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मेलाज्मा के लक्षण, कारण, घरेलू इलाज और परहेज (Home Remedies for Melasma in Hindi)

मेलाज्मा में चेहरे पर भूरे रंग के धब्बे पड़ जाते हैं। आधुनिक शोध से पता चला है कि 50 प्रतिशत महिलाएं मेलाज्मा की समस्या से परेशान हैं। कुछ महिलाओं में प्रेग्नेंसी के बाद मेलाज्मा की समस्या खत्म हो जाती है तो कुछ महिलाओं में प्रेग्नेंसी के बाद मेलाज्मा की समस्या बढ़ जाती है। अगर आप भी मेलाज्मा से पीड़ित हैं तो चिंता ना करें, क्योंकि आप मेलाज्मा का घरेलू इलाज (melasma treatment) कर सकती हैं।

यहां मेलाज्मा का इलाज करने के लिए अनेक घरेलू नुस्खे बताए जा रहे हैं। आप इनका पालन कर मेलाज्मा से छुटकारा पा सकती हैं।

मेलाज्मा क्या है? (What is Melasma in Hindi?)

मेलाज्मा में चेहरे पर भूरा या ग्रे रंग के निशान या धब्बे होते हैं। यह रोग 20 से 50 वर्ष की महिलाओं में अधिक देखे जाते हैं। 

मेलाज्मा के प्रकार (Melasma Types in Hindi)

मेलाज्मा मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैंः-

सेंट्रोफेशियल (Centrofacial)-

सेंट्रोफेशियल मेलाज्मा के निशान (Spots) सिर (Fore head), ऊपरी होंठ (Upper lips), नाक (Nose) और ठोढ़ी (Chin) पर  दिखाई पड़ते हैं।

मलार (Malar)-

मलार मेलाज्मा में मुख्यतः गालों के ऊपरी भाग पर निशान दिखाई पड़ते हैं।

मेंडिबुलर (Mandibuller)-

मेंडिबुलर मेलाज्मा में जबड़ा (Mandibuller) पर निशान दिखाई पड़ते हैं।

मेलाज्मा के लक्षण (Melasma Symptoms in Hindi)

मेलाज्मा के ये लक्षण होते हैंः-

  • चेहरे पर गहरे भूरे रंग के धब्बे होना
  • धब्बे मुख्यतः नाक, गर्दन और ऊपरी होंठ पर होते हैं।
  • इनमें दर्द या जलन नहीं होती है।

मेलाज्मा के कारण? (Melasma Causes in Hindi)

मेलाज्मा के ये कारण हो सकते हैंः-

सूरज की रोशनी (Ultra Volet Rays)-

सूरज की रोशनी में अधिक समय तक रहने से मेलाज्मा होता है। सूरज की रोशनी मेलाज्मा होने का सबसे बड़ा कारण है। मेलाज्मा सबसे ज्यादा गर्मियों में होता है, क्योंकि गर्मियों में मिलेनिन पिगमेंट (Melanin pigment) का चेहरे पर ज्यादा स्राव (Secret) होता है। इसकी वजह से चेहरे पर धब्बे ज्यादा दिखाई देने लगते हैं।

गर्भ निरोधक गोलिया

गर्भ निरोधक गोलियां ज्यादा खाने से भी महिलाओं को मेलाज्मा की समस्या होती है। गर्भ निरोधक गोलियां लेने से महिलाओं के शरीर के हार्मोन में बदलाव होने लगते हैं। इसके कारण मेलाज्मा की समस्या होती है।

अन्य कारण

हार्मोन्स रिपलेसमेंट थेरेपी, आनुवांशिक (Herridity) ज्यादा एण्टी बायोटिक, स्टेराइड (Steroid) आदि के कारण भी मेलाज्मा हो सकता है।

मेलाज्मा का इलाज करने के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies for Melasma Treatment in Hindi)

आप मेलाज्मा के इलाज के लिए ये घरेलू नुस्खे अपना सकते हैंः-

नींबू का प्रयोग कर मेलाज्मा का उपचार (Lemon: Home Remedies for Melasma Treatment in Hindi)

नींबू के रस को रुई में लेकर प्रभावित जगह पर लगाएं। इसे 20 मिनट तक छोड़ दें।  2 मिनट तक हल्के हाथ से मालिश करें और गुनगुने पानी से धो लें। नींबू का रस प्राकृतिक रुप से त्वचा का रंग हल्का (ayurvedic gharelu nuskhe) करता है। नींबू की अम्लीय प्रकृति मेलाज्मा के गहरे धब्बों को कम करने का काम करती है।

Lemon benefits for melasma

सेब के सिरके से मेलाज्मा का इलाज (Apple Cider Vinegar: Home Remedies for Melasma Treatment in Hindi)

एप्पल साईडर विनेगर को 1 छोटे चम्मच पानी में मिलाकर मेलाज्मा के धब्बों पर लगाएं। इसे हवा में 10 मिनट के लिए सूखने दें। इसके बाद गुनगुने पानी से चेहरे को धो (ayurvedic gharelu nuskhe) लें। एप्पल साईडर विनेगर में ऐसीटिक एसिड मौजूद होता है, जो एक प्रभावशाली ब्लीच के रूप में काम करता है। ये त्वचा के दाग-धब्बों को हटाकर त्वचा को मुलायम और चमकदार बनाता है।

Apple Cider Vinegar benefits

हल्दी का प्रयोग कर मेलाज्मा का इलाज (Turmeric: Home Remedies for Melasma Treatment in Hindi)

