जब मुँह में लार बनने की प्रक्रिया कम हो जाती है तब ड्राई माउथ यानि मुँह सूखने की समस्या होने लगती है। इसके कईं कारण हो सकते हैं, जैसे शरीर में पानी की कमी, भूखे रहना या पानी में फ्लोराइड की मात्रा में कमी आदि। विशेषज्ञों के अनुसार हर छठा व्यक्ति इस समस्या से कभी न कभी जरूर जूझता है।
मुँह सूखना क्या होता है? (What is Dry Mouth?)
मुँह सूखने की समस्या को ज़ेरोस्टोमिया (’Xerostomia’) भी कहा जाता है। हमारे मुँह में जब लार ग्रंथियाँ (Salivary glands) लार बनाना बंद कर देती है तब मुँह सूखने की समस्या उत्पन्न हो जाती है। मुँह में बनने वाली लार दाँतों के बैक्टेरिया द्वारा बनाए गए एसिड को खत्म करती है जिससे कि दाँतों में कीड़े लगने की समस्या नहीं होती साथ ही लार की वजह से भोजन को आसानी से चबाने और निगलने में सहायता मिलती है। मुँह सूखने की बीमारी होने पर भोजन करने में सबसे ज्यादा परेशानी होती है।
मुँह का सूखना अन्य रोगों के लक्षण के रूप में भी पाया जाता है, जैसे-
जॉगरेन सिंड्रोम (Sjogren syndrome)
मधुमेह (Diabetes)
आमवात (Rheumatoid arthritis)
हाइपरटेंशन (Hypertension)
रक्ताल्पता (Anemia)
पार्किंसंस डिज़ीज (Parkinson’s disease)
मुँह सूखने के कारण (Causes of Dry Mouth)
मुँह सूखने का सबसे पहला लक्षण मुँह में सैलाइवा कम बनता है इसलिए वह सूखा जैसा महसूस होता है।
-मुँह सूखने का सबसे बड़ा कारण डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) होता है।
-कुछ एलोपैथिक दवाईयों के कारण भी मुँह सूखने की समस्या होती है, जैसे; एलर्जी में प्रयोग की जाने वाली दवाईयाँ, दर्दनिवारक दवाईयाँ और अवसाद में प्रयोग की जाने वाली दवाईयों के कारण।
-कैंसर रोगी में केमोथ्रेपी के दौरान मुँह सूखने की समस्या उत्पन्न होती है।
-पेट की खराबी के कारण।
-सिर के किसी हिस्से में चोट लगने के कारण तंत्रिकाओं को हानि पहुँच सकती है जिससे मुँह सूखने की समस्या हो सकती है।
मुँह सूखने के लक्षण (Symptoms of Dry Mouth)
मुँह सूखने के मूल लक्षण के अलावा और भी लक्षण होते हैं, जो इसप्रकार हैं-
-मुँह एवं गले में खुश्की रहना।
-मुँह से दुर्गन्ध आना।
-खाना चबाने और निगलने में परेशानी होना।
-दाँतों में कीड़े लगने की समस्या होना।
-भोजन करने की इच्छा न होना एवं मुँह का स्वाद फीका पड़ना।
-लार का काफी गाढ़ा होना।
-मसूड़ों में खुजली और मसूड़ों से संबंधित विकार।
मुँह सूखने से बचने के उपाय (Prevention Tips for Dry Mouth)
मुँह सूखने की समस्या से बचने के लिए सबसे पहले जीवनशैली और आहार शैली पर ध्यान देने की ज़रूरत होती है। इनको संतुलित रखने पर कुछ हद तक इससे बचा जा सकता है। जैसे-
-ऐसे फल और सब्जियाँ जिनमें जलीय अंश अधिक होता है उनका सेवन करें जैसे खीरा, ककड़ी, तरबूज आदि।
-तरलीय पदार्थों का अधिक सेवन करें जिससे मुँह सूखने की समस्या न हो।
-चाय और कॉफी जैसे पदार्थों का सेवन कम से कम करें।
-मुँह की सफाई पर विशेष ध्यान दें। भोजन के उपरान्त अच्छी प्रकार दाँतों को साफ करें।
-भोजन को अच्छी प्रकार चबाकर खाएँ तथा भोजन के बीच में घूँट-घूँट अल्प मात्रा में पानी पिएँ, जिससे मुँह सूखने की समस्या में परेशानी न हो।
-प्रिजरवेटिव युक्त आहार का सेवन न करते हुए ताजा फल एवं सब्जियों का सेवन करें।
-एंगजाइटी न्यूरोसिस (Anxiety neurosis) जैसी मानसिक बीमारियों में भी मुँह सूखने जैसी समस्या देखी जाती है। अत: तनावयुक्त जीवन जीने का प्रयास करें।
-तम्बाकू, मद्यसेवन, धूम्रपान आदि के सेवन से दूर रहना चाहिए। इससे भी मुँह सूखने की समस्या हो सकती है।
मुँह सूखने का घरेलू इलाज (Home Remedies for Dry Mouth)
सामान्यतः मुँह सूखने की समस्या से निजात पाने के लिए सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को ही अपनाया जाता है। यहां हम पतंजली के विशेषज्ञों द्वारा पारित कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे जिनके प्रयोग से मुँह सूखने की समस्या को कुछ हद तक कम किया जा सकता है-
