचीनी की छाल तेजपात की वृक्ष छाल से अधिक पतली, पीली, और अधिक सुगन्धित होती है। यह भूरे रंग की मुलायम, और चिकनी होती है। फलों को तोड़ने पर भीतर से तारपीन जैसी गन्ध आती है। इसके फूल छोटे, हरे या सफेद रंग के होते हैं। अगर आप दालचीनी की पत्तियों को मलेंगे तो इससे तीखी गंध आती है। दालचीनी का प्रयोग कई तरह की बीमारियों को ठीक किया जाता है।
अन्य भाषाओं में दालचीनी के नाम (Name of Dalchini in Different Languages)
दालचीनी को दुनिया भर में इन नामों से भी जाना जाता हैः-
Names of Cinnamon in –
- Cinnamon in hindi – दालचीनी, दारुचीनी, दारचीनी
- Dalchini in English– ट्रु सिनैमोन (True Cinnamon), सीलोन सिनामोन (Ceylon Cinnamon)
- Cinnamon in Sanskrit– त्वक्, स्वाद्वी, तनुत्वक्, दारुसिता, चोचम, वराङ्ग, भृङ्ग, उत्कट
- Cinnamon in Urdu– दारचीनी (Darchini)
- Cinnamon in Oriya– दालोचीनी (Dalochini), दारूचीनी (Daruchini)
- Cinnamon in Kannada– लवङ्ग चक्के (Lavanga chakke), तेजदालचीनी (TejaDalchini)
- Cinnamon in Gujarati– दालचीनी (Dalchini), तज (Taj)
- Cinnamon in Tamil– लवंग पत्तै (Lavang pattai)
- Cinnamon in Telugu– लवंगमु (Lavangamu)
- Cinnamon in Bengali– दारुचीनी (Daruchini)
- Cinnamon in Punjabi– दाचीनी (Dachini), किरफा (Kirfa)
- Cinnamon in Malayalam– एरिकोलम (Erikkolam), वरनम (Varanam)
- Cinnamon in Marathi– दालचीनी (Dalchini)
- Cinnamon in Nepali– दालचीनी (Daalchiinii), कुखीतगी (Kukhiitagi)
- Cinnamon in Arabic– दारसीनी (Darsini), किर्फा (Qirfah), र्क्फाहेसेलेनीयाह (Qirfahesailaniyah)
- Cinnamon in Persian– दारचीनी (Darchini), दारचीनीसेइलनीयाह (Darchinisailaniyah), तालीखाहे (Talikhahe)।
दालचीनी के फायदे (Cinnamon Benefits and Uses in Hindi)
पतंजलि के अनुसार, दालचीनी के सेवन से पाचनतंत्र संबंधी विकार, दांत, व सिर दर्द, चर्म रोग, मासिक धर्म की परेशानियां ठीक की जा सकती हैं। इसके साथ ही दस्त, और टीबी में भी इसके प्रयोग से लाभ मिलता है। आप जरूर जान लें कि दालचीनी के इस्तेमाल से कितने प्रकार के फायदे होते हैं, ताकि समय पर दालचीनी का उपयोग कर आप भी फायदा ले सकें।
दालचीनी के फायदे (Daalchini ke fayde), इस्तेमाल करने के तरीके, और उपयोग की मात्रा यहां दी जा रही हैः-
हिचकी की परेशानी में दालचीनी का सेवन (Benefits of Dalchini for Hiccup Problem in Hindi)
हिचकी आना बहुत ही साधारण सी बात है, लेकिन कई ऐसे भी लोग होते हैं, जिन्हें हमेशा हिचकी आने की शिकायत रहती है। ऐसे लोग दालचीनी का उपयोग कर सकते हैं। दालचीनी के 10-20 मिली काढ़ा को पिएं। इससे आराम मिलता है।
भूख को बढ़ाने के लिए दालचीनी का सेवन (Dalchini Benefits for Appetite Problem in Hindi)
500 मिग्रा शुंठी चूर्ण, 500 मिग्रा इलायची, तथा 500 मिग्रा दालचीनी को पीस लें। भोजन के पहले सुबह-शाम लेने से भूख बढ़ती है।
उल्टी को रोकने के लिए दालचीनी का प्रयोग (Uses of Dalchini to Stop Vomiting in Hindi)
