अधिकांश लोगों का बैंगन की सब्जी का स्वाद पसंद नहीं आता है वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनका मानना है कि बैंगन से सेहत को कोई फायदा नहीं होता है. जबकि ऐसा नहीं है, बैंगन हमारी सेहत के लिए बहुत ही गुणकारी है. यह पेट के रोगों से लेकर बवासीर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में फायदा पहुंचाता है. इस लेख में हम आपको बैंगन के फायदे, औषधीय गुण और उपयोग के बारे में विस्तार से बता रहे हैं.
बैंगन क्या है? (What is Brinjal?)
बैंगन का उपयोग मुख्य रूप से सब्जी के रूप में किया जाता है और देश के कई हिस्सों में इसकी खेती की जाती है. बैंगन के पौधे लगभग 60-100 सेमी ऊँचाई वाले और पत्तेदार होते हैं. इसके फूल बैगनी रंग के होते हैं और इसके फल गहरे बैगनी, सफ़ेद या पीले रंग के लंबे अंडाकार आकार में होते हैं.
अन्य भाषाओं में बैंगन के नाम (Name of Brinjal in Different Languages)
बैंगन का वानस्पतिक नाम : Solanum melongena Linn. (सोलेनम् मेलोंजेना) Syn-Solanum esculantum Dunal है. यह Solanaceae (सोलैनेसी) कुल का पौधा है. आइए जानते हैं कि बैंगन को अन्य भाषाओं में किन नामों से जाना जाता है :
Brinjal in :
- Hindi-भंटा, बैंगन, बैगुन
- Sanskrit-वृंताक, वार्ताकी, भण्टाकी, वार्त्ताकफ, भाण्टिका;
- Odia-बैंगन (Bangan)
- Urdu-बेंगन (Baigan)
- Kannad-बदने (Badne), गुलबदने (Gullbadane)
- Gujrati-रिङ्गाणा (Ringana), वेंगण (Vengan)
- Tamil-कत्तरिक्काइ (Kattrikkayi)
- Telugu-बंकाया (Bankaya), वेरीवेंगा (Verri vanga)
- Nepali-भाण्टा (Bhanta)
- Bengali-बेगुन (Begun)
- Marathi-वांगे (Vange), वांगी (Vangi)
- Malyalam-वालूटीना (Valutina)
बैंगन के औषधीय गुण (Medicinal Properties of Brinjal in Hindi)
- बैंगन कटु, तिक्त, मधुर, उष्ण, लघु, तीक्ष्ण, स्निग्ध, क्षारीय, कफवातशामक, दीपन, शुक्रकारक, रुचिकारक, हृद्य, वृष्य, बृंहण, ग्राही, निद्राकर, चक्षुष्य, पित्तल तथा शोणितवर्धक होता है।
- यह ज्वर, कास, अरुचि, कृमि, अर्श, हृल्लास तथा श्वासनाशक है।
- अङ्गार पर भुना हुआ बैंगन अत्यन्त लघु, अग्निदीपन तथा किञ्चित् पित्तकारक होता है।
- तैल तथा नमक युक्त भुना बैंगन गुरु तथा स्निग्ध होता है।
- श्वेत बैंगन अर्श में हितकर तथा बैंगन की अपेक्षा हीन गुण वाला होता है।
- बैंगन का पक्व फल क्षार युक्त, गुरु, पित्तकारक तथा वातकोपक होता है।
- बैंगन की मूल श्वासकष्टरोधी, रेचक, वेदनाहर एवं हृद्य होती है।
- यह तत्रिकाशूल, हृद्दौर्बल्य, शोथ, नासागत व्रण, अजीर्ण, ज्वर, हृदयगत रोग, श्वासगतरोग, श्वासनलिकाशोथ, श्वासकष्ट, विसूचिका एवं मूत्रकृच्छ्र शामक होता है।
बैंगन के फायदे और उपयोग (Uses and Benefits of Brinjal in Hindi)
बैंगन की सब्जी या भरता तो हम सब ने खाया है लेकिन शायद ही किसी को मालूम हो कि बैंगन का स्वाद जितना अच्छा है उतना ही यह सेहत के लिए गुणकारी भी है. आइए आगे बैंगन के फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं :
कान के दर्द से राहत दिलाता है (Brinjal Benefits for Ear Pain in Hindi)
अगर आप कान दर्द से परेशान हैं तो बैंगन का उपयोग करके आप इस समस्या से राहत पा सकते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार बैंगन के जड़ के रस की 1-2 बूँद मात्रा कान में डालने से कान का दर्द और सूजन कम होता है.
दांत दर्द से आराम दिलाने में सहायक है बैंगन (Brinjal gives relief from Toothache in Hindi)
दांत में दर्द होना एक आम समस्या है, ठीक से दांतों की साफ-सफाई का ध्यान ना रखना इसका मुख्य कारण है. अगर आप भी दांतों के दर्द से परेशान हैं तो बैंगन की जड़ का इस्तेमाल करें. बैंगन की जड़ का पाउडर बना लें और इसे दांतों पर रगड़ें. इससे दांतों का दर्द दूर होता है.
पेट के रोगों में उपयोगी है बैंगन (Uses of Brinjal for Abdominal Problems in Hindi)
पेट फूलना, अपच और भूख ना लगने जैसी समस्याओं से राहत पाने के लिए भी बैंगन का उपयोग किया जा सकता है. इन समस्याओं से राहत पाने के लिए कच्चे बैंगन की सब्जी बनाकर खाएं.
