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उल्टी रोकने के घरेलू उपाय : Ulti (Vomiting) ke Liye Gharule Nuskhe

उल्टी किसी को भी आ सकती है। कभी अनपच होने के कारण, तो कभी उलटा-सीधा भोजन करने के कारण। गर्भावस्था में भी महिलाओं को उल्टी आती है। अनेक लोगों को बस, कार या टैक्सी में उल्टियां हो जाती हैं। आमतौर पर जब भी किसी को उल्टी (Ulti) आती है, तो लोग सबसे पहले दवाई से उल्टी का इलाज करने की कोशिश करते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि आयुर्वेद में उल्टी को रोकने के लिए कई घरेलू उपाय (Home Remedies for Vomiting) भी बताए गए हैं।

जी हां, अगर आपको भी बराबर उल्टी आती है और आप उल्टी से परेशान हो जाते हैं, तो आपको जरूर जानना चाहिए कि उल्टी रोकने के घरेलू उपाय क्या हैं?

उल्टी क्या है? (What is Vomiting or Ulti?)

आप उल्टी को इस तरह समझ सकते हैंः-

  • शरीर की जिस तरह की बनावट होती है, उसमें पेट में जब कभी कोई अनावश्यक पदार्थ जमा हो जाता है, तो पेट उसे बाहर निकाल देता है। इसी कारण उल्टी होती है।
  • इसी तरह शरीर में आमाशय के अन्दर विषाक्त पदार्थों को बलपूर्वक शरीर के बाहर निकालने की शारीरिक प्रक्रिया को भी उल्टी होना कहते हैं।
  • उल्टी एक अनियंत्रित अनैच्छिक शारीरिक प्रक्रिया है, जो पेट के अन्दर मौजूद पदार्थ को मुंह के रास्ते बाहर निकाल देती है।
  • उल्टी मस्तिष्क के उस भाग द्वारा नियंत्रित की जाती है, जो अनैच्छिक, शारीरिक कार्यों को नियंत्रित करता है। उल्टी एक ऐसा रिफ्लक्स है, जो मस्तिष्क के संकेत पर काम करता है।

उल्टी हो सकती है किसी खास बीमारी का संकेत (Vomiting Indicates Various Diseases)

पेट और गेस्ट्रोइंटेस्टिनल विकार से जुड़ी बीमारियों के अलावा कुछ अन्य बीमारियां भी हैं, जो उल्टी का कारण बनती हैं। इनमें से कुछ ये हैः-

  • दिल का दौरा पड़ने पर भी उल्टी और मतली का अनुभव हो सकता है। यह एंजाइना का एक सामान्य लक्षण होता है। यह खासतौर पर तब होता है, जब दिल का दौरा दिल के निचले हिस्से को प्रभावित करता है।
  • फेफड़े में संक्रमण जैसे- निमोनिया और ब्रोंकाइटिस आदि से भी मतली और उल्टियां लगने लगती हैं।
  • जब शरीर के किसी भाग का अत्यधिक संक्रमण खून के माध्यम से पूरे शरीर में फैल जा जाता है तो उल्टी की समस्या हो सकती है।
  • भोजन संबंधी विकार (Eating disorders) जैसे बुलीमिया से ग्रसित मरीज उल्टी को अपने अन्दर खुद विकसित करते हैं। यह मानसिकता से जुड़ी बीमारी होती है,  इसमें जब तक मरीज उल्टी ना कर लें, उसको शान्ति का अनुभव नहीं होता। इसलिए वे ऐसा भोजन खाते हैं जिनसे उनको उल्टी लगे।

उल्टी होने के कारण (Vomiting Causes in Hindi)

उल्टी होने के निम्न कारण हो सकते हैंः-

  • अक्सर पेट में जलन हो जाता है। यह किसी सामान्य वायरस या अन्य किसी संक्रमण के कारण भी हो सकता है। इससे पेट में एक ऐंठन के साथ-साथ दर्द होने लगता है। यह उल्टी का कारण बनता है।
  • नोरोवायरस और रोटावायरस से फैले संक्रमण के कारण, या हैलिकोबैक्टर समूह के वायरस (जैसे H. Pylori) से हुए संक्रमण के कारण उल्टी आने लगती है।
  • गैस्ट्रोएन्टराइटिस (Gastroenteritis) या स्टमक फ्लू (Stomach Flu) के कारण भी उल्टी और दस्त हो सकती है।
  • बुखार और ठण्ड लगने से भी उल्टी हो सकती है।
  • फूड पॉइजनिंग (Food poisoning) के कारण गम्भीर रूप से उल्टियां हो सकती हैं।
  • शराब, धूम्रपान और नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इन्फ्लामेट्री दवाओं जैसे आईबूप्रोफेन आदि के कारण भी पेट की अंदरूनी परत में जलन होने लगती हैं। इस कारण उल्टी की संभावना हो जाती है।
  • पेट में अल्सर (पेट में होने वाले छाले) के कारण पेट की अंदरुनी परत में जलन पैदा हो जाती है, जो पेट की रक्षात्मक परत को नुकसान पहुंचाने लगती है। इससे भी उल्टी होने लगती है।
  • उल्टी गेस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स रोग से भी जुड़ी है। इसे रिफ्लक्स इसोफेजाइटिस भी कहा जाता है। इसमें पेट से अम्लीय पदार्थ इसोफेगस के अन्दर रिफ्लक्स होने लगते हैं। इससे उल्टी होने लगती है।
  • न्यूरोलोजिकल (Neurogical) परेशानियों के कारण उल्टी और मतली हो सकती है।
  • सिर दर्द के कारण भी उल्टी होती है।
  • कान के भीतरी हिस्से में होने वाली परेशानी (Motion sickness), लेबरिनथाइटिस (Labyrinthitis), चक्कर (Benign positional vertigo), मेनिएर रोग (Meniere’s disease) आदि के कारण भी उल्टी हो सकती हैं।
  • दिमाग में बढ़ने वाले (इंट्राक्रेनिय) दबाव (Intracranial pressure) के कारण, या किसी भी बीमारी या चोट से जब मस्तिष्क में इंट्राक्रेनिय का दबाव बढ़ जाता है, तो उससे उल्टी जैसी समस्या होने लगती है।
  • इसी तरह हानिकारक उत्तेजनाएं (Noxious stimulus) जैसे किसी प्रकार की गंध या कोई आवाज, जिससे मस्तिष्क प्रभावित होती हैं उससे उल्टी हो सकती है।
  • तापमान संबंधित बीमारी जैसे थकावट के कारण शरीर का तापमान बढ़ना, अधिक तेज धूप, या गर्मी के कारण उल्टी हो सकती है।
  • ऐसी कई बीमारियां होती हैं, जो पेट के अंदरूनी अंगों को प्रभावित करती हैं, जिससे मतली और उल्टी के लक्षण विकसित हो जाते हैं, इनमें पाचन अंगों के रोग शामिल हैं, जैसे- हैपेटाइटिस, पित्ताश्य के रोग, अग्नाश्य के रोग, गुर्दे के रोग (गुर्दों की पथरी, क्रोनिक किडनी रोग, कैंसर और अपेंडिसाइटिस आदि शामिल हैं)।
  • डायबिटीज से ग्रसित लोगों को भी अक्सर उल्टी और मतली जैसी समस्याएं होने लगती हैं, क्योंकि उनके खून में वसा (फैट) का स्तर असामान्य तरीके से घटता और बढ़ता रहता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनके खून में इन्सुलिन का संतुलन खराब हो जाता है।
  • आंतों की प्रक्रिया में रुकावट पैदा होने के मुख्य कारण जैसे- पहले की गई सर्जरी और उससे एडहेजन विकसित होने के कारण भी उल्टी हो जाती है।
  • इसके अलावा हार्निया और पाचनतंत्र का सही तरह से काम ना करने के कारण भी उल्टी हो सकती है।
  • इसके साथ-साथ पेट का अकड़ना, ट्यूमर, इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD), आदि भी उल्टी का कारण हो सकती है।

बस या गाड़ी में उल्टी होने के कारण (Causes of Vomiting in Bus or Car)