दालचीनी का प्रयोग उल्टी रोकने के लिए भी किया जाता है। दालचीनी, और लौंग का काढ़ा बना लें। 10-20 मिली मात्रा में पिलाने से उल्टी पर रोक लगती है।
आंखों के रोग में दालचीनी का प्रयोग (Dalchini Benefits in Eye Disease Treatment in Hindi)
अनेक लोग बराबर शिकायत करते हैं कि उनकी आंखें फड़कती रहती हैं। दालचीनी का तेल आंखों के ऊपर (पलक पर) लगाएं। इससे आंखों का फड़कना बन्द हो जाता है, और आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।
दांत के दर्द से आराम पाने के लिए दालचीनी का सेवन (Uses of Dalchini for Dental Pain in Hindi)
- जिन लोगों को दांत में दर्द की शिकायत रहती है, वे लोग दालचीनी का फायदा (Dalchini ke fayde) ले सकते हैं। दालचीनी के तेल को रूई से दांतों में लगाएं। इससे आराम मिलेगा।
- दालचीनी के 5-6 पत्तों को पीसकर मंजन करें। इससे दांत साफ, और चमकीले हो जाते हैं।
दालचीनी का प्रयोग कर सिर दर्द से आराम (Benefits of Dalchini (Cinnamon) in Relief from Headache in Hindi)
- अगर आप सिर दर्द से परेशान रहते हैं, तो दालचीनी का सेवन करें। दालचीनी के 8-10 पत्तों को पीसकर लेप बना लें। दालचीनी के लेप को मस्तक पर लगाने से ठंड, या गर्मी से होने वाली सिर दर्द से आराम मिलता है। आराम मिलने पर लेप को धोकर साफ कर लें।
- दालचीनी के तेल से सिर पर मालिश करें। इससे सर्दी की वजह से होने वाले सिरदर्द से आराम मिलती है।
- दालचीनी, तेजपत्ता, तथा चीनी को बराबर-बराबर मात्रा में मिला लें। इसे चावल के धोवन (चावल को धोने के बाद निकाला गया पानी) से पीस कर बारीक चूर्ण बना लें। इसे नाक के रास्ते लें। इसके बाद गाय के घी को भी नाक के रास्ते लें। इससे सिर से संबंधित विकारों में आराम मिलता है।
- आप तंत्रिका-तंत्र संबंधी परेशानियों के लिए दालचीनी के तेल को सिर पर लगाएं। इससे फायदा होता है।
जुकाम में दालचीनी का इस्तेमाल (Dalchini Uses for Common Cold in Hindi)
- दालचीनी को पानी में घिस कर, गर्म कर लें, और लेप के रूप में लगाएं। इससे जुकाम में फायदा होता है।
- दालचीनी का रस निकालकर सिर पर लेप करने से भी लाभ (benefits of Dalchini) होता है।
दालचीनी के उपयोग से खांसी में फायदा (Cinnamon Uses for Cough Disease in Hindi)
- खांसी के इलाज के लिए दालचीनी का प्रयोग करना फायदेमंद होता है। खांसी से परेशान रहने वाले लोग आधा चम्मच दालचीनी के चूर्ण को, 2 चम्मच मधु के साथ सुबह-शाम सेवन करें। इससे खांसी से आराम मिलता है।
- दालचीनी के पत्ते का काढ़ा बना लें। 10-20 मिली मात्रा में सेवन करने से खांसी ठीक होती है।
- एक चौथाई चम्मच दालचीनी के चूर्ण में 1 चम्मच मधु को मिला लें। इसे दिन में तीन बार सेवन करने से खांसी, और दस्त में फायदा होता है।
नाक के रोग में दालचीनी का इस्तेमाल (Benefits of Dalchini (Cinnamon) to Treat Nasal Disease in Hindi)
दालचीनी 3½ ग्राम, लौंग 600 मिग्रा, सोंठ 2 ग्राम को एक लीटर पानी में उबाल लें। जब यह पानी 250 मिली रह जाए, तो इसे छान लें। इसको दिन में 3 बार लेने से नाक के रोग में लाभ होता है। आपको इसे 50 मिली की मात्रा में लेना है। [
पेट फूलने पर दालचीनी से फायदा (Uses of Dalchini for Abdominal Problem in Hindi)
पेट से संबंधित कई तरह के रोगों में दालचीनी बहुत ही फायदेमंद होती है। 5 ग्राम दालचीनी चूर्ण में 1 चम्मच मधु मिला लें। इसे दिन में 3 बार सेवन करें। पेट के फूलने की बीमारी ठीक होती है।
कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए दालचीनी का उपयोग (Uses of Cinnamon Powder for Cholesterol or Weight Loss in Hindi)
जिन लोगों के शरीर का वजन अधिक होता है, वे वजन को कम करने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं। आप भी मोटापा कम करने में दालचीनी से फायदा ले सकते हैं। एक कप पानी में दो चम्मच मधु, तथा तीन चम्मच दालचीनी का चूर्ण (Cinnamon and honey for weight loss) मिला लें। इसका रोज 3 बार सेवन करें। इससे कोलेस्ट्राल कम होता है।
दस्त पर रोक लगाने के लिए दालचीनी का उपयोग (Uses of Dalchini to Stop Diarrhea in Hindi)
- 5 ग्राम दालचीनी चूर्ण में 1 चम्मच मधु मिला लें। इसे दिन में 3 बार सेवन करें। इससे दस्त में फायदा होता है।
- 750 मिग्रा दालचीनी के चूर्ण में 750 मिग्रा कत्था चूर्ण मिला लें। इसे पानी के साथ दिन में तीन बार सेवन करें। इससे दस्त पर रोक लगती है।
- इसी तरह 4 ग्राम दालचीनी, तथा 10 ग्राम कत्था को मिलाकर पीस लें। इसमे 250 मिली खौलते हुए पानी में डालकर ढक दें। दो घंटे बाद इसे छानकर दो हिस्से करके पिएं। इससे दस्त बन्द हो जाते हैं।
- बेलगिरी के शर्बत में 2-5 ग्राम दालचीनी का चूर्ण मिला लें। इसे सुबह-शाम पीने से दस्त की समस्या में लाभ होता है।
- 10-20 मिली दालचीनी का काढ़ा पीने से पेट संबंधी बीमारियों में लाभ होता है।
- दालचीनी की जड़, और छाल का काढ़ा बना लें। इसे 10-20 मिली की मात्रा में पिएं। इससे आमाशय विकार, और दस्त में लाभ मिलता है।
आमाशय विकार में दालचीनी का प्रयोग (Dalchini Uses for Stomach Problem in Hindi)
- दालचीनी (सिनेमन), इलायची, और तेजपत्ता को बराबर-बराबर लेकर काढ़ा बना लें। इसके सेवन से आमाशय की ऐंठन ठीक होती है।
- दालचीनी के 5-10 मिली तेल को 10 ग्राम मिश्री के साथ खाने से आमाशय में होने वाला दर्द, और उल्टी में लाभ मिलता है।
आंतों के रोग में दालचीनी के सेवन से फायदा (Dalchini Benefits to Treat Intestine Disorder in Hindi)
आंतों को स्वस्थ रखने के लिए भी दालचीनी का इस्तेमाल करना अच्छा (Dalchini ke fayde) परिणाम देता है। दालचीनी (सिनेमन) का तेल पेट पर मलने से आंतों का खिंचाव दूर हो जाता है।
प्रसव के बाद दालचीनी के सेवन से फायदा (Benefits of Dalchini after Post Pregnancy in Hindi)
त्रिकटु, पीपरामूल, दालचीनी, इलायची, तेजपात, तथा अकरकरा लें। इनके 1-2 ग्राम चूर्ण को शहद के साथ चाटें। इससे मां बनने वाली महिलाओं के रोग ठीक हो जाते हैं।
चर्म रोग में दालचीनी से फायदा (Dalchini Benefits in Fighting with Skin Disease in Hindi)
चर्म रोग को ठीक करने के लिए शहद एवं दालचीनी को मिलाकर रोग वाले अंग लगाएं। आप देखेंगे कि थोड़े ही दिनों में खुजली-खाज, तथा फोड़े-फुन्सी ठीक होने लगेंगे।
दालचीनी के सेवन से बुखार में लाभ (Uses of Dalchini in Fighting with Fever in Hindi)
