एसिडिटी की समस्या लगभग सभी को कभी न कभी हो जाती है। यह पाचन तंत्र से संबंधित आम समस्या है, अत्यधिक तैलीय और मसालेदार भोजन करने से पेट में पित्त के बढ़ने से एसिडिटी की शिकायत हो जाती है और पेट में जलन एवं खट्टी डकारों का सामना व्यक्ति को करना पड़ता है। हमारे पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड पेपसीन मौजूद होता है जो भोजन के पाचन में अहम भूमिका निभाता है। हाइड्रोक्लोरिक एसिड भोजन को टुकड़ों में तोड़ता है और बाहरी बैक्टेरिया से रोगों को बचाता है। हमारे पेट की परत इस एसिड के लिए अनुकूलित होती है इसलिए यह पेट को नुकसान नहीं पहुँचाती। एसिडिटी यदि बार-बार होती है तो यह गैस्ट्रो इसोफेगल डिजीज (Gastro Oesophaegal Disease (GERD) में भी बदल सकती है।
कभी-कभी अनुचित भोजन के कारण यह समस्या सभी को हो सकती है परंतु कुछ लोगों में यह समस्या अधिक होने लगती है जिसे नजरअन्दाज नहीं करना चाहिए अधिक होने पर यह समस्या गंभीर रूप भी ले सकती है। इसलिए सबसे पहले घरेलू नुस्खों को आजमाना चाहिए।
एसिडिटी क्या है? (What is Acidity?)
आयुर्वेद में हाइपरएसिडिटी को अम्लपित्त कहा गया है तथा सामान्य भाषा में इसे पित्त बनना भी कहते है। अधिक मसालेदार, गर्म एवं तीखे भोजन के सेवन के कारण व्यक्ति को एसिडिटी हो जाता है। आयुर्वेद में दोषों के असंतुलन के कारण रोग उत्पन्न होता है। किसी दोष के अधिक बढ़ने या घटने के कारण दोष असंतुलित अवस्था में आकर रोगोत्पत्ति करते है। अम्लपित्त में मुख्यत पित्त दोष बढ़कर अम्लता उत्पन्न करता है जिस कारण व्यक्ति को सीने में जलन और खट्टी डकारें आती है।
आयुर्वेदीय उपचार सही खान-पान और जीवनशैली का भी निर्देश देता है अत इसमें पित्त को कम करने वाला उपचार के साथ-साथ पित्त को कम करने वाले आहार सेवन करने का भी निर्देश दिया जाता है, यदि उपचार करते समय निर्दिष्ट आहार का पालन न किया जाए तो रोग ठीक नहीं होता। अत: आयुर्वेदीय उपचार में खान-पान पर भी ध्यान रखना चाहिए।
एसिडिटी होने के कारण (Causes of Acidity)
एसिडिटी होने के बहुत सारे कारण हैं जिनमें ये प्रमुख हैं-
- अत्यधिक मिर्च-मसालेदार और तैलीय भोजन करना।
- पहले खाए हुए भोजन के बिना पचे ही पुन भोजन करना।
- अधिक अम्ल पदार्थों के सेवन करने पर।
- पर्याप्त नींद न लेने से भी हाइपर एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
- बहुत देर तक भूखे रहने से भी एसिडिटी की समस्या होती है।
- लम्बे समय से पेनकिलर जैसी दवाइओं का सेवन करने से।
- गर्भवती महिलाओं में भी एसिड रिफ्लक्स की समस्या हो जाती है।
- नमक का अत्यधिक सेवन करने से।
- शराब और कैफीन युक्त पदार्थ का अधिक सेवन।
- अधिक भोजन करना और भोजन करते ही सो जाना।
- अधिक धूम्रपान के कारण।
- कभी-कभी अत्यधिक तनाव लेने के कारण भी भोजन ठीक प्रकार से हजम नहीं होता और एसिडिटी की समस्या हो जाती है।
- आजकल किसान फसल उगाने में कई प्रकार के कीटनाशक और उर्वरक का इस्तेमाल करते है, जिससे यह जहरीले रासायनिक खाद्य पदार्थ खाद्य सामग्रियों के माध्यम से शरीर में पहुँच कर पेट से संबंधित रोग उत्पन्न करते है।
एसिडिटी के लक्षण (Symptoms of Acidity)
वैसे तो एसिडिटी का मूल लक्षण पेट में गैस पैदा होना होता है, लेकिन इसके सिवा और भी लक्षण होते हैं जो आम होता है-
- सीने में जलन जो भोजन करने के बाद कुछ घंटो तक लगातार रहती है।
- खट्टी डकारों का आना कई बार डकार के साथ खाने का भी गले तक आता है।
- अत्यधिक डकार आना और मुँह का स्वाद कड़वा होना
- पेट फूलना
- मिचलाहट होना एवं उल्टी आना
- गले में घरघराहट होना
- साँस लेते समय दुर्गन्ध आना
- सिर और पेट में दर्द
- बैचेनी होना और हिचकी आना
एसिडिटी से बचने के उपाय (How to prevent Acidity)
आम तौर पर असंतुलित भोजन और जीवनशैली के कारण एसिडिटी की समस्या होती है। इसके लिए अपने जीवनशैली और आहार में कुछ बदलाव लाने पर एसिडिटी की समस्या को कुछ हद तक नियंत्रण में लाया जा सकता है।
