मूत्र में जल की अतिरिक्त मात्रा तथा नमक होता है जिसे गुर्दा या किडनी ब्लड फ्लो से अलग करता है। गुर्दो से मूत्र को पतली नलिकाओं में भेजा जाता है जिन्हें मूत्रवाहिनी कहा जाता है। इनमें सामान्यत मूत्र एक ही दिशा में प्रवाहित होता है। मूत्रवाहिनी का संबंध मूत्राशय से होता है जो एक मजबूत थैली होती है। जब मूत्राशय भर जाता है तो, नसें मेरूरज्जु यानि स्पाइनल कॉर्ड के माध्यम से मस्तिष्क (ब्रेन) को संदेश भेजती हैं। जब कोई मूत्र त्याग यानि पेशाब करने जाता है तो मस्तिष्क एक लौटता संदेश मेरूरज्जु के माध्यम से मूत्राशय को भेजता है जिसमें मूत्राशय की दीवार यानी डेटरुसर मसल को संकुचन तथा स्फिंकटर मसल को आराम की स्थिति में आते हुए खुलने के लिये कहा जाता है। स्फिंकटर मसल मूत्रमार्ग यानी यूरेथ्रा के ऊपर की ओर एक वाल्व जैसा होता है। कहने का मतलब है कि पेशाब करने की प्रक्रिया भी मांसपेशियों के समन्वय की प्रक्रिया होती है। इस प्रक्रिया में बाधा पड़ने पर ही पेशाब करने में समस्या होती है।
बार-बार पेशाब आना या मूत्र संबंधी समस्या क्या होता है? (What is Frequent Urination or Urine Problem?)
आयुर्वेद के अनुसार बार-बार पेशाब आने की समस्या शरीर में कफ ओर वात के असंतुलन के कारण होता है। पेशाब में समस्या है यह बात समझने के लिए उसके रंग के बारे में सही ज्ञान होना पहले ज़रूरी होता है क्योंकि यह गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है। पेशाब का रंग हल्का पीला होना सामान्य बात है और इसका मतलब है कि आप स्वस्थ हैं। लेकिन अलग-अलग परिस्थितियों में शरीर अलग प्रतिक्रियाएं देता है जो पेशाब के रंग के आधार पर जाना जा सकता है। पेशाब के रंग में किस तरह का बदलाव नजर आता है, यह बेहद महत्वपूर्ण है।
गहरा पीला-अगर पेशाब का रंग सामान्य से भी गहरा यानि गहरा पीला दिखाई दे रहा है, तो यह पानी की कमी को दर्शा रहा है। इस स्थिति में आपको अधिक से अधिक पानी और तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
लाल रंग-पेशाब का रंग लाल होना, यूरिन में रक्त की मौजूदगी का सूचना हो सकता या फिर अवांछित तत्वों का। अगर आपके साथ ऐसा कुछ हो रहा है तो आपको किसी विशेषज्ञ के पास जाने की आवश्यकता है। इसकी जांच करवाना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह रक्त किडनी या मूत्राशय, गर्भाशय, प्रोटेस्ट ग्रंथि के कारण या फिर रक्तमेह के कारण हो सकता है।
गहरा लाल या काला रंग-इस तरह का पेशाब का रंग अनगिनत स्वास्थ्य समस्याओं का कारण हो सकता है। यह लीवर की खराबी, लीवर में गंभीर संक्रमण, हेपेटाइटिस, टयूमर, मेलानोमा, सिरोसिस या अन्य गंभीर समस्याओं के कारण भी हो सकता है।
नारंगी रंग-इस तरह का रंग अक्सर पेशाब में तब नजर आता है जब आप किसी दवा का सेवन कर रहे होते हैं या फिर आप प्राकृतिक सिट्रस एसिड युक्त पदार्थ का सेवन करते हैं। इनके अलावा भी अगर आपको पेशाब का रंग कुछ नारंगी नजर आता है, तो जांच जरूर कराएं।
पेशाब की मात्रा के ऊपर भी पेशाब की समस्या होती है। आदमी कितनी पेशाब करता है यह उम्र और मौसम के अनुसार बदलता है। बड़ों में 24 घण्टो में पेशाब की सामान्य मात्रा 1 से 2 लीटर होती है। गर्मियों में शरीर के तापमान के नियंत्रण के लिए पसीना आता है और इससे काफी सारा पानी और नमक त्वचा से बाहर निकल जाता है। इसके कारण गर्मी में पेशाब की मात्रा कम यानि एक लीटर हो जाती है। यूरिया शरीर से बाहर निकलने के लिए इतना पेशाब निकलना एकदम जरूरी है। सिर्फ किडनी ही यूरिया बाहर निकाल सकते है, कोई भी और अंग नहीं। सर्दियों और बरसात में पसीना काफी कम आता है, इसलिए पेशाब की मात्रा ज्यादा होती है। 24 घण्टों में करीब 2 से 3 लीटर तक पेशाब आता है। बच्चों में पेशाब की मात्रा बड़ों की तुलना में कम होती है। अगर वयस्कों में 24 घण्टों में पेशाब की मात्रा 500 मिलीलीटर से कम हो तो यह स्थिति अमूत्रता की स्थिति है। इस स्थिति को पहचानना जरूरी है।
यहां हम सामान्य पेशाब की मात्रा और रंग के बारे में बात कर रहे हैं, उसमें कमी या अधिकता और रंग में बदलाव ही पेशाब संबंधी समस्या का कारण होता है।
बार-बार पेशाब करने के लक्षण (Symbol of Frequent Urination)
पेशाब का बार-बार आना तो प्रारंभिक लक्षण होता है, लेकिन इसके साथ और भी समस्याएं साथ-साथ होती हैं, वह हैं-
-शुरू में यह लक्षण रात में ही होता है।
-धीरे-धीरे यह मरीज को रोजमर्रा में भी परेशान करने लगता है।
-कुछ समय बाद रोगी इस पर नियंत्रण नहीं कर पाता और मरीज को मूत्र त्याग करने में भी परेशानी होती है और अंत में बूंद-बूंद कर यूरिन आता रहता है।
-कई बार मरीज शिकायत करते हैं कि उन्हें पेशाब नहीं आ रहा, यह मरीज के लिए प्रोस्टेट का प्रथम लक्षण भी हो सकता है।
-कई बार यूरिन होने में दर्द होना और कई बार यूरिन पास होने में बहुत समय लगना इस रोग का लक्षण हो सकता है।
बार-बार पेशाब होने के कारण (Causes of Frequent Urination)
बार-बार पेशाब आने का सबसे बड़ा कारण हो सकता है मूत्राशय की अत्यधिक सक्रियता। ऐसी स्थिति में सामान्य रूप से व्यक्ति बार-बार पेशाब करने के लिए प्रेरित होता है।
डायबिटीज-ब्लड में शुगर लेवल बढ़ने की स्थिति को ही डायबिटीज कहते हैं। टाइप 1 और टाइप 2 दोनों तरह की डायबिटीज में शरीर जरूरत के अतिरिक्त ग्लूकोज को मूत्र मार्ग से बाहर निकालने लगता है। इसी वजह से डायबिटीज के मरीजों को बार-बार पेशाब होता रहता है।
कसरत-कसरत करते वक्त हमारे शरीर में मौजूद गंदगी पसीने के रास्ते से बाहर निकलता है। अत: शरीर में पानी के स्तर को बनाए रखने के लिए बॉड़ी बिल्ड़र अधिक पानी पीते हैं जिस वजह से उन्हें बार-बार बाथरूम जाना पड़ता है।
मूत्रवर्धक दवा- बीमारी को ठीक करने के लिए ली गई दवा आपको बिस्तर से उठने के लिए मजबूर कर सकती है। यदि आप दवा से होने वाले इस साइड़-इफेक्ट से परेशान है तो अपने डॉक्टर की सलाह लें। दवा के अतिरिक्त कॉफी व शराब के सेवन से भी आपको अधिक पेशाब आ सकता है।
मूत्राशय का कैंसर- मूत्राशय के कैंसर के कारण आपको बार-बार अपनी कुर्सी से उठना पड़ सकता है। दफ्तर में काम करते समय हर घंटे बाद बाथरूम हो सकती है एवं आपके पेशाब में रक्त भी आ सकता है।
बढ़ा हुआ प्रोस्टेट ग्रंथि-मूत्रमार्ग में स्थित प्रोस्टेट ग्रंथि, मूत्रमार्ग पर दबाव डालता है जो कि अधिक पेशाब आने का कारण बनता है। हालांकि इस रोग का पता लगाना थोड़ा कठिन है लेकिन इस बीमारी से जुड़े कारणों में बाथरूम जाने के बाद भी हल्का महसूस ना होना, पेशाब पर असंयम एवं पेशाब करने में कठिनाई महसूस होना जैसे लक्षण शामिल होते हैं।
प्रोस्टेट कैंसर- कभी-कभी बढ़ा हुआ प्रोस्टेट भी टयूमर को चिह्नित कर सकता है। श्रोणि क्षेत्र पर किसी भी प्रकार का टयूमर मूत्रमार्ग को प्रभावित कर सकता है।
मनोवैज्ञानिक कारण- अधिक पेशाब आने के पीछे केवल शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक कारण भी छुपे हो सकते हैं। डर या चिंता के कारण आपको अधिक बार पेशाब आ सकता है। कुछ मामलों में आदत एवं शौचाल्य जाने से जुड़ा समय भी आपको बाथरूम की ओर खींच सकते हैं।
मूत्र पथ संक्रमण-यदि किसी वजह से आपका मूत्र पथ संक्रमित हो जाए तो आपको बार-बार बाथरूम जाना पड़ सकता है। मूत्र मार्ग संक्रमण के कारणों में एसटी आई शामिल है।
इंटरस्टेशल सिस्टाईट्स– इस रोग में रोगी का मूत्राशय सूज जाता है। ऐसे स्थिति में पेशाब करते वक्त रोगी को बहुत पीड़ा महसूस होती है। इसके अलावा, रोगी को सेक्स के दौरान भी दर्द महसूस होता है।
प्रेगनेंसी-प्रेगनेंसी के दौरान यूरेटस बड़ा होने लगता है जिसकी वजह से ब्लैडर पर दबाव बढ़ने लगता है। इसलिए इस दौरान महिला को बार-बार पेशाब आना शुरु हो जाता है।
हाई ब्लड प्रेशर- हाई ब्लड प्रेशर के दौरान जो दवाएं दी जाती हैं, वो किडनी पर अतिरिक्त लिक्किड को बाहर निकालने का दबाव बनाती हैं। इसी वजह से इस तरह की दवाओं के इस्तेमाल से भी व्यक्ति को बार-बार पेशाब होने लगता है।
अन्य कारण
-ज्यादा पानी पीने से ज्यादा मात्रा में बार-बार पेशाब आना स्वाभाविक होता है।
-कई बार कुछ लोगों का मूत्राशय अधिक सक्रिय होता है जिसकी वजह से व्यक्ति को जल्दी-जल्दी पेशाब आने लगता है।
-बार-बार पेशाब आने की वजह यूरिनल टैक्ट इंफेक्शन (यूटी आई) भी हो सकता है। यूरिन में इंफेक्शन हो तो पेशाब आने के समय जलन भी होती है।
-किडनी का इंफेक्शन होने पर भी बार-बार पेशाब आने लगती है।
-ठंडा वातावरण में ज्यादा रहना जिससे पेशाब ज्यादा बनता है और पेशाब बार-बार होता है।
-छोटे बच्चों में यह समस्या पेट में कीड़े पड़ जाने के कारण होती है।
-शराब के ज्यादा सेवन करने से या फिर किसी और भी तरह का नशा करने पर।
-इसके अलावा कैफीन वाले पदार्थों जैसे चाय, काफी, चॉकलेट आदि का अत्यधिक सेवन या एल्कोहल के प्रयोग से भी पेशाब आने की फ्रीक्वसी बढ़ जाती है।
बार-बार पेशाब आने को रोकने के उपाय (Prevention Tips for Frequent Urination)
बार-बार पेशाब आने से रोकने के लिए जीवनशैली और आहार में बदलाव लाना ज़रूरी होता है।
चीजें ना खांए-ऐसे पदार्थ जो शक्कर डाल के बनते हैं, उन्हें यूरिन इन्फेक्शन के दौरान नहीं खाना चाहिए। मीठे से बने प्रदार्थ मूत्र के रास्ते में बैक्टीरिया को ब्रीडिंग करने की सहूलियत देते है। इसलिए यूरिन इन्फेक्शन के दौरान केक, कुकीज, कार्बोनेटेउ डिंक और मिठाईं से परहेज करना चाहिए। चीनी से बने पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
कॉफी-यूरिन इन्फेक्शन में कॉफी से भी तौबा कर लेना चाहिए। कॉफी से यूरिन इन्फेक्शन कम होने के बजाय फैलेगा। कॉफी की जगह आप हर्बल टी का उपयोग कर सकते है।
संतुलित भोजन– इन सभी के साथ-साथ शराब से भी दूरी बना लें और मिर्च-मसाले, गुड़, खटाई और तेल से बनी चीजों की तरफ देखें भी नही। जितना सादा भोजन करेंगे उतना अच्छा है।
मसालेदार खाना-मिर्च-मसाले वाला भोजन यूरिन इन्फेक्शन की स्थिति को और गंभीर बना देता है। यह ज्यादा जलन और दर्द पैदा करता है। इसलिए समस्या के दौरान जितना हो सके सादा भोजन ही ग्रहण करें।
बचाव-संक्रमण से बचने के लिए शरीर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। टॉयलेट हमेशा साफ-सुथरा रखें।
-खानपान की स्वच्छता का ध्यान रखना भी जरूरी है। गंदी जगह पर बनाया गया खाना खाने से भी यह परेशानी हो सकती है। खाने का संक्रमण खून में मिल जाता है इसलिए उससे भी मूत्र मार्ग में संक्रमण हो सकता है।
-पानी और तरल पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए।
-हमेशा सूती कपड़े के इनरवेयर ही पहनने चाहिए।
-सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि संक्रमण का कोई भी लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। देर करने से ये संक्रमण बढ़कर गुर्दों तक पहुँच कर उन्हें क्षतिग्रस्त कर सकता है।
-बार-बार पेशाब आने की समस्या के चलते पानी पीना ना छोड़ें क्योंकि पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बेहद जरूरी है ताकि किसी प्रकार का इन्फेक्शन होने की स्थिति में, पेशाब के जरिये उसे बाहर निकाला जा सके और आगे चलकर, आपको फिर से इस समस्या से जूझना ना पड़े।
बार बार पेशाब आने का घरेलू इलाज (Home Remedies for Frequent Urination)
आम तौर पर पेशाब बार-बार होने के परेशानी से निजात पाने के लिए लोग सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को ही आजमाते हैं। यहां हम पतंजली के विशेषज्ञों द्वारा पारित कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे जिनके प्रयोग से पेशाब की समस्या से आराम पाया जा सकता है।
बार-बार पेशाब आने की समस्या से दिलाये निजात दही (Curd Beneficial in Frequent Urination in Hindi)
दही में मौजूद प्रोबायोटिक बलैडर होता है जो खतरनाक बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है। इसको हर रोज खाने के साथ खाना चाहिए। इससे बार-बार आने वाले पेशाब से राहत मिलेगी।
बार-बार पेशाब आने की समस्या से दिलाये निजात आंवला (Amla Beneficial in Frequent Urination in Hindi)
आंवला बड़ा ही गुणकारी होता है और बार बार पेशाब आने की समस्या में बड़ा ही लाभ पहुंचाता है। आप 2 चम्मच आंवले के रस को एक गिलास पानी में डालकर पिंए जिससे आपको फायदा कुछ ही दिनों में दिखने लगेगा।
बार-बार पेशाब आने की समस्या से दिलाये निजात सेब (Apple Beneficial in Frequent Urination in Hindi)
कुछ लोग रात को बार-बार उठकर पेशाब करने के लिए जाते हैं ऐसे लोगों के लिए सेब का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है यदि आपको यह समस्या बहुत ज्यादा हो रही है तो रोजाना रात को सोने से पहले दो से तीन सेब का सेवन जरूर करें, ऐसा करके बार-बार पेशाब आने की समस्या से आपको छुटकारा मिल जाएगा।