उल्टी रोकने में मदद करता है बैंगन (Uses of Brinjal to stop Vomiting in Hindi)
अगर आपको उल्टी हो रही है या जी मिचला रहा है तो इसे रोकने के लिए बैंगन का उपयोग करें. विशेषज्ञों के अनुसार, 5 मिली बैंगन की पत्तियों के रस में 5 मिली अदरक का रस मिलाकर पीने से उल्टी रुक जाती है.
बवासीर के रोगियों के लिए उपयोगी है बैंगन (Benefits of Brinjal for Piles Treatment in Hindi)
खराब खानपान और गलत जीवनशैली के कारण कई लोग कब्ज की समस्या से परेशान रहते हैं और आगे चलकर बवासीर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हो जाते हैं. अगर आप भी बवासीर के मरीज हैं और इससे होने वाले ब्लीडिंग और दर्द से राहत पाना चाहते हैं तो बैंगन का आगे बताए गए तरीके से उपयोग करें. इसके लिए बैंगन के पत्तों को महीन पीसकर उसमें जीरा और शक्कर मिलाकर सेवन करें. इसके सेवन से रक्तस्राव और दर्द दोनों से आराम मिलता है.
पेशाब के समय होने वाले दर्द से राहत दिलाता है बैंगन (Brinjal helps in treatment of UTI problems in Hindi)
कई लोग पेशाब करते समय जलन एवं दर्द की समस्या से परेशान रहते हैं. अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो बैंगन के जड़ के रस की 5 मिली मात्रा का सेवन करें. इस समस्या से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए नजदीकी आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करें.
जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए करें बैंगन का उपयोग (Brinjal gives quick relief from Joint Pain in Hindi)
जाड़ों का मौसम आते ही कई लोग जोड़ों के दर्द से परेशान हो जाते हैं, खासतौर पर बुजुर्गों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है. आयुर्वेद में बताए कुछ घरेलु उपचार अपनाकर आप जोड़ों के दर्द से आराम पा सकते हैं. इसके लिए बैंगन को भूनकर उसे पीस लें और दर्द वाली जगह पर कपड़े में लपेटकर बांधें. इससे दर्द जल्दी दूर होता है.
घाव को जल्दी भरने में सहायक है बैंगन (Brinjal Benefits in Wound Healing in Hindi)
शरीर में कहीं छोटा-मोटा घाव हो जाए तो आयुर्वेद में बताए कई घरेलू उपाय अपनाकर आप घाव को जल्दी भर सकते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार बैंगन की जड़ के चूर्ण को पानी में उबालकर और फिर ठंडा करके घाव को धोने से घाव जल्दी ठीक होता है.
खुजली दूर करने के लिए करें बैंगन का इस्तेमाल (Uses of Brinjal to get rid of Itching in Hindi)
आइए जानते हैं कि खुजली की समस्या दूर करने में बैंगन का उपयोग कैसे करें. इसके लिए बैंगन के पत्तों और फलों को कुचलकर उसमें शक्कर मिलाकर खुजली वाली जगह पर लगाएं। इस लेप को लगाने से खुजली जल्दी मिटती है।
अनिद्रा की समस्या दूर करने में सहायक है बैंगन (Brinjal helps in treatment of Insomania in Hindi)
आज कल देर रात तक जागना और काम करना काफी प्रचलन में है जिसकी वजह से लोगों में अनिद्रा की बीमारी बढ़ती जा रही है. अगर आप भी देर रात तक नींद ना आने से परेशान हैं तो बैंगन को अपनी डाइट शामिल करें. विशेषज्ञों का कहना है कि बैंगन के भरते में शहद मिलाकर खाने से रात में अच्छी नींद आती है.
चोट के दर्द से राहत दिलाने में उपयोगी है बैंगन (Brinjal gives relief from wound pain in Hindi)
बैंगन का उपयोग सब्जी के रूप में खाने के अलावा और भी कई तरह से किया जा सकता है. जैसे कि आपको अचानक कोई चोट लग जाए और तेज दर्द हो रहा हो तो बैंगन को भूनकर उसमें हल्दी व प्याज मिलाकर चोट वाली जगह पर बांधें. इसके अलावा भुने हुए बैंगन के 10-15 मिली रस में थोड़ा गुड़ मिलाकर खाने से भी चोट का दर्द कम होता है।
बैंगन के उपयोगी भाग (Useful Parts of Brinjal)
आयुर्वेद के अनुसार बैंगन के निम्न भाग सेहत के लिए उपयोगी है :
- फल
- पत्तियां
- जड़
बैंगन का इस्तेमाल कैसे करें? (How to use Brinjal)
अगर आप बैंगन का इस्तेमाल सब्जी या भोजन के रूप में कर रहे हैं तो बाकी सब्जियों की तरह की इसका सेवन करें. लेकिन अगर आप किसी बीमारी के घरेलू उपाय के रूप में इसका उपयोग करना चाहते हैं तो खुराक की सही जानकारी के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करें.
बैंगन कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Brinjal found or grown?)
पूरे विश्व के गर्म हिस्सों में बैंगन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. भारत के अधिकांश राज्यों में लोग इसे सब्जी के रूप में उगाते हैं. आप अपने बगीचे में भी इसका पौधा लगा सकते हैं.