- टमाटर भले ही खट्टा होता है लेकिन इससे शरीर में क्षार की मात्रा बढ़ती है और इसके नियमित सेवन से एसिडिटी की शिकायत नहीं होती।
- खाने के बाद नियमित रूप से एक कप अनानास के रस का सेवन करें।
- तैलीय एवं मिर्च-मसालेदार भोजन से दूर रहें, जितना हो सके सादा एवं कम मसाले वाला भोजन करें।
- पेट भर भोजन के बाद तुरन्त न सोए। सोने से लगभग दो घंटे पहले ही भोजन कर लें।
- भोजन करने के बाद टहलने की आदत डालें।
- सुबह उठकर नियमित रूप से 2–3 गिलास ठंडा पानी पिए तथा उसके लगभग एक घंटे तक कुछ न खाए।
- जंकफूड, प्रिजरवेटिव युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन बिल्कुल न करें।
- चाय और कॉफी का सेवन कम से कम करें।
- एक ही बार में बहुत सारा खाना खाने की बजाय कम मात्रा में 2–3 बार खाए।
- अनार और आँवला को छोड़कर अन्य खट्टे फलों से परहेज करना चाहिए।
- नाश्ते में पपीते के फल का सेवन करें।
- योग एवं प्राणायाम करें।
एसिडिटी से राहत पाने के घरेलू उपाय (Home Remedies for Acidity in Hindi)
आम तौर पर एसिडिटी से राहत पाने के लिए लोग पहले घरेलू नुस्खों (home remedies for acidity) पर ही ऐतबार करते हैं। चलिये ऐसे कौन-कौन-से घरेलू उपाय हैं जो एसिडिटी दूर करने में सहायता करते हैं-
ठंडा दूध, एसिडिटी कम करने में सहायक (Cold milk helps to relieve from Acidity in Hindi)
एसिडिटी होने पर ठंडे दूध में एक मिश्री मिलाकर पीने से राहत मिलती है।
जीरा और अजवाइन का मिश्रण एसिडिटी में कारगर (Jeera and ajwain mixture helps to ease Acidity in Hindi)
एक चम्मच जीरे और अजवायन को भूनकर पानी में उबाल लें और इसे ठण्डा कर के चीनी मिलाकर पिए।
सौंफ एसिडिटी में फायदेमंद (Fennel seed benefits for Acidity in Hindi)
खाना खाने के बाद सौंफ चबाने से एसिडिटी से राहत मिलती है।
एसिडिटी से लड़ने में सहायक है दालचीनी (Cinnamon beneficial in Acidity in Hindi)
दालचीनी एक नैचुरल एंटी एसिड के रूप में काम करता है और हजम शक्ति को बढ़ाकर अतिरिक्त एसिड बनने से रोकता है।
गुड़ का सेवन पेट की एसिडिटी को करता है कम (Jaggary helps to get rid of Acidity in Hindi)
भोजन के बाद या दिन में कभी भी गुड़ का सेवन करें। गुड़ पाचन क्रिया को सुधार कर पाचन तंत्र को अधिक क्षारीय बनाता है और पेट की अम्लता को कम करता है।
केला एसिडिटी के लक्षणों से दिलाये राहत (Banana helps to get relieve from the symptoms of Acidity in Hindi)
एसिडिटी की समस्या होने पर रोज एक केला खाने पर आराम मिलता है।
नारियल पानी एसिडिटी से लड़ने में करे मदद (Coconut water helps to treat Acidity in Hindi)
एसिडिटी होने पर नारियल पानी का सेवन करें।
एसिडिटी का करे उपचार तुलसी (Tulsi help to treat Acidity in Hindi)
पानी में 5–7 तुलसी की पत्तियों को उबाल लें। अब इसे ठंडा कर के इसमें थोड़ी चीनी मिलाकर पिए।
गुलकंद एसिडिटी से आराम दिलाने में करे सहायता (Gulkand helps to get relief from Acidity in Hindi)
गुलकन्द का सेवन करें, यह हाइपर एसिडिटी में बहुत लाभदायक होता है।
आंवला का मिश्रण एसिडिटी से दिलाये राहत (Amla mixture Relives Acidity in Hindi)
सौंफ, आँवला और गुलाब के फूलों का चूर्ण बनाकर सुबह-शाम आधा-आधा चम्मच लेने से एसिडिटी में आराम मिलता है।
एसिडिटी के लिए फायदेमंद जायफल और सोंठ का मिश्रण (Nutmeg and dry ginger mixture good for Acidity in Hindi)
जायफल तथा सोंठ को मिलाकर चूर्ण बना लें और इसे एक-एक चुटकी लेने से एसिडिटी समाप्त हो जाती है।
गिलोय एसिडिटी कम करने में लाभदायक (Giloy helps in Acidity in Hindi)
एसिडिटी कम करने में गिलोय फायदेमंद औषधि है। पाँच से सात गिलोय की जड़ के टुकड़े लेकर पानी में उबाल लें तथा इसे गुनगुना कर के पिएं।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए (When to see a Doctor)
अगर एसिडिटी की समस्या बार-बार हो और घरलू उपायों से भी राहत ना मिले तो डॉक्टर से संपर्क करे।