लाल मिर्च का सेवन मुँह सूखने के इलाज में फायदेमंद (Red Chilly Beneficial in Dry Mouth in Hindi)
लाल मिर्च को सूप या सलाद में डालकर खाएँ। यह ड्राई माउथ के लिए अच्छा घरेलु उपचार है। इसे अंगुली पर लगाकर अपनी जीभ पर लगाएं, कुछ देर तक जीभ जलेगी पर हमारी लार ग्रन्थियाँ सक्रिय हो जाती हैं।
सौंफ मुँह सूखने के इलाज में फायदेमंद (Fennel Beneficial in Dry Mouth in Hindi)
एक गिलास पानी डालकर उसमें एक चम्मच सौंफ और एक चम्मच मिश्री डालकर उबालें। ठण्डा होने पर इसे पीने से मुँह के सूखेपन में बहुत लाभ मिलता है। सौंफ में फ्लेवनॉयड्स होते हैं जो लार के उत्पादन में सहायक होते हैं।
नींबू और शहद मुँह सूखने के इलाज में फायदेमंद (Lemon and Honey Beneficial in Dry Mouth in Hindi)
एक गिलास पानी में नींबू के रस की कुछ बूंदे और थोड़ा-सा शहद लेकर अच्छे से मिलाएँ और इसे थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पूरे दिन पीते रहें। इससे मुँह में लार बनती रहेगी और मुँह नहीं सूखेगा।
एलोवेरा मुँह सूखने के इलाज में फायदेमंद (Aloe Vera Beneficial in Dry Mouth in Hindi)
हर दिन सुबह खाली पेट 20-25 मि.ली ताजा एलोवेरा जूस पीने से मुँह का सूखना कम होता है।
इलायची मुँह सूखने के इलाज में फायदेमंद (Cardamom Beneficial in Dry Mouth in Hindi)
मुँह सूखने पर इलायची के एक या दो दाना चबाएँ इससे मुँह सूखने की समस्या में लाभ मिलता है।
बेकिंग सोडा का मिश्रण मुँह सूखने के इलाज में फायदेमंद (Baking Soda Mixture Solution Beneficial in Dry Mouth in Hindi)
एक गिलास पानी लेकर इसमें एक चौथाई चम्मच बेकिंग सोडा, एक-एक चम्मच नमक और शक्कर और कुछ बूँदे नींबू का रस मिलाएँ और पी लें। इससे डिहाइड्रेशन नहीं होता और मुँह सूखने की समस्या से बचा जा सकता है।
अदरक मुँह सूखने के इलाज में फायदेमंद (Ginger Beneficial in Dry Mouth in Hindi)
मुँह सूखने से बचने के लिए अदरक एक घरेलु उपचार है। अदरक का एक छोटा-सा टुकड़ा लेकर मुँह में रख कर धीरे-धीरे चबाते रहने से लाभ मिलता है।
पानी का सेवन मुँह सूखने के इलाज में फायदेमंद (Intake of Water Beneficial in Dry Mouth in Hindi)
-एक गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच नमक डालकर अच्छे से मिला लें। अब इस पानी से दिन में 2-3 बार गरारे करें।
-पर्याप्त मात्रा में पानी पिएँ, इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होती और मुँह सूखने की समस्या नहीं होती है।
दालचीनी मुँह सूखने के इलाज में फायदेमंद (Cinnamon Beneficial in Dry Mouth in Hindi)
दालचीनी में लार का उत्पादन करने की क्षमता होती है, इसलिए इसके सेवन से मुँह के सूखेपन की समस्या दूर हो जाती है। दालचीनी के एक छोटे टुकड़े को मुँह में रखकर चबाएँ।
तुलसी मुँह सूखने के इलाज में फायदेमंद (Tulsi Beneficial in Dry Mouth in Hindi)
तुलसी की 3-4 पत्तियाँ लेकर इन्हें धोकर चबाएँ। लार का उत्पादन बनाए रखने के लिए एक नियमित अंतराल पर इसे चबाते रहें।
नारियल पानी का सेवन मुँह सूखने के इलाज में फायदेमंद (Coconut Water Beneficial in Dry Mouth in Hindi)
नारियल पानी का सेवन करें। यह एक बहुत ही पौष्टिक पेय है तथा मुँह सूखने की समस्या में यह बहुत लाभदायक होता है।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए ? (When to See a Doctor?)
मुँह सूखने के कारण व्यक्ति में भूख की कमी एवं भोजन के प्रति अरूचि उत्पन्न हो जाती है जिसका असर स्वास्थ्य पर पड़ता है। मुँह सूखने पर तुरन्त घरेलू उपचारों को अपनाना चाहिए एवं खान-पान और जीवनशैली में उचित बदलाव लाने चाहिए। यदि इसके उपरान्त भी इस समस्या से छुटकारा न मिलें तो डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।