सोते वक्त सांसों के साथ तेज आवाज और वाइब्रेशन आना खर्राटा (snoring Problem) कहलाता है। खर्राटा नींद से संबंधित एक समस्या है। खर्राटों की आवाज नाक या मुंह, किसी से भी आ सकती है। यह आवाज सोने के बाद किसी भी समय शुरू और बंद हो सकती है। खर्राटे सांस अंदर लेते समय आते हैं। खर्राटे मारने वाले लोगों को नींद से जागने के बाद गले में जलन महसूस हो सकता है। अधिकांश लोगों सोचते है कि खर्राटा का कोई इलाज नहीं है, लेकिन यह सोचना गलत है। आप खर्राटों की समस्या को घरेलू इलाज से दूर (kharate band karne ke nuskhe) कर सकते हैं, लेकिन खर्राटे रोकने के उपाय को जानने से पहले आपको यह जानना जरूरी है कि खर्राटे क्यों आते हैं।
जी हां, आयुर्वेद में खर्राटे की परेशानी से छुटकारा पाने के अनेक उपाय बताए गए हैं। आप इन उपायों से खर्राटे का इलाज (kharate ka ilaj) कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि खर्राटे का आयुर्वेदिक इलाज कैसे करें।
खर्राटे क्यों आते हैं ? (What is Snoring in Hindi?)
अक्सर लोग खर्राटे से परेशान रहते हैं और यह जानने की कोशिश करते हैं कि उनको खर्राटे क्यों आते हैं। दरअसल खर्राटे एक तरह की ध्वनि होती है। यह ध्वनि तब पैदा होती है, जब व्यक्ति नींद के दौरान अपनी नाक और गले के माध्यम से स्वतंत्र रूप से हवा नहीं ले पाता है। जब हवा का बहाव गले की त्वचा में स्थित ऊतकों में कंपन पैदा कर देता है। जो लोग अक्सर बहुत ज्यादा खर्राटे लेते हैं उनके गले और नाक के ऊतक में बहुत ज्यादा कंपन होता है। इसके अलावा व्यक्ति की जीभ की स्थिति भी सांस लेने के रास्ते में आती है जिसके कारण खर्राटों की समस्या होती है। यहां आपके लिए खर्राटे को रोकने के उपाय बहुत ही आसान शब्दों (snoring home remedies in hindi) में लिखे गए हैं ताकि आप इससे पूरा लाभ ले पाएं।
खर्राटे आने के लक्षण (Snoring Symptoms in Hindi)
खर्राटे के ये लक्षण हो सकते हैंः-
- तेज आवाज के साथ सांस लेना और छोड़ना।
- थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ सेकेंड के लिए सांस का रुकना।
- धीरे-धीरे सांस रुकने की रफ्तार और समय बढ़ना।
- सोते-सोते सांस ना आने पर हड़बड़ा कर जागना।
- दिन भर सुस्ती और आलस्य से भरे रहना।
- नींद पूरी होने पर भी दिनभर नींद आना।
- थकान महसूस होना।
खर्राटे आने के कारण (Snoring Causes in Hindi)
खर्राटे आने के अनेक कारण होते हैं, जिनमें मुख्य कारण ये होते हैंः-
- मोटापा– वजन बढ़ने के कारण भी खर्राटे आते हैं। जब किसी का वजन बढ़ता है, तो उसकी गर्दन पर ज्यादा मांस लटकने लगता है। लेटते समय इस मांस के कारण सांस की नली दब जाती है, और सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।
- खूब शराब पीना- कई दर्द निवारक दवाओं की तरह ही अल्कोहल भी शरीर की मांसपेशियों के खिंचाव को कम करती है, और उन्हें विस्तार देती है। कई बार बहुत अधिक अल्कोहल के सेवन से गले की मांसपेशियां फैल जाती हैं, जिससे खर्राटे उत्पन्न हो सकते हैं।
- मांसपेशियों में कमजोरी– जब गले और जीभ की मांसपेशियां बहुत शांत और शिथिल हो जाती हैं तो ये लटकने लगती हैं। इससे रास्ता रूक जाता है। आमतौर पर गहरी नींद, अधिक एल्कोहॉल का सेवन या नींद की गोलियां लेने के कारण ऐसा होता है। उम्र के बढ़ने से भी मांसपेशियों का लटक जाना एक आम बात है।
- साइनस – खर्राटे आने की एक वजह साइनस है। साइनस के बढ़ने से नाक के छिद्र जाम हो जाते हैं। इतना ही नहीं, खर्राटे की ध्वनि बढ़ने पर भी नाक के रास्ते पर भी प्रभाव पड़ता है। ऐसे में अगर आप साइनस के मरीज हैं तो हमेशा सावधानियां बरतें। यदि आपको जुकाम है, या साइनस बढ़ने से परेशान हैं तो सोने के पहले भाप जरूर लें। इससे सारी गंदगी बाहर आ जाएगी और सांस लेने में आसानी होगी।