1 छोटे चम्मच हल्दी में 2 बड़े चम्मच दूध में मिलाकर दाग-धब्बों पर लगाएं। 20 मिनट तक बाद गुनगुने पानी से धो लें। हल्दी के एण्टी-ऑक्सीडेंट (Anti–Oxident) तत्व होते हैं, जो चेहरे के दाग-धब्बों को दूर करने में मदद करते हैं।

Haldi ke fayde in melasma

एलोवेरा जेल का उपयोग कर मेलाज्मा का उपचार (Aloe Vera: Home Remedies for Melasma Treatment in Hindi)

एलोवेरा जेल में पाली सैक्राइड होता है जो मेलाज्मा के दाग हटाकर त्वचा की असली चमक वापस ले आता है। इसके साथ ही ये मृत त्वचा (Dead Skin) को निकाल देता है। सबसे पहले एलोवेरा को आधा काटकर उससे जेल निकाल लें। इस जेल को मेलाज्मा के दाग-धब्बों में लगाकर हल्के हाथ से मालिश (melasma ayurvedic treatment) करें। 15 से 20 मिनट के लिए छोड़ दें। इसके बाद ताजे पानी से चेहरे को धो लें।

Aloe Vera for melasma

मेलाज्मा के दौरान आपका खान-पान (Your Diet in Melasma Disease)

मेलाज्मा के लिए आपका खान-पान ऐसा होना चाहिएः-

  • एस्ट्रोजन हार्मोन्स के अत्याधिक स्राव को रोकने के लिए रेशे युक्त आहार खाना चाहिए।
  • संतरा, सेब, अंगूर और सब्जियां जैसे- ब्रोकोली, पत्ता गोभी, अंकुरित चने आदि खाना में शामिल करना चाहिए।
  • फोलिक एसिड युक्त भोजन जैसे- खट्टे फल, हरे पत्तेदार सब्जियाँ और साबुत अनाज खाना चाहिए, क्योंकि फोलिक एसिड की कमी के कारण मेलाज्मा बढ़ सकता है।
  • विटामिन C और विटामिन E युक्त आहार- ये विटामिन्स एण्टी-आक्सीडेंट युक्त तत्व होते हैं, जो त्वचा को पोषित (Naurish) करते हैं, और मेलाज्मा को बढ़ने से रोकते हैं। ये विटामिन खट्टे फल, कीवी, बादाम, मछली में पाएं जाते हैं।
  • फलों का जूस- सुबह के समय एक गिलास संतरे के रस को रोज पीने से मेलाज्मा की समस्या से बचाव होता है।
  • पानी अधिक पिएं- पानी अधिक पिएं, क्योंकि इससे मेलाज्मा के दाग-धब्बे कम (melasma ayurvedic treatment)होते हैं।
  • सनक्रीन का प्रयोग- पूरे समय (30 या अधिक एसपीएफ) के सनक्रीन का प्रयोग करें, क्योंकि सूर्य की किरणों (Ultrovolet rays) की वजह से मेलाज्मा होता है। इसलिए धूप में बाहर निकलने से पहले एसपीएफ सनक्रन लगाएं। जिंक आक्साइड या लाइटेनिपमडाइ ऑक्साइड युक्त सनक्रीन सबसे अच्छी होती है।

मेलाज्मा के दौरान आपकी जीवनशैली (Your Lifestyle in Melasma Disease)

मेलाज्मा के दौरान आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिए (melasma treatment at home) ऐसी होनी चाहिएः-

व्यायाम- नियमित व्यायाम करें। पैदल चलना, साइकिल चलाना, दौड़ना आदि मेलाज्मा को कम करने में सहायक होते हैं।

योग- गहरे धब्बों को दूर करने के लिए कुछ सहायक योगासन इस प्रकार हैं-

  • सूर्य नमस्कार
  • भुजंगासन
  • सर्वांगासन
Surya namaskar

मेलाज्मा के दौरान परहेज (Avoid These in Melasma Disease)

  • धूम्रपान, शराब आदि ना पिएं।
  • मसालेदार, नमकीन पदार्थ और पेय, बैंगन आदि नहीं खाना चाहिए।
  • जंकफूड जैसे पिज्जा, बर्गर, कोल्डड्रिंक, पेस्ट्री आदि नहीं खाना चाहिए।
  • शक्कर (Sugar) ग्लूटेन और खमीर की अधिकता वाला खाना नहीं खाना (melasma treatment at home) चाहिए।

मेलाज्मा से जुड़े सवाल-जवाब (FAQ Related Melasma Disease)

मेलाज्मा से जुड़े सवाल जो अक्सर पूछे जाते हैंः-

आयुर्वेद के अनुसार, मेलाज्मा होने का क्या कारण है?

शरीर में तीन दोष वात, पित्त और कफ होते हैं। जब यह संतुलित अवस्था में होते हैं, तब शरीर को स्वस्थ रखते हैं। यदि यह तीन दोष असंतुलित हो जाते हैं तब शरीर में रोग उत्पन्न कर देते हैं। इसी प्रकार पित्त दोष के असंतुलित होने की वजह मेलाज्मा होता है। इसमें चेहरे पर गहरे भूरे या ग्रे रंग के धब्बे पड़ जाते हैं।

अगर उपरोक्त उपायों से फायदा ना मिला तो उसका क्या कारण हो सकता है?

अगर आपको उपरोक्त उपाय से फायदा नहीं मिल रहा है तो इसका मतलब यह हो सकता है कि आप बताये गये परहेज का पालन सही तरीके से नहीं कर रहे हैं।

मेलाज्मा में डॉक्टर से कब सम्पर्क करना चाहिए?

यदि चेहरे के धब्बे दूर नहीं होते, बल्कि और अधिक गहरे होने लगे तो तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करें।