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पेट की ख़राबी से निजात पाने के घरेलू उपाय (Home Remedies for Upset Stomach)

समय पर भोजन न करने, गरिष्ठ भोजन करने या बार-बार भोजन करने से पेट खराब हो जाता है। भागदौड़ भरी जिन्दगी के कारण खाने-पीने में भी लापरवाही हो जाती है। इसका सीधा प्रभाव पाचनतंत्र पर पड़ता है, जिससे पेट की खराब, बदहजमी, अपच, दस्त और गैस बनने जैसी समस्याएं होने लगती हैं। आप भी पेट खराब होने से परेशान रहते हैं तो ये घरेलू उपाय कर सकते हैं।

आयुर्वेद के अनुसार, पेट की खराबी से ग्रस्त व्यक्ति खाए हुए आहार को ठीक से पचा नहीं पाता, इसलिए रोगी को भोजन के प्रति अरुचि हो जाती है। उचित खानपान और जीवनशैली का पालन कर पाचनतंत्र को सही रखा जा सकता है। आइए इसके बारे में जानते हैं।

पेट की खराबी क्या है? (What is Upset Stomach in Hindi?)

अस्वस्थ खान-पान और तनावयुक्त जीवनशैली के कारण पाचन संबंधित समस्याएँ हो जाती हैं। खाए हुए भोजन का पचने के बाद जो आहार रस बनता है, उसी से शरीर की सभी धातुएँ पुष्ट होती हैं। इसी से दोष धातुएँ संतुलित अवस्था में रहती हैं, और व्यक्ति स्वस्थ रहता है। यदि लीवर में मौजूद एन्जाइम अपना कार्य ठीक से नहीं करते तो अपच की समस्या हो जाती है। यह बहुत तकलीफदेह होती है।

पेट खराब होने के कारण (Causes of Upset Stomach)

पेट खराब होने के कई कारण हो सकते हैं, जो ये हैंः-

  • बार-बार भोजन करने, और पहले किए गए भोजन के बिना पचे दोबारा भोजन करने से पेट खराब होता है।
  • अधिक मात्रा में भोजन करना।
  • अधिक तैलीय एवं मिर्च-मसालेदार भोजन करने से।
  • जंक फूड एवं प्रिजरवेटिव युक्त भोजन का अधिक सेवन।
  • प्रदूषित एवं बासी भोजन करने से अपच की समस्या हो जाती है।
  • दूषित जल का सेवन करने से पेट खराब होने की संभावना रहती है।
  • अधिक मात्रा में गैसयुक्त पेय पदार्थों का सेवन।
  • जल्दी-जल्दी भोजन करना और ठीक से चबाकर ना खाना।
  • कैफीन का अधिक मात्रा में सेवन।
  • हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (Helicobector pylori0) नामक बैक्टेरिया के संक्रमण के कारण।
  • लिवर में खराबी के कारण।
  • तनाव में रहने के कारण।
  • किसी प्रकार का भावनात्मक आघात होना।
  • अत्यधिक मात्रा में शराब सेवन या धूम्रपान करने से।
  • भोजन करने के बाद एकदम सो जाना या बैठे रहना।
  • पित्ताशय की पथरी।
  • पेप्टिक अल्सर
  • एंटीबायोटिक्स और पेनकिलर जैसी दवाइयों का अधिक सेवन।

Upset stomach home remedies

पेट की खराबी के लक्षण (Upset Stomach Symptoms)

पेट की खराबी में या पेट रोग होने पर ये लक्षण दिखाई देते हैंः-

  • पेट में दर्द होना और दर्द होने पर शौच जाने की अनुभूति होना।
  • भोजन करने के एकदम बाद पेट में मरोड़ जैसा दर्द होना।
  • भूख ना लगना एवं भोजन के प्रति अरुचि।
  • उल्टी करने की इच्छा होना।
  • भोजन करने पर जल्दी पेट भर जाना, या बिना खाए ही पेट भरा हुआ प्रतीत होना।
  • छाती में या पेट के ऊपरी हिस्से में जलन होना।
  • दिन में चार से पाँच बार शौच जाना और पतला मल आना।
  • पेट का फूला हुआ एवं भारी रहना।
  • शरीर का वजन लगातार घटना।
  • एसिड बनने की समस्या होना।

पेट की खराबी के लिए घरेलू उपचार (Home Remedies for Upset Stomach in Hindi)

अगर आपका पेट खराब या पेट फूलना हो गया है, तो आप इन घरेलू उपायों से पेट को ठीक कर सकते हैंः-

पेट की खराबी में दालचीनी का सेवन लाभदायक  (Dalchini: Home Remedies for Upset Stomach in Hindi)

दालचीनी पाचनक्रिया में सुधार लाती है, और पेट में बनने वाली गैस पेट की बीमारी से भी छुटकारा दिलाती है। एक कप पानी में आधा चम्मच दालचीनी पाउडर डालकर उबालें, और पी लें। दालचीनी को चाय में डालकर भी पी सकते हैं।

Dalchini ke fayde

एलोवेरा का प्रयोग पेट की खराबी में फायदेमंद (Aloe vera: Home Remedy for Upset Stomach in Hindi)

सुबह एवं शाम के भोजन से आधे घंटे पहले 15-20 मि.ली. एलोवेरा के ताजे जूस का सेवन करें। यह पेट की खराबी या पेट की बीमारी को ठीक करता है।

पेट की खराबी में अजवाइन से लाभ (Ajwain: Home Remedies for Upset Stomach in Hindi)

  • एक चम्मच अजवाइन में एक चुटकी सेंधा नमक डालकर खाएं। ऊपर से गर्म पानी पी लें।
  • अजवाइन 10 ग्रा., काला नमक 2 ग्रा. और हींग 2 चुटकी लेकर बारीक पीसकर रख लें। इसे सुबह-शाम 1-1 चम्मच गर्म पानी के साथ सेवन करें।
  • छाछ में एक चम्मच धनिया पाउडर और आधा चम्मच पिसी हुई अजवाइन डालकर पिएँ।

पेट खराब होने पर जीरा का उपयोग (Jeera: Home Remedy for Upset Stomach in Hindi)

एक गिलास पानी में एक चम्मच जीरा डालकर उबालें। इसे गुनगुना कर के पिएँ। यह उपाय खराब पेट या पेट की बीमारी को ठीक करने में मदद करता है।

पेट खराब होने पर शहद का प्रयोग (Honey: Home Remedies for Upset Stomach in Hindi)

एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच नींबू का रस, एक चम्मच अदरक रस, और दो चम्मच शहद मिलाकर पिएँ। खराब पेट में यह लाभदायक होता है।

पेट खराब होने पर नींबू का इस्तेमाल (Lemon: Home Remedy for Upset Stomach in Hindi)

एक गिलास पानी में नींबू या सेब के सिरके को मिलाकर भोजन के पहले पिएँ। पेट खराब होने पर इस उपाय को आजमाएं। यह बहुत लाभ पहुंचाता है।

Lemon benefits for upset stomach

पेट की खराबी के लिए अन्य घरेलू उपचार (Other Home Remedies for Upset Stomach in Hindi)

  • बदहजमी होने पर भोजन के बाद अनानास के रस का सेवन करें।
  • एक भुनी हींग, अनारदाना, सोंठ और काला नमक प्रत्येक 10-10 ग्रा. लेकर चूर्ण बना लें।रोज एक ग्राम की मात्रा में इस चूर्ण का सेवन भोजन के बाद गर्म पानी से करें। यह भोजन को अच्छी प्रकार पचाता है, और पेट खराब नहीं होने देता।
  • एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच सूखा अदरक का पाउडर, एक चुटकी हींग और सेंधा नमक डालकर पिएँ।
  • जीरा, सोंठ , सेंधा नमक, पीपल, कालीमिर्च। इन सब द्रव्यों को समान मात्रा में पीसकर रख लें। 1 चम्मच भोजन के बाद पानी से लें।
  • मूली की मुलायम फलियों को सरसों के तेल में भूनकर भोजन के साथ खाने से अन्न का पाचन शीघ्र होता है।
  • खाना खाने के बाद तरबूज का रस पीने से भोजन तुरंत पच जाता है।
  • सोंठ एवं सेंधा नमक के सम भाग चूर्ण को 1-1 चम्मच गर्म पानी से सुबह शाम लेना चाहिए।
  • अजवायन, कालीमिर्च और काला नमक समभाग लेकर चूर्ण कर लें। इसे 3-5 चम्मच तक की मात्रा में गर्म जल से लें।

पेट खराब होने से बचने के उपाय (Prevention Tips for Upset Stomach in Hindi)

पेट खराब होने के समस्या से बचने के लिए या उससे राहत पाने के लिए खान-पान और जीवनशैली में बदलाव लाने की ज़रूरत होती है-