- सोने का गलत तरीका- सोते समय गले का पिछला हिस्सा थोड़ा संकरा हो जाता है। ऐसे में ऑक्सीजन संकरी जगह से अंदर जाती है तो आस-पास के टिशू वायब्रेट होते हैं।
- सर्दी– अधिक दिनों तक नाक बंद रहने पर डॉक्टर से जांच करवाएं। नींद की गोलियां, एलर्जी रोधक दवाइयां भी श्वसन मार्ग की पेशियों को सुस्त बना देती हैं, जिनसे खर्राटे आने लगते हैं।
- नीचे वाले जबड़े का छोटा होना भी खर्राटे आने का कारण है। जब व्यक्ति का जबड़ा सामान्य से छोटा होता है, तो लेटने पर उसकी जीभ पीछे की तरफ हो जाती है। इससे सांस की नली ब्लॉक हो जाती है। ऐसे में सांस लेने और छोड़ने के लिए प्रेशर लगाना पड़ता है। इससे वाइब्रेशन होता है।
- वात एवं कफ दोष होने पर खर्राटे आते हैं।
- कफ की अधिकता के कारण मांस की वृद्धि होती है, जो कि श्वास नलिका में अवरोध उत्पन्न करता है।
- श्वासनलिका में अवरोध से वात की वृद्धि होती है, जिससे ध्वनि उत्पन्न होती है।
- पुरुषों की सांस लेने की नली महिलाओं की नली से पतली होती है, इसलिये पुरुषों को खर्राटे ज्यादा आते हैं।
- यह बीमारी आनुवंशिक भी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को होती है।
- नाक के वायुमार्ग में रूकावट- नाक में विकृति होना जैसे सैप्टम (नाक के रास्ते को दो भागों में बांटने वाली दीवार) का टेढ़ापन, या नाक के अंदर निकले छोटे-छोटे कणों के कारण भी वायुमार्ग में रुकावटें आ सकती हैं। इसके इसके अलावा कुछ लोगों को सर्दी के दिनों में खर्राटे आने लगते हैं।
- व्यक्ति की गर्दन अगर ज्यादा छोटी हो, तो भी सोते समय सांस के साथ आवाज आती है।
बच्चों को खर्राटे आने के कारण (Snoring Causes in Kids)
बच्चों को खर्राटे आने के ये कारण हो सकते हैंः-
- टॉन्सिल्स बढ़ा होना।
- जीभ मोटी होना।
- जुकाम या हड्डी टेढ़ी होने से नाक में रुकावट।
खर्राटे रोकने के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies for Snoring Problem in Hindi)
आप खर्राटों के इलाज के लिए ये घरेलू उपाय कर सकते हैंः-
पुदीना के तेल से खर्राटे का इलाज (Mint Oil: Home Remedies for Snoring Problem in Hindi)
- पुदीने में कई ऐसे तत्व होते हैं जो गले और नाक के छेदों की सूजन को कम करने का काम करते हैं। इससे सांस लेना आसान हो जाता है। सोने से पहले पिपरमिंट ऑयल की कुछ बूंदों को पानी में डालकर गरारा (kharate ka ilaj) कर लें। इस उपाय को कुछ दिन तक करते रहें। फर्क आपके सामने होगा।
- एक कप उबलता हुआ पानी लें। इसमें 10 पुदीने की पत्तियां डालकर ठंडा होने के लिए छोड़ दें। जब यह पानी गुनगुना पीने योग्य हो जाए, तो इसे छानकर या बिना छाने ही पिएं। इससे कुछ ही दिनों में खर्राटों की समस्या ठीक हो जाती है।
दालचीनी से खर्राटे का इलाज (Dalchini: Home Remedies to Treat Snoring in Hindi)
खर्राटे की समस्या से निजात पाने के लिए एक ग्लास गुनगुने पानी में तीन चम्मच दालचीनी का पाउडर मिलाकर पिएं। इसके लगातार सेवन से आपको काफी फायदे नजर आएंगे।
लहसुन के प्रयोग से खर्राटे का इलाज (Garlic: Home Remedy to Cure Snoring in Hindi)
लहसुन, नासिका मार्ग में बलगम के निर्माण और श्वसन प्रणाली की सूजन को कम करने में मदद करता है। अगर आप साइनस के कारण खर्राटे लेते हैं, तो लहसुन आपको राहत प्रदान करेगा। लहसुन में घाव को भरने का गुण होता है। लहसुन ब्लॉकेज को साफ करने के साथ ही श्वसन-तंत्र को भी बेहतर बनाने में मदद (kharate ka ilaj) करता है।
अच्छी और चैन की नींद के लिए लहसुन का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद है। एक या दो लहसुन की कली को पानी के साथ लें। इस उपाय को सोने से पहले करने से आप खर्राटों से राहत पा सकते हैं, साथ ही चैन की नींद ले सकते हैं।
हल्दी से करें खर्राटे रोकने का उपाय (Turmeric and Milk: Home Remedies for Snoring Problem in Hindi)
हल्दी में एंटी-सेप्टिक और एंटी-बायोटिक गुण होते हैं। इसके इस्तेमाल से नाक साफ हो जाता है। इससे सांस लेना आसान हो जाता है। रोज रात को सोने से पहले दूध में हल्दी पकाकर (हल्दी वाला दूध) पीने से फायदा होगा।
ऑलिव ऑयल से करें खर्राटे रोकने के उपाय(Olive Oil: Home Remedy to Treat Snoring in Hindi)
ऑलिव ऑयल एक बहुत ही कारगर घरेलू उपाय है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है। यह श्वसन-तंत्र की प्रक्रिया को सुचारू बनाए रखने में बहुत फायदेमंद होता है। यह दर्द को कम करने में मदद करता है। एक छोटी चम्मच ऑलिव ऑयल में सामान मात्रा में शहद मिलाकर, सोने से पहले नियमित रूप से लें। गले में कंपन को कम करने और खर्राटों को रोकने (kharate ka ilaj) के लिए इस उपाय का प्रयोग करें।
इलायची से करें खर्राटे रोकने के उपाय (Cardamom: Home Remedies to Cure Snoring in Hindi)
इलायची सर्दी-खांसी की दवा के रूप में काम करती है। यह श्वसन-तंत्र खोलने का काम करती है। इससे सांस लेने की प्रक्रिया आसान होती है। रात को सोने से पहले इलायची के कुछ दानों को गुनगुने पानी के साथ मिलाकर पिएं। इससे समस्या से राहत मिलती है। सोने से कम से कम 30 मिनट पहले इस उपाय (kharaton ka desi ilaj) को करें।
खर्राटे बंद करने के लिए दूध का सेवन (Milk: Home Remedy for Snoring Problem in Hindi)
दूध कई बीमारियों के लिए फायदेमंद है। रात को सोने से पहले कम से कम एक कप दूध अवश्य पिएं। इससे खर्राटे आने बंद हो जाते हैं।
खर्राटा बंद करने के लिए शहद का प्रयोग (Honey: Home Remedy to Treat Snoring in Hindi)
एक ग्लास गर्म पानी में दो चम्मच शहद मिलाकर सोने से आधा घंटे पहले पिएं। शहद में एंटी-इन्फ्लेमेट्री गुण होते हैं, जो गले और नाक में सूजन होने से रोकते हैं। इससे सांस लेने में आसानी (kharaton ka desi ilaj) रहती है।
खर्राटा बंद करने के लिए स्टीम थेरेपी का प्रयोग (Stream Therapy: Home Remedies to Cure Snoring in Hindi)
नाक बदं होने से खर्राटों की समस्या होने लगती है। इसका सबसे अच्छा समाधान स्टीम थेरेपी है। इससे बंद नाक खुल जाता है, और खर्राटों से राहत मिलती है।
खर्राटे की समस्या के दौरान आपका खान-पान (Your Diet in Snoring Problem)
खर्राटे की समस्या से बचने के लिए आपका आहार ऐसा होना चाहिएः-
- भूख से कम भोजन करें
- रात को सोने से पहले भोजन ज्यादा मात्रा में ना करें।
खर्राटे की समस्या से बचने के लिए आपकी जीवनशैली (Your Lifestyle in Snoring Problem)
खर्राटे की समस्या से बचने के लिए आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-
एक्सरसाइज करें
शरीर के हर भाग जैसे, हाथ, पैर और एब्स की एक्सरसाइज करने से सारी मांसपेशियां टोन हो जाती हैं। गले की मांसपेशियों की एक्सर्साइज होती है। इससे खर्राटे कम आते हैं।
अपना वजन कम करें
आपने कभी गौर किया हो तो खर्राटे लेने वाले लोग अधिकतर मोटापे से ग्रस्त होते हैं। मोटे लोगों के गले के आस-पास बहुत अधिक वसा युक्त कोशिकाएं जमा हो जाती हैं, जिनसे गले में सिकुड़न होती है। इससे ही खर्राटे की ध्वनि (snoring home remedies) निकलती है। यह हवा के रास्ते को भी रोकता है, जिससे भी सोते वक्त खर्राटे अधिक होते हैं। अगर आप खर्राटे से छुटकारा चाहते हैं तो वजन जरूर घटाएं।