1 चम्मच शहद में 5 ग्राम दालचीनी का चूर्ण मिला लें। सुबह, दोपहर और शाम को सेवन करने से ठंड के साथ आने वाला संक्रामक बुखार ठीक होता है।
बहरेपन की समस्या में दालचीनी से लाभ (Benefits of Dalchini in Deafness Problem in Hindi)
बहरापन एक ऐसी बीमारी है, जिसके कारण जीवन जीना मुश्किल हो जाता है। बहरेपन के इलाज में भी दालचीनी से फायदा होता है। इसके लिए दालचीनी के तेल को कान में 2-2 बूंद डालें। बहरेपन में लाभ होता है।
दालचीनी का उपयोग कर रक्तस्राव पर रोक (Dalchini Benefits to Stop Bleeding in Hindi)
- अगर फेफड़ों, या गर्भाशय से रक्तस्राव हो रहा है तो दालचीनी का काढ़ा 10-20 मिली पिएं। आपको काढ़ा को सुबह, दोपहर तथा शाम पीना है। इससे लाभ पहुंचता है।
- शरीर के किसी भी अंग से रक्तस्राव होने पर एक चम्मच दालचीनी चूर्ण (Dalchini powder) को एक कप पानी के साथ सेवन करें। इसे 2-3 बार सेवन करना है।
साइनस में दालचीनी से फायदा (Uses of Dalchini in Sinus Treatment in Hindi)
दालचीनी, आक का दूध, तथा दारुहल्दी को पीस लें। इसका पेस्ट (बत्ती के जैसा) बना लें। साइनस में नाक के अंदर घाव बन जाता है, इसे उस घाव पर लगाएं। इससे घाव को भर दें। इससे साइनस में फायदा होता है।
टीबी में दालचीनी से लाभ (Benefits of Dalchini in T.B. Disease Treatment in Hindi)
टीबी एक जानलेवा बीमारी है, जिससे देश भर में कई लोग ग्रस्त हैं। पतंजलि के अनुसार, टीबी के इलाज के लिए दालचीनी से लाभ मिलता है। टीबी मरीज को दालचीनी के तेल को थोड़ी मात्रा में पीना है। इससे टीबी के कीटाणु खत्म हो जाते हैं।
गठिया में फायदेमंद दालचीनी का उपयोग (Benefits of Dalchini (Cinnamon) in Arthritis Treatment in Hindi)
- 10-20 ग्राम दालचीनी के चूर्ण को 20-30 ग्राम मधु में मिलाकर पेस्ट बना लें। इसे दर्द वाले स्थान पर धीरे-धीरे मालिश करें। इससे फायदा मिलेगा।
- इसके साथ-साथ एक कप गुनगुने पानी में 1 चम्मच मधु, एवं दालचीनी का 2 ग्राम चूर्ण मिला लें। इसे सुबह, दोपहर, तथा शाम सेवन करें। गठिया में लाभ देता है।
- दालचीनी के पत्ते के तेल को लगाने से भी गठिया में आराम मिलता है।
दालचीनी के नुकसान (Side Effects of Dalchini in Hindi)
जैसे कोई भी चीज किसी के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन जरूरी नहीं कि इससे सभी को फायदा मिले। दूसरे व्यक्ति को उससे हानि भी हो सकती है। इसी तरह दालचीनी के नुकसान भी होते हैं, जो ये हैंः-
- दालचीनी का अधिक मात्रा में सेवन करने से सिर में दर्द (Dalchini ke nukshan) की शिकायत हो सकती है।
- दालचीनी गर्भवती स्त्रियों को नहीं देनी चाहिए, क्योंकि यह गर्भ को गिरा देती है।
- दालचीनी को गर्भाशय में भी रखने से भी गर्भ गिर जाता है।
इसलिए दालचीनी के नुकसान से बचने के लिए इस्तेमाल से पहले चिकित्सक से सलाह जरूर लें।
दालचीनी के उपयोगी भाग (Useful Parts of Dalchini)
दालचीनी का सेवन कई तरह से किया जा सकता है, जो ये हैंः-
- पत्ते
- छाल (Dalchini twak)
- जड़
- तेल
दालचीनी का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Dalchini in Hindi?)