 खान-पान ( Diet for Upset Stomach Problem)

पेट की खराबी के दौरान आपका खान-पान ऐसा होना चाहिएः-

  • भोजन में दही का सेवन करें। दही में मौजूद बैक्टेरिया पेट रोग को ठीक रखता है।
  • भोजन में अधिक से अधिक रेशेदार फल एवं सब्जियों का प्रयोग करें।
  • यदि बार-बार पेट खराब होकर दस्त हो रहे हों तो केले का सेवन करें। इसमें उपस्थित पेक्टिन पेट को बांधने का काम करता है, तथा पोटैशियम की उच्च मात्रा शरीर के लिए फायदेमंद होता है।
  • पहले खाए हुए भोजन के बाद ही मूली को सलाद के रूप में प्रयोग करने से पाचन क्रिया में सुधार आता है। इसको खाने से पेट के सभी रोग ठीक हो जाते हैं। जठराग्नि का मंद होना, अरुचि, कब्ज और गैस आदि समस्याओं में लाभ मिलता है। मूली में काली मिर्च का चूर्ण डालकर सेवन करने से पेट रोग में लाभ मिलता है।
  • शरीर में पानी की कमी ना होने दें। दिन में लगभग 7-8 गिलास पानी पिएँ।
  • भोजन को खूब चबा-चबा कर खाएँ। 
  • भोजन के एक घंटे बाद पानी पिएँ।

 जीवनशैली ( Lifestyle for Upset Stomach)

पेट की खराबी के दौरान आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-

  • भोजन के बाद दस मिनट टहलें। भोजन के बाद एकदम नहीं लेटना चाहिए।
  • पेट में संक्रमण ना हो, इसके लिए खाने से पहले हाथों को अच्छी प्रकार धोएँ। 
  • सुबह नियमित रूप से टहलने की आदत डालें।
  • योगासन करें।

पेट खराब होने पर करे परहेज (Precaution Tips for Upset Stomach)

पेट की खराबी में आपको ये परहेज करना चाहिएः-

  • अधिक तैलीय और मिर्च-मसालेदार भोजन बिल्कुल ना करें।
  • जंक फूड, प्रिजरवेटिव युक्त एवं बासी भोजन बिल्कुल ना करें।
  • खाते समय बोलना नहीं चाहिए।
  • दूषित जल एवं भोजन का सेवन ना करें।
  • बाहर का खाना ना खाएँ। 
  • भोजन से साथ, एवं भोजन के एकदम बाद एक-दो घूंट से ज्यादा पानी ना पिएँ। इससे किया हुआ भोजन ठीक प्रकार नहीं पचता।

पेट खराबी के समस्या में योगासन फायदेमंद (Yoga for Upset Stomach)

योग के इन आसनों से भी आप पाचन संबंधी विकारों को दूर कर सकते हैं।

  • सर्वांगासन
  • उत्तानपादासन
  • भुजंगासन
  • मण्डूकासन

Yoga benefits

पेट की खराबी से जुड़े सवाल-जवाब (FAQ Related Upset Stomach Problem)

पेट खराब क्यों होता है?

भोजन में की गई लापरवाही के कारण कभी ना कभी हर व्यक्ति को पेट की खराबी से जूझना पड़ता है, लेकिन यदि हमेशा ही अनुचित और अत्यधिक गरिष्ठ भोजन किया जाए तो पेट एवं लिवर के एन्जाइम में गड़बड़ी हो जाती है। ये सब बार बार पेट खराब होने का कारण बन जाता है।

पेट की  खराबी की रोकथाम कैसे की जा सकती है?

पेट खराब होने पर घरेलू उपचार के साथ खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए, तथा उचित आहार ही लेना चाहिए। भोजन को सही प्रकार से ग्रहण करने से आहार रस अच्छी प्रकार बनता है। इससे शरीर के दोष एवं धातुएँ संतुलित अवस्था में रहते हैं, और पाचन तंत्र सुचारू रूप से कार्य करता है।

पेट की खराबी में डॉक्टर से कब सम्पर्क करना चाहिए? (When to Consult a Doctor?)

यदि किसी व्यक्ति को बार-बार पेट से जुड़ी दिक्कतें हो रही हों, साथ ही उपरोक्त लक्षण भी दिख रहे हों तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लेकर उपचार शुरू कर देना चाहिए। ये लक्षण अल्सर या आमाशय के कैंसर में भी बदल सकती है।