सोने के लिए उचित तकिया रखें
अगर आप अपनी तकिया के खोल को समय-समय पर बदलते या साफ नहीं करते हैं, तो हो सकता है कि आप के खर्राटों की वजह यह भी हो। कई बार सिर की रूसी, या बाल तकिया पर गिरे होते हैं। यह कई सूक्ष्म जीवों के लिए जमीन तैयार कर देते हैं।
जब आप सांस लेते हैं, तो ये एलर्जी शरीर की श्वास संबंधी क्षमता को खत्म कर देती है। इससे निद्रा अश्वसन (नींद में सांस लेने की दिक्कत) या स्लीप एपनिया की समस्या होती है, और खर्राटे तेज हो जाते हैं।
सोने के लिए अलग-अलग पोजिशन अपनाएं
वैसे तो पीठ के बल सोना ही आदर्श तरीका है, लेकिन कई बार इस मुद्रा में सोने से खर्राटे की आशंका बढ़ जाती है। इस मुद्रा में तालु व जीभ गले के ऊपरी भाग पर होते हैं। इससे ऊँची पिच में ध्वनि उत्पन्न होती है, और यह खर्राटों में तब्दील हो जाती है। आप अगर करवट के बल सोएंगे तो खर्राटों की आशंका कम होगी।
खर्राटों की समस्या के दौरान परहेज (Avoid These in Snoring Problem)
रात को नहीं जागें
अधिक देर तक नहीं जागें। इसके कारण भी खर्टाटे आने लगते हैं।
नींद की गोलियां का सेवन ना करें
सोने के लिए अगर आप नींद की गोलियों या फिर शराब आदि का प्रयोग करते हैं तो बंद कर देना चाहिए, क्योंकि इससे भी खर्राटे आते हैं।
धूम्रपान या नशीले पदार्थ का सेवन ना करें
धूम्रपान छोड़ दें। यदि आप धूम्रपान करते हैं तो आपके खर्राटों की संभावना अधिक (home remedies for snoring treatment) है। स्मोकिंग वायुमार्ग की झिल्ली में परेशानी पैदा करता है। इससे नाक और गले में हवा पास होना रूक जाती है।
धूम्रपान का फेफड़े पर सीधा प्रभाव पड़ता है। इससे फेफड़े की क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। कभी-कभी धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को सोते वक्त ऑक्सीजन की कमी लगती है। इस स्थिति को स्लीप एपनिया यानी निद्रा अश्वसन (नींद में सांस लेने की समस्या) कहते हैं। इस स्थित में कई बार ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए भी शरीर खर्राटे लेता है।
खर्राटा से बचने के लिए व्यायाम और योगासन (Exercise and Yoga for Snoring Problem)
खर्राटा को रोकने के लिए आप व्यायाम और योग की सहायता ले सकते हैंः-
- कपालभांति और उज्जई प्राणायाम खर्राटों में लाभकर है।
- इसके साथ आप अनुलोम विलोम प्राणायाम भी कर सकते हैं।
- खर्राटा से बचने के लिए गले की मांसपेशियों की एक्सरसाइज करना लाभकारी (home remedies for snoring treatment) साबित हो सकता है।
खर्राटे से जुड़े आपको सवाल-जवाब (FAQ Related Snoring Disease)
साइनस वाले मरीज को खर्राटों की परेशानी के लिए क्या करना चाहिए?
अगर आप साइनस के मरीज हैं तो हमेशा सावधानियां बरतें। यदि आपको जुकाम है, या साइनस बढ़ने से परेशान हैं तो सोने के पहले भाप जरूर लें। इससे सारी गंदगी बाहर आ जाएगी और सांस लेने में आसानी होगी।
खर्राटों की परेशानी में डॉक्टर से कब सम्पर्क करना चाहिए?
जब आप खर्राटे के कारण निम्न परेशानी से पीड़ित हों तो डॉक्टर से सम्पर्क कर सकते हैंः-
- उदास मन हो।
- चिड़चिड़ा व्यवहार हो।
- एकाग्रता कम हो रही हो।
- दिन के समय भी सुस्ती लगे।
- नींद के दौरान सांस रोकते हैं।
- यदि खर्राटे की समस्या अधिक हो।
- सुबह उठने के बाद आराम ना मिले।
- सुबह उठने के साथ सिर में दर्द महसूस हो।
- सोते समय आपकी सांस फूलती हो या जागने के बाद आप पसीने से भीगे हुए होते हों।