- छाल का चूर्ण- 1 से 3 ग्राम
- पत्तों का चूर्ण- 1 से 3 ग्राम
- तेल- 2 से 5 बूंद
दालचीनी कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Dalchini Found or Grown?)
दालचीनी की खेती दक्षिण-पश्चिमी भारत के समुद्र-तटीय, और निचले पहाड़ी क्षेत्रों जैसे- तमिलनाडु, कर्नाटक एवं केरल में की जाती है। दालचीनी (Dalchini tree) 6-16 मीटर ऊंचा, और मध्यम आकार का होता है। इसके पत्ते गुलाबी रंग के, और चमकीले-हरे होते हैं। इसकी खेती जुलाई से दिसम्बर तक की जाती है।
दालचीनी से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ Related to dalchini in Hindi)
1- सर्दियों में दालचीनी का उपयोग कैसे करें?
आयुर्वेद के अनुसार, सर्दियों में दालचीनी का सेवन काफी फायदेमंद होता है। वैसे तो अधिकांश घरों में दालचीनी का उपयोग मसाले के रूप में होता है लेकिन आप चाहें तो चाय या काढ़ा के रूप में इसका सेवन कर सकते हैं। चाय में दालचीनी डालने से एक तो चाय का स्वाद बढ़ जाता है और दूसरा यह सर्दी से भी बचाव करती है।
2- क्या दालचीनी, वजन कम करने में मदद करती है?
आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार, दालचीनी मेटाबॉलिज्म को बेहतर करती है जिससे वजन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। अगर आप बढ़ते वजन से परेशान हैं तो नियमित रूप से दालचीनी के पाउडर या इससे बने काढ़े का उपयोग करें। इस बात का ध्यान रखें कि कभी भी अधिक लाभ के चक्कर में बहुत अधिक मात्रा में दालचीनी का सेवन ना करें।
3- दालचीनी का पाउडर घर पर कैसे बनाएं?
दालचीनी का पाउडर घर पर बनाना बहुत ही आसान है। इसके लिए दालचीनी के टुकड़ों को धूप में सुखा लें। इसके बाद इन टुकड़ों को खरल (कूटने के लिए उपयोग में लाए जाना वाला उपकरण) में डालकर कूट लें। इन कूटे हुए दालचीनी के टुकड़ों को ग्राइंडर में डालकर बारीक पीस लें. अब आपका दालचीनी पाउडर उपयोग के लिए तैयार है, इसे किसी साफ सूखे एयर टाइट डिब्बे में स्टोर कर लें। रोजाना सीमित मात्रा में इसका उपयोग करें।
4- क्या दालीचीनी का काढ़ा पीने से इम्यूनिटी बढ़ती है?
दालचीनी का काढ़ा इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए सबसे अच्छा घरेलू उपाय है। आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा बताए गए हर्बल काढ़े में भी दालचीनी मुख्य घटक के रूप में शामिल है। सर्दियों में होने वाली मौसमी बीमारियाँ जैसे कि सर्दी-खांसी, गले में खराश आदि से राहत पाने के लिए दालचीनी के काढ़े का उपयोग करना चाहिए।
5- क्या कोरोना वायरस से बचाव में उपयोगी है दालचीनी?
आयुष मंत्रालय के अनुसार कोरोना वायरस से बचाव के लिए इम्यूनिटी का मजबूत होना बहुत ज़रूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए आयुष मंत्रालय ने दिशानिर्देश जारी करते हुए लोगों से हर्बल काढ़ा (इम्यूनिटी बूस्टर काढ़ा) पीने की अपील की है। दालचीनी में भी इम्यूनिटी बढ़ाने वाले औषधीय गुण होते हैं और इसलिए इस काढ़े में दालचीनी को मुख्य घटक के रूप में शामिल किया गया है। कोरोना वायरस के संक्रमण के अलावा यह सर्दियों में होने वाले छोटे-मोटे संक्रमण से बचाव में भी कारगर है। इसलिए रोजाना सीमित मात्रा में दालचीनी का सेवन ज़रूर करें।