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हिचकी रोकने के लिए घरेलू उपाय (Home remedies for Hiccups)

हिचकी (hichki) आनी आम बात है, लेकिन कई लोग ऐसे भी होते हैं जिनको हिचकी बार-बार आती रहती है। अनेक गर्भवती स्त्रियों को भी हिचकी की समस्या होती है। आमतौर पर लोग हिचकी का उपचार करने के लिए पानी पीते हैं, लेकिन कई बार पानी से भी हिचकी की समस्या नहीं जाती। इसके लिए आप हिचकी के घरेलू उपाय को प्रयोग (hichki rokne ke upay) में ला सकते हैं। 

यहां हिचकी (hichki) से जुड़ी सभी जानकारियां दी जा रही हैं। आप इन उपायों से हिचकी आने पर लाभ ले सकते हैं।

हिचकी क्या है? (What is Hiccup or Hichki?)

हिचकी को हिक्का भी कहते हैं। आयुर्वेद के अनुसार वात, पित्त एवं कफ विकार के कारण शरीर में कोई भी बीमारी होती है। इसी तरह हिचकी वात एवं कफ दोष विकार के कारण होती है। आमतौर पर हिचकी की परेशानी श्वसन तंत्र विकार के कारण होती है, लेकिन इसमें पाचनतंत्र की भी भूमिका होती है। 

हिचकी (hichki) डायफ्राम के संकुचन के कारण होती है। डायफ्राम वह मांसपेशियां है, जो पेट से आपकी छाती को अलग करती है। यह सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यदि इसमें संकुचन या दबाव उत्पन्न होता है तो आपकी आवाज निकालने वाली नली (स्वरयंत्र या Vocal cords) अचानक बंद होकर ‘हिक्’ ध्वनि को उत्पन्न करता है। यही हिचकी या hiccups कहलाती है। हिचकी को रोकने के लिए घरेलू उपायों का इस्तेमाल किया जाना अच्छा होता है।

हिचकी रोग के प्रकार (Types of Hiccup)

आयुर्वेद में हिचकी के पांच प्रकार बताए गए हैं-

  • महाहिक्का- इसमें अधिक तेजी से हिचकी (hichki) आती है।
  • महा-गम्भीरा- गंभीर आवाज के साथ हिचकी आती है।
  • व्येपता हिक्का- हिचकी लगातार ना आकार रुक-रुक कर आती है।
  • क्षुद्रा हिक्का- थोड़ी देर के लिए आती है और फिर शांत हो जाती है।
  • अन्नजा हिक्का- प्रायः छीक के साथ धीमी आवाज के साथ होती है। यह जलपान करने या भोजन करने से या कभी-कभी अपने आप ही दब जाती है।

इनमें से क्षुद्रा एवं अन्नजा हिचकी सामान्य होती है, और महा-गम्भीरा और व्यपेता हिचकी परेशानी बन जाती है।

हिचकी आने के कारण (Causes of Hiccup)

पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में यह समस्या ज्यादा देखी जाती है। डायफ्राम मांसपेशी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। फ्रेनिक नसें डायफ्राम की गति को नियंत्रित एवं उत्तेजित करती है। इन नसों में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर डायफ्राम में ऐंठन होती है, तथा epiglottis के अचानक बंद होने के कारण हिचकी आने लगती है। कई बार अधिक भोजन कर लेने, हवा निगलने, ज्यादा गर्म एवं मसालेदार भोजन करने, तनाव या किसी प्रकार के सदमा होने के कारण भी हिचकी आती है। हिचकी आने के कारण ये हो सकते हैंः-

  • अस्वस्थ भोजन करना ।
  • ठण्डे आहार का सेवन।
  • बदहजमी की स्थिति में भोजन करना।
  • ठण्डी जगह पर रहना।
  • धुआं, धूल, तेज वायु का सेवन करना।
  • ज्यादा भोजन करना या भोजन करते समय बात करना।
  • कार्बोनेटेड युक्त पेय पदार्थों को पीना।
  • अधिक शराब पीना।
  • किसी तरह के तनाव में होना या भावनात्मक रूप से उत्तेजित होना।
  • ज्यादा देर तक च्यूइंग गम चबाना।
  • बहुत देर तक हंसने से भी व्यक्ति के अन्दर अनजाने में हवा चली जाती है, और हिचकी आती है।
  • इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन
  • तनाव को दूर करने वाली एक प्रकार की दवा (Tranquilizers) का अधिक सेवन।
  • नींद ना आने की परेशानी
Hiccup home remedies

     गर्भवती महिलाओं को हिचकी आने के निम्न कारण हो सकते हैं-

    गर्भवती महिलाओं को हिचकी आने के कारण (Causes of Hiccup in Pregnant Women)

    • गर्भावस्था के दौरान, भ्रूण के ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए सांस लेने की प्रक्रिया सामान्य से अधिक हो जाती है। इस समय किसी भी कारण से ऑक्सीजन कम लेने पर डायफ्राम में संकुचन पैदा होता है। इससे हिचकी होती है।
    • कभी-कभी जल्दी खाने या पीने से भी हिचकी होती है।
    • गर्भावस्था के दौरान पेट पर दबाव पड़ने के कारण Acid reflux की समस्या हो जाती है। यह भी हिचकी का कारण बनती है।

    इसके लिए महिलाओं को धीरे-धीरे तथा आराम से भोजन करनी चाहिए। महिलाएं तनावमुक्त रहकर, और उचित जीवनशैली से हिचकी को ठीक कर सकती हैं।

    हिचकी रोकने के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies for Hiccups (hichki) in Hindi)

    सामान्यतः हिचकी कुछ समय के बाद अपने आप ही शान्त हो जाती है, लेकिन अगर 2-3 दिन से ज्यादा दिनों तक हिचकी बनी रहती है तो यह बड़ी समस्या बन जाती है। इस अवस्था में हिचकी को रोकने के उपाय किए जाने चाहिए। आप हिचकी के लिए ये घरेलू नुस्खे (hichki rokne ke upay) आजमा सकते हैंः-

    हिचकी रोकने के उपाय आंवला और मिश्री से (Amla and Mishri : Home Remedies for Hiccups in Hindi)

    सोंठ, आंवले और पीपल के एक-एक ग्राम चूर्ण को मिलाकर मधु या मिश्री के साथ खाएं। इस घरेलू नुस्खे से हिचकी को रोका जा सकता है।

    Amla benefits in Hindi

    हिचकी रोकने के उपाय पिप्पली और मिश्री से (Pippali and Mishri : Home Remedies for Hiccups in Hindi)

    पिप्पली चूर्ण और पिसी हुई मिश्री मिलाकर हिचकी के रोगी को सूंघाने से हिचकी बंद हो जाती है। अगर हिचकी (hichki) से अधिक परेशानी हो रही हो तो किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से जरूर सम्पर्क करें।

    हिचकी रोकने की दवा के रूप में नींबू और नमक का इस्तेमाल (Lemon and Salt : Home Remedies for Hiccup or Hichki in Hindi)

    गुनगुने पानी में नींबू का रस और एक चुटकी नमक और पुदीने के कुछ पत्ते मिलाएं। इसे पीने से हिचकी और गैस दोनों में आराम मिलता है।हिचकी को रोकने के लिए नमक और पुदीने का इस्तेमाल ऐसे करना चाहिए।

    Lemon benefits

    हिचकी रोकने की दवा के रूप में सोंठ और हरड़ का प्रयोग (Ginger and Harad : Home Remedies for Hiccups Treatment in Hindi)

    सोंठ और बड़ी हरड़ को बराबर-बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण बना लें। तीन ग्राम चूर्ण को पानी के साथ सेवन करने से हिचकी बंद हो जाती है।

    हिचकी रोकने की दवा के रूप में कुटकी और शहद का उपयोग (Kutki and Honey: Home Remedies for Hiccup or Hichki in Hindi)

    कुटकी के चूर्ण को 1-2 चुटकी की मात्रा में शहद के साथ मिलाकर दिन में 3-4 बार खाएं। इससे हिचकी से आराम मिलता है। 

    हिचकी रोकने के उपाय हींग और मक्खन से (Asafoetida and Butter : Home Remedies for Hiccups in Hindi)

    1/4 चम्मच हींग पाउडर को 1/4 चम्मच मक्खन के साथ मिलाकर खाने से हिचकी का इलाज होता है। ये हिचकी रोकने के उपाय हैं।

    Hing benefitts

    हिचकी को रोकने के लिए अन्य घरेलू उपाय (Other Home Remedies for Hiccups (hichki) in Hindi)

    आप ये घरेलू उपाय भी आजमा सकते हैंः-

    • जल्दी राहत (hichki rokne ke upay) पाने के लिए थोड़ी-थोड़ी देर में नींबू का टुकड़ा चूसें।
    • एक गिलास पानी में 2-3 इलायची उबालकर पीने से लाभ मिलता है।
    • एक गिलास ठण्डे पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से हिचकी से जल्दी राहत मिलती है।
    • हिचकी रोकने के उपाय के लिए एक चम्मच चीनी को मुंह में रख कर चूसें, तथा उसके बाद पानी पी लें।
    • कुलत्थ की दाल या सूप बनाकर सेवन करें।
    • हरीतकी चूर्ण की दो ग्राम मात्रा में शहद मिलाकर बार-बार चटाएं।
    • हिचकी रोकने के उपाय के लिए आमलकी तथा कपित्थ के रस लें। इसमें मधु एवं पिप्पली मिलाकर चाटने को दें।
    • बार-बार हिचकी आने पर दिन में तीन बार चित्रकादि वटी लें।
    • हिचकी (hichki) आने पर जल्दी-जल्दी पानी पीने से भी हिचकी को रोका जा सकता है।
    • बच्चों में हिचकी आने पर एक चम्मच शहद या पीनट बटर खिलाएं।
    • अदरक के एक छोटे टुकड़े को लेकर धीरे-धीरे चबाने से हिचकी को रोका जा सकता है।
    • हिचकी से ग्रस्त व्यक्ति को अचानक से चौकाने की कोशिश करें, या उसका ध्यान बाँटने की कोशिश करें।

    डॉक्टर से कब सम्पर्क करें? (When to Contact a Doctor?)

    सामान्यतः हिचकी कुछ ही देर में अपने आप शान्त हो जाती है, लेकिन अगर यह एक या दो दिन से ज्यादा रहती है, तो यह तंत्रिका-तंत्र (Nervous System) में होने वाली समस्या का संकेत करती है। यहां हिचकी रोकने के उपाय बहुत ही आसान शब्दों (hiccups in hindi) में बताए जा रहे हैं ताकि आप इसका पूरा लाभ ले पाएं, लेकिन स्थिति बिगड़ने पर तुरन्त डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।