बार-बार पेशाब आने की समस्या से दिलाये निजात केला (Banana Beneficial in Frequent Urination in Hindi)
बार बार पेशाब आने की समस्या में केला खाने से भी फायदा मिलता है, इसलिए आप रोजाना 2 केला खाए। ध्यान रहे की ज्यादा केला का सेवन भी न करे वरना कब्ज की समस्या हो सकती है।
बार-बार पेशाब आने की समस्या से दिलाये निजात मेथी के बीज (Fenugreek Beneficial in Frequent Urination in Hindi)
बार-बार पेशाब आने को रोकने के लिए मेथी के बीज का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है। मेथी के बीज को हल्की आंच पर गर्म करके इसका सेवन करें, 7 दिनों तक इसका सेवन करने से बार-बार पेशाब आने की समस्या जल्दी ही खत्म हो जाएगी।
बार-बार पेशाब आने की समस्या से दिलाये निजात अनार का जूस (Pomegranate Beneficial in Frequent Urination in Hindi)
शरीर के अंदर पोषक तत्वों की कमी होने की वजह से बार-बार पेशाब होने की समस्या बहुत अधिक होती है शरीर के अंदर की पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए अनार के जूस का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है यदि आप रोजाना एक गिलास अनार के जूस का सेवन करते हैं तो बार-बार पेशाब आने की संभावना जल्दी ही खत्म हो जाएगी।
बार-बार पेशाब आने की समस्या से दिलाये निजात पालक(Spinach Beneficial in Frequent Urination in Hindi)
आपने देखा होगा कि आमतौर पर शुगर के पेशेंट को डॉक्टर पालक खाने की सलाह देते हैं जिसके पीछे एक कारण यह भी हैं की इससे पेशाब आना कम हो जाता हैं और बार बार पेशाब आने की समस्या खत्म हो जाती हैं। रात के भोजन में पालक का सेवन आपके पेशाब आने की समस्या को कम कर देगा।
बार-बार पेशाब आने की समस्या से दिलाये निजात आंवला और शहद (Amla and Honey Beneficial in Frequent Urination in Hindi)
यदि बार-बार पेशाब आता है, यदि बहुमूत्र रोग हो गया है तो उसके उपचार के लिए आंवले के पांच ग्राम रस में हल्दी की चुटकी घोलिए और उसमें 5 ग्राम शहद मिलाकर पी जाइये। ऐसा करने से जरा-जरा सी देर में पेशाब का आना बंद हो जाता है। यह एक सरल और आसान इलाज हैं जिससे आप इस समस्या को ठीक कर सकते हैं।
बार-बार पेशाब आने की समस्या से दिलाये निजात अदरक (Gimger Beneficial in Frequent Urination in Hindi)
दो चम्मच अदरक का रस सुबह शाम सेवन करे जिससे रूका हुआ पेशाब जल्दी बाहर निकल जाता हैं और बार बार पेशाब आने की समस्या भी दूर होती हैं। अदरक के रस के सेवन से पेशाब के मार्ग में मौजूद इन्फेक्शन भी दूर होता हैं।
बार-बार पेशाब आने की समस्या से दिलाये निजात चना (Bengal Gram Beneficial in Frequent Urination in Hindi)
चना जो बिना समस्या के भी खाना चाहिए यह भी इस समस्या से आराम पहुंचाने में मददगार होता है आप भुजा चना गुड़ के साथ खाए आपको कुछ दिनों के बाद आराम दिखेगा।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए ? (When to See a Doctor?)
जब मूत्र होने में परेशानी हो और यह सब संकेत हो तो डॉक्टर से मिलने में देर नहीं करनी चाहिए-
-जब बिना किसी कारण के पेशाब बार-बार आए।
-जब मूत्र के साथ रक्त भी निकले।
-जब मूत्र का रंग लाल या गहरा भूरा रंग का हो।
-जब मूत्र को रोकने में परेशानी हो।