गाड़ियों में उल्टी होने के अनेक कारण होते हैं, जो ये हो सकते हैंः-

  • अधिकांश लोगों को अगरबत्ती या इत्र आदि की गंध के कारण उल्टी हो जाती है। ऐसा तब होता है जब किसी यात्री को सुबह जल्दी यात्रा करनी पड़ती है। इस समय ऐसा देखा गया है कि कई यात्रियों की नाक इत्र की गंध को सूंघना नहीं चाहती है। ऐसे में जब अगरबत्ती की गंध नाक तक पहुंचती है, तो इससे दिमाग और पेट अस्वस्थ महसूस करने लगता है, और उल्टी हो जाती है।
  • इसी तरह जब मस्तिष्क के अंदर के कान का भाग, आंख और नसों को विरोधाभासी जानकारी मिलती है, तो उल्टी की संभावना बनने लगती है, जैसे- यदि कोई व्यक्ति किताब पढ़ रहा है, ऐसे में जब उसकी आंखे केवल पढ़ने में व्यस्त होती है, और इस समय कान दिमाग को चलने की बात बताता है। तीनों की एक सी समझ ना होने के कारण शरीर को लगता है विष की उत्पत्ति हो गई है। शरीर विष को निकालने के लिए उल्टी हो जाती है। आंतरिक कान में संतुलन की गड़बड़ी के कारण उल्टी होती है।
Vomiting During Traveling

गर्भवती महिलाओं को उल्टी आने के कारण (Causes of Vomiting or Ulti in Pregnant Women)

गर्भावस्था या गर्भवती स्त्रियों को उल्टी होने के निम्न कारण हो सकते हैंः-

  • गर्भावस्था में HCG (Human Chorionic Gonadotropin) और Oestroge नामक हार्मोन बढ़ते हैं। अगर यह आवश्यकता से अधिक मात्रा में बढ़े, तो इस वजह से गर्भवती महिला को उल्टी हो सकती है।
  • कभी कभार एक से ज्यादा गर्भ होने के कारण भी हार्मोन की अधिकता हो जाती है। इससे गर्भावस्था के दौरान उल्टी आती है।
  • गर्भावस्था से होने वाले बदलाव के कारण शरीर अतिसंवेदनशील हो जाता है। इससे एसिडिटी की समस्या होने लगती है, और इससे उल्टी होने लगती है।
  • कुछ महिलाओं में एच पाइलोरी नामक बैक्टीरिया की अधिकता की वजह से जी मिचलाने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
  • मसाला युक्त आहार, लहसुन आदि तीव्र गंध युक्त पदार्थ, और परफ्यूम (इत्र) की गहरी खुशबू के वजह से गर्भवती स्त्रियों को उल्टी होती है।
  • अधिक तनाव से शरीर के हार्मोन बढ़कर गर्भवती स्त्री को उल्टी से परेशान कर देते हैं।
  • अगर पहली प्रेगनेंसी में उल्टी और मतली की परेशानी रही है, तो यह दूसरी बार गर्भवती बनने पर भी हो सकती है।
  • अगर कोई महिला गर्भ रहने से पहले बर्थ कंट्रोल पिल्स ले रही है, तो इससे भी उल्टी हो सकती है।
  • अगर आपको मोशन सिकनेस जैसे- बस या गाड़ी में जाने पर उल्टी की शिकायत रहती है, तो प्रेग्नेंसी में भी यह शिकायत रह सकती है।
  • अगर माता या पिता या बहन को मॉर्निंग सिकनेस की परेशानी रही हो, तो आपको भी हो सकती है।
  • माइग्रेन हेडेक जैसी कोई शिकायत भी गर्भवती स्त्रियों में उल्टी का कारण बनती है।

वातज, पित्तज और कफज दोष के कारण उल्टी (Vomiting Due to Wataj, Pittaj, Kafaj Disorder)

स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में वात, पित्त व कफ तीनों बराबर अवस्था में रहते हैं। जब कोई व्यक्ति कफवर्धक आहार की अधिक मात्रा लेता है तो पाचन शक्ति आहार का पाचन नहीं कर पाती। आहार का पाचन ना होने के कारण वह मुंह से बाहर आ जाता है। 

इसी प्रकार जब वायुवर्धक आहार-विहार का सेवन किया जाता है, तो यह वायु अन्न के मार्ग में अवरोध उत्पन्न करता है। इसके कारण अन्न का पाचन नहीं होता है, और यह मुंह से बाहर आ जाता है।

वातज-पित्तज-कफज दोष के कारण होने वाली उल्टी के लक्षण और उपचार (Treatment of  Vataj-Pittaj-Kafaj Vomiting in Hindi)

उल्टी को रोकने के लिए घरेलू नुस्खे (Indian Home Remedies for Vomiting) के रूप में ये उपाय करने चाहिएः-

वात दोष के कारण होने वाली उल्टी के लक्षण

  • छाती में दर्द होना
  • मुंह, सिर एवं नाभि में पीड़ा
  • आवाज के साथ डकार आना
  • उल्टी में काला या पतला झाग आना

वात दोष के कारण होने वाली उल्टी का उपचार 

  • वात दोष के कारण उत्पन्न उल्टी में घी का सेवन करना चाहिए।
  • मांसरस सेवन करना चाहिए।

पित्त विकार के कारण होने वाली उल्टी के लक्षण

  • बेहोशी
  • प्यास अधिक लगना
  • सिह व आंखों में जलन होना
  • आंखों के आगे अन्धेरा छाना
  • चक्कर आना
  • मुंह का सूखना

पित्त विकार के कारण होने वाली उल्टी का इलाज 

पित्तज उल्टी (Ulti) में पेय, जूस व मांस रस का सेवन करायें।

कफज विकार के कारण होने वाली उल्टी के लक्षण

  • मुंह में मीठा स्वाद होना
  • ज्यादा एवं लगातार मुख से पानी निकालना
  • ज्यादा नींद
  • शरीर में भारीपन

कफज विकार के कारण उल्टी रोकने के उपाय

ज्यादा उल्टी कराकर शरीर के कफ को बाहर निकालना चाहिए।

उल्टी रोकने के घरेलू उपाय (Home Remedies for Vomiting in Hindi)

आइये उल्टी रोकने के कुछ प्रमुख घरेलू उपायों के बारे में जानते हैं।

तुलसी का प्रयोग कर उल्टी पर रोक (Tulsi: Home Remedies to Stop Vomiting or Ulti in Hindi)

  • तुलसी का रस निकालकर पीने से उल्टी (Ulti) में बहुत जल्दी आराम होता है।
  • तुलसी की पत्तियों के रस में शहद मिलाकर भी पी सकते हैं।
  • अगर बार-बार उल्टी आ रही हो, तो प्याज के रस में शहद मिलाकर पिएं।
Tulsi Benefits for Vomiting

पानी से उल्टी की रोकथाम (Water: Home Remedies for Prevent Vomiting or Ulti in Hindi)

  • बार-बार उल्टी आने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इस कारण और ज्यादा उल्टियां (Ulti) आनी शुरू हो जाती हैं। इसके लिए आप एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़ लें। इसमें चीनी और नमक मिलाकर थोड़ी-थोड़ी देर बाद पीते रहें।
  • अगर आप पानी उबालकर ठंडा करके पिएंगे तो यह फायदेमंद रहेगा। उल्टी रोकने और शरीर में पानी की कमी ना होने देने का यह तरीका सबसे सस्ता है। इसको आप किसी भी वक्त कर सकते हैं। इससे आपकी उल्टी रुक जाएगी।

उल्टी से आराम पाने के लिए प्याज का उपयोग (Onion: Home Remedy to Control Vomiting in Hindi)

  • प्याज भी उल्टी (Ulti) को रोकने में बहुत मदद करता है। एक चम्मच प्याज का रस लें। इसमें एक चम्मच अदरक पीसकर मिला लें। इसका प्रयोग थोड़ी-थोड़ी देर बाद करते रहें। यह भी उल्टी को रोकने में बहुत सहायक हैं।
  • प्याज और धनिया का रस मिलाकर पिलाने से उल्टी तुरंत बंद हो जाती है, और जी मिचलाना भी कम हो जाता है।

काली मिर्च से उल्टी पर रोक (Black Pepper: Home Remedies to Treat Vomiting in Hindi)

  • अगर जी मिचला रहा है, या उल्टी आ रही है, तो चार दाने काली मिर्च लेकर चूसें। उल्टी में आराम मिलता है।
  • 5-6 काली मिर्च लेकर करेले के पत्ते के रस में मिला लें। इसे पीने से भी उल्टी बंद हो जाती है।

Kali Mirch

चावल से उल्टी का इलाज (Rice: Gharelu Nuskhe to Stop Vomiting in Hindi)

100 ग्राम चावल को उबालें। जब चावल उबलकर तैयार हो जाएं, तो उसमें बचे पानी को एक बर्तन में निकाल लें। इस चावल के पानी को लावा या मांड भी कहते हैं। इसमें शहद और चीनी मिलाएं। इसी के बराबर मूंग की दाल का काढ़ा बनाएं, और मिला लें। इसको दिन में दो-तीन बार लेने उल्टी में बहुत लाभ (gharelu nuskhe for vomiting) मिलता है।

उल्टी को रोकने के लिए लौंग का इस्तेमाल (Cloves: Home Remedies to Prevent Vomiting or Ulti in Hindi)

  • लौंग भी उल्टी रोकने में बहुत मदद करता है। लौंग को चूस सकते हैं।
  • लौंग और दालचीनी का काढ़ा बनाकर पी सकते हैं।
  • ढाई सौ ग्राम पानी में 5 लौंग डालकर काढ़ा बनाएं। जब काढ़ा आधा रह जाए, तब इसमें थोड़ी सी मिश्री, या चीनी मिलाकर उल्टी वाले रोगी को पिलाएं। इससे उल्टी आनी बंद हो जाएगी। इसका प्रयोग दिन में तीन चार बार करें। लौंग में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो आपके पाचन को बेहतर करके उल्टी से छुटकारा (Home Remedies for Vomiting) दिलाता है।

उल्टी को रोकने का घरेलू इलाज अदरक से (Ginger: Home Remedies to Treat Vomiting or Ulti in Hindi)

  • अदरक और नींबू के रस की मात्रा बराबर मात्रा में डालकर रस तैयार कर लें। यह उल्टी का घरेलू इलाज है। अदरक में एंटी-एमिटिक गुण होता है, जो पाचन-तंत्र को स्वस्थ बनाने में मदद करता है।
  • अदरक और प्याज का रस एक चम्मच मिलाकर पिएं। इससे उल्टी में लाभ होता है।
  • एक चम्मच अदरक के रस में थोड़ा-सा सेंधा नमक, और काली मिर्च का पाउडर मिलाकर पीने से भी उल्टी आनी बंद हो जाती है।

उल्टी को रोकने का घरेलू उपचार नीम से (Neem: Home Remedies to Stop Vomiting in Hindi)

  • 20 ग्राम नीम के कोमल पत्ते लेकर पीस लें। इसे एक गिलास पानी में डालें। इसे थोड़ा-थोड़ा करके थोड़ी-थोड़ी देर बाद पीने से हर एक प्रकार की उल्टी बंद हो जाती है।
  • नीम की छाल का रस निकालकर शहद के साथ पीने से भी उल्टी में बहुत आराम मिलता है। इनमें से आप किसी एक का प्रयोग कर सकते हैं।
Neem

कलौंजी का उपयोग कर उल्टी का इलाज (Corset: Home Remedy to Prevent Vomiting in Hindi)

आधा चम्मच कलौंजी का तेल, आधा चम्मच अदरक का रस मिलाकर उल्टी वाले रोगी को पिलाएं। इसका प्रयोग सुबह-शाम दोनों वक्त कर सकते हैं।

अजवाइन के सेवन से उल्टी का उपचार (Ajwain : Home Remedy to Control Vomiting or Ulti in Hindi)

अजवाइन, देसी कपूर और पुदीना के फूल के 10-10 ग्राम की मात्रा को अच्छी तरह मिलाकर, एक कांच की बोतल में डालेंं। इसे धूप में रख दें। थोड़ी देर में वह पिघलकर रस बन जाएगा। इसकी 3-4 बूंदें उल्टी वाले रोगी को दें। इसका दिन में एक या दो बार प्रयोग कर सकते हैं। उल्टी को रोकने में बहुत उपयोगी है।

उल्टी रोकने के लिए धनिया का प्रयोग (Benefits of Dhaniya for Vomiting in Hindi)

हरी धनिया का रस निकालें। इसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक, और एक नींबू डालकर पीने से उल्टी में तुरंत लाभ होता है। आधा चम्मच धनिया का पाउडर, आधा चम्मच सौंफ का पाउडर एक गिलास पानी में डालें। इसमें थोड़ी-सी चीनी या मिश्री घोल कर पीने से उल्टी आनी बंद हो जाती है।

 

अनार के सेवन से उल्टी का इलाज (Anar: Home Remedies to Control Vomiting in Hindi)

  • अनार का रस निकालकर पिलाने से गर्भवती स्त्रियों की उल्टी बंद हो जाती है।
  • अनार के दानों को पीस लें। इसमें थोड़ी-सी काली मिर्च और नमक मिलाकर खाने से बहुत ही लाभ मिलता है, और घबराहट (ulti rokne ka gharelu upay) भी दूर हो जाती है।
Anar benefits in hindi

गिलोय का उपयोग कर उल्टी पर रोक (Giloy: Home Remedy to Stop Vomiting in Hindi)

गिलोय के रस में मिश्री मिलाकर दो चम्मच रस पिएं। इसका प्रयोग दिन में तीन बार कर सकते हैं। इससे उल्टी आनी बंद हो जाएगी। गिलोय का काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं। गिलोय बहुत प्रकार से लाभकारी होता है।

उल्टी की रोकथाम के लिए टमाटर का उपयोग (Tomato: Home Remedy to Treat Vomiting or Ulti by Tomato in Hindi)

एक पका हुआ टमाटर लें। उसमें चार छोटी इलायची, और 5-6 काली मिर्च को कूटकर टमाटर का रस मिला दें। उसको अच्छी तरह से घोलकर उल्टी वाले व्यक्ति को पिला दें। यह नुस्खा उल्टी रोकने में तुरंत लाभ करता है।

Tamatar ke fayde

एप्पल साइडर विनेगर से उल्टी का इलाज (Apple Cider Vinegar: Home Remedies to Treat Vomiting in Hindi)

एप्पल साइडर विनेगर आपको मिचली से कुछ ही मिनटों में आराम दिलाता है। यह उल्टी में काफी जल्दी काम करता है। यह आपके पेट को शांत करके आपके शरीर को डिटोक्सिफाई करता है। इसके एंटी-माइक्रोबियल गुणों के कारण यह फूड फॉइनिंजग बनने से रोकता है।

  • 1 चम्मच शहद और 1 चम्मच एप्पल साइडर विनेगर को एक गिलास पानी में मिला लें। इसे पिएं। इस उपचार को तब तक सेवन करें, जब तक आपको उल्टी से छूटकारा (gharelu nuskhe for vomiting) ना मिल जाएं।
  • कभी-कभी ऐसा होता है कि उल्टी की बदबू से आपको और भी अधिक उल्टी आने लगती है। ऐसे में आप अपने एक चम्मच एप्पल साइडर विनेगर को एक कप पानी में मिलाकर कुल्ला कर लें। इससे आप बेहतर महसूस करने लगेंगे।

अलसी के बीज उल्टी रोकने में सहायक (Alsi or Linseed: Home Remedy to Treat Vomiting  in Hindi)

  • अलसी के बीजों को पीस लें। इसमें गुनगुना पानी डालकर कुछ देर के लिए रख दें। कुछ देर के बाद पानी को छानकर अलसी को अलग कर दें। इस मिक्चर का सेवन करें। इसका सेवन आप दिन में दो बार कर सकते हैं।
  • अलसी के बीजों का सीधा सेवन करने से भी आपको काफी आराम मिलेगा।

उल्टी को रोकने के लिए पुदीना का उपयोग फायदेमंद (Peppermint: Home Remedy for Vomiting Treatment in Hindi)

पुदीना का रस निकालें, और उसमें नींबू का रस, और शहद बराबर मात्रा में लेकर मिला लें। इसका दिन में दो-तीन बार प्रयोग करें। पुदीने की पत्तियां भी चबा कर खाने से उल्टी में तुरंत लाभ (Ulti Rokne ka Gharelu Upay) पहुंचता है।

पुदीना के फायदे

उल्टी के उपचार के लिए सौंफ का इस्तेमाल (Benefits of Fennel in Vomiting Treatment in Hindi)

  • सौंफ में उल्टी को रोकने के औषधीय गुण होते हैं। सौंफ के यह गुण पाचन क्रिया को सही रखने में भी सहायता करते हैं। उल्टी से तुरंत राहत पाने के लिए आप सौंफ को सीधे चबाना शुरू कर दें।
  • आप रोसटिड सौंफ को सब्जी की करी, फलों के चाट आदि में छिड़ककर सेवन कर सकते हैं।
  • सौंफ की 1/4 चम्मच को गर्म पानी में डालकर कुछ देर उबलने दें। इसके बाद इस पानी को छान लें। गुनगुना हो जाने पर पानी का सेवन करें।

 

यात्रा (सफ़र) के दौरान उल्टी रोकने के उपाय (Home Remedies to Stop Vomiting During Travelling)

यात्रा के दौरान होने वाली उल्टी को रोकने के लिए ये तरीका अपनाएंः-

  • बस की गंध को कम से कम सूंघें।
  • ताजी हवा में सांस लें।
  • बस में हवादार माहौल बनाएं।
  • बस की अपनी खिड़कियां खोलें।

गर्भवावस्था में उल्टी रोकने के उपाय (Home Remedies to Stop Vomiting in Pregnant Women)

गर्भवती महिलाओं को उल्टी रोकने के लिए ये उपाय करना चाहिएः-

गर्भवती स्त्रियों की उल्टी रोकने के लिए अदरक का इस्तेमाल (Ginger: Home Remedies to Stop Vomiting in Pregnancy in Hindi)

अदरक उल्टी को ठीक के सबसे उत्तम तरीकों में से एक है। यह गर्भावस्था की उल्टियों को रोकने के लिए सदियों से उपयोग किया जाता रहा है। यह आपके पाचन-तंत्र के लिए भी अच्छा होता है। अदरक का उपयोग गर्भावस्था के दौरान उल्टी को रोकने में किस प्रकार कर सकते हैं-

  • अदरक का एक छोटा टुकड़ा चूसें। इससे आपको उल्टी से राहत मिलेगी।
  • आप अदरक के रस की पांच बूंदों को एक चम्मच शहद के साथ मिला लें। इसे सुबह उठकर धीरे-धीरे चाटती रहें। इससे आपको गर्भावस्था के दौरान होने वाली उल्टी से राहत (Home Remedies for Vomiting) मिलेगी।
  • इसके अलावा आप 10 मिनट के लिए एक कप पानी में एक चम्मच अदरक को उबाल लें। इसमें थोड़ा-सा शहद मिलाएं। इस प्रकार बनी अदरक की चाय का उपयोग आप सुबह के समय पिएं।

गर्भावस्था के दौरान उल्टी रोकने के अन्य घरेलू उपाय (Tips to Stop Vomiting During Pregnancy Naturally)

  • पानी को दिनभर थोड़ी-थोड़ी देर में पीते रहें।
  • सोते समय अपने बिस्तर के पास एक गिलास पानी अवश्य रखें। सुबह जागने के तुरन्त बाद इसे पिएं।
  • इसके साथ-साथ पूरे दिन पर्याप्त पानी पीती रहें। यह आपके मूड को अच्छा बनाने, और आपके पाचन में सुधार करेगा।

उल्टी के दौरान आपका खान-पान (Your Diet for Vomiting or Ulti)

उल्टी के दौरान आपका खान-पान ऐसा होना चाहिएः-

  • हल्का खाना जैसे दलिया, खिचड़ी लें।
  • उल्टी होने के बाद साफ पानी में थोड़ा नमक मिलाकर अच्छे से कुल्ला कर लें। 
  • बार-बार उल्टी हो तो पानी की शरीर में कमी ना हो। इसका ध्यान रखें। लगातार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पानी पीते रहें।
  • खाना खाने के बाद जी घबराता है तो एक बार में ज्यादा खाने से बचें। इसके बजाय कम भोजन ज्यादा बार लेना फायदेमंद होता है।
  • शांति के साथ धीरे-धीरे खाएं।
  • उल्टी में इन आहारों (आहार- शाली चावल, मूंग, चना, हरित, गोदुग्ध, नींबू, अनार, लवंग, जीरक, सौंफ आदि) का सेवन करें।

उल्टी को रोकने के लिए आपकी जीवनशैली (Your Lifestyle for Vomiting)

सामान्य स्थितियों में जी मिचलाने या और उल्टी होने पर ये ध्यान रखेंः-

  • जी घबरा रहा हो तो उल्टी होने से रोकने के लिए लेट जाएं। इससे जी घबराना कम होता है।
  • खाने खाने के तुरंत बाद शारीरिक मेहनत वाला काम ना करें।
  • आराम करें।

उल्टी में परहेज (Avoid These in Vomiting)

  • गरिष्ठ भोजन से बचें।
  • तले हुए और तेज मिर्च मसाले वाली चीजें ना खाएं।
  • भोजन के साथ पानी ना लें।
  • उल्टी में इन आहारों (सरसों, कड़वी तोरई) का सेवन नहीं करें।

उल्टी से जुड़े सवाल-जवाब (FAQ Related to Vomiting)

उल्टी क्या है?

उल्टी आना कोई बीमारी नहीं, बल्कि शरीर की एक प्रक्रिया है। इसमें पेट में मौजूद सारा पदार्थ पेट से ऊपर की ओर चढ़ता है, और मुंह से बाहर निकलता है। उल्टी आने पर घबराना नहीं चाहिए, बल्कि उल्टी कर लेना चाहिए। ऐसा करने से पेट की सफाई हो जाती है।

गाड़ी में उल्टी क्यों आती है?

वाहनों में यात्रा करते समय उल्टी करना एक आम बात है। प्रायः बच्चों को यात्रा करते समय उल्टी करते हुए देखा जा सकता है। दरअसल कोई यात्री जब किसी बस या अन्य वाहन में यात्रा की शुरुआत करता है, तो यात्रा करने से पहले ही उसके दिमाग में यात्रा से संबंधित बातें आने लगती हैं। यह एक मनोवैज्ञानिक समस्या है। यात्रा के दौरान उल्टी ना आए, इसके लिए सबसे बेहतर उपाय यह है कि अपने दिमाग को अलग-अलग पर लगाने की कोशिश करें।

उल्टी को लेकर भ्रान्तियां या मिथक हैं कि उल्टी होने के समय नींबू सूंघने से उल्टी आनी बंद हो जाती है, क्या यह सच है? 

लिमोनिन, नींबू में मौजूद तेल में एक ताजा गंध होता है, जो उल्टी को रोकने में मदद करता है। यह तेल इन फलों के छिलके में पाए जाने वाले विशेष ग्रंथिंयों से निकलता है।

यह पाया गया है कि यह तेल मस्तिष्क उत्तेजना, चिंता-राहत, सेंडेशन और एंडीडिप्रेसेट गुणों के साथ-साथ सिर के रक्त प्रवाह में वृद्धि करता है। इस कारण यह साबित होता है कि नींबू सूंघने से उल्टी आनी बन्द हो जाती है।

अगर किसी व्यक्ति को ऊपर के उपाय से फायदा नहीं मिला तो उसका क्या कारण हो सकता है?

अगर उल्टी सिर पर चोट लगने के कारण या पेट में गैस आदि बनने के कारण होती है तो यह प्रयोग असरदार नहीं होगा। इसी तरह पुराने रोग होने के कारण भी उल्टी में यह योग लाभकारी नहीं हो पाता है।

एलोपैथिक उपाय की तुलना में आयुर्वेदिक उपाय कितनी जल्दी काम करता है?

यह कहना कठिन है कि कौन जल्दी काम करता है, क्योंकि उल्टी के कई कारण होते हैं। इसलिए सबसे पहले कारणों को जानना चाहिए, और इसके बाद उसकी चिकित्सा के बारे में सोचना चाहिए।