सोरायसिस त्वचा से संबंधित एक बीमारी है, जिसे अपरस भी कहा जाता है। इस बीमारी में त्वचा पर मोटी परत बन जाती है। यह परत लाल रंग के चकत्ते के रुप में नजर आती है। लाल चकत्ते में खुजली के साथ-साथ कभी-कभी दर्द और सूजन भी होने लगती है। यह एक गंभीर रोग है, जो शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण होती है। सोरायसिस के कारण रोगी का आम जीवन परेशानियों से भर जाता है, लेकिन आपको इससे घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि आप सोयरासिस का घरेलू इलाज (home remedies for psoriasis treatment) भी कर सकते हैं।
आयुर्वेद में सोराइसिस के घरेलू उपचार के लिए अनेक उपाय बताए गए हैं, जो यहां दी जा रही हैं।
सोरायसिस क्या है? (What is Psoriasis in Hindi?)
सोरायसिस त्वचा से जुड़ी ऑटोइम्यून डिजीज है। इस रोग में त्वचा पर कोशिकाएं तेजी से जमा होने लगती हैं। सफेद रक्त कोशिकाओं के कम होने के कारण त्वचा की परत सामान्य से अधिक तेजी से बनने लगती है, जिसमें घाव (skin lesions) बन जाता है। यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है। बीमारी के बढ़ जाने पर लाल चकत्ते से खून निकल सकता है। कभी-कभी इसमें सूजन भी हो जाती है। यह मानसिक विकार भी उत्पन्न कर सकती है।
सोरायसिस रोग के प्रकार (Psoriasis Types in Hindi)
सोयरायसिस रोग इतने प्रकार के होते हैंः-
प्लेक सोरायसिस (Plaque Psoriasis)
प्लेक सोरायसिस एक आम तरह का सोरायसिस है। 10 लोगों में 8 लोग इसी सोरायसिस के शिकार होते हैं। प्लेक सोरायसिस के कारण शरीर पर सिल्वर (चांदी) रंग और सफेद लाइन बन जाती है। इसमें लाल रंग के धब्बे के साथ जलन होने लगती है। यह शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकती है, लेकिन ज्यादातर कोहनी, घुटने, सिर, पीठ में नीचे की ओर होती है। इसमें त्वचा पर लाल, छिलकेदार मोटे या चकत्ते निकल आते हैं। इनका आकार दो-चार मिमी से लेकर कुछ सेमी तक हो सकता है।
गटेट सोरायसिस (Guttate Psoriasis)
यह अक्सर कम उम्र के बच्चों के हाथ पांव, गले, पेट या पीठ पर होती है। यह छोटे-छोटे लाल-गुलाबी दानों के रूप में दिखाई पड़ती है। यह ज्यादातर हाथ के ऊपरी हिस्से, जांघ और सिर पर होती है। तनाव, त्वचा में चोट और दवाइयों के रिएक्शन के कारण यह रोग होता है। इससे प्रभावित त्वचा पर प्लेक सोरायसिस की तरह मोटी परतदार नहीं होती है। अनेक रोगियों में यह अपने आप, या इलाज से चार छह हफ्तों में ठीक हो जाती है। कभी-कभी ये प्लाक सोरायसिस में भी परिवर्तित हो जाती है।
पस्चुलर सोरायसिस (Pustular Psoriasis)
ये एक दुर्लभ तरह का रोग है। ये ज्यादातर वयस्क में पाया जाता है। इसमें अक्सर, हथेलियों, तलवों या कभी-कभी पूरे शरीर में लाल दानें हो जाते हैं, जिसमें मवाद हो जाता है। ये देखने में संक्रमित प्रतीत होता है। यह ज्यादातर हाथों और पैरों में होता है, लेकिन यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। इसके कारण कई बार बुखार, मतली आदि जैसी समस्याएं भी हो जाती हैं।
सोरियाटिक अर्थराइटिक (Psoriatic Arthritis)
ये सोरायसिस और अर्थराइटिस का जोड़ है। 70 फीसदी रोगियों में तकरीबन 10 साल की उम्र से इस सोरायसिस की समस्या रहती है। इसमें जोड़ों में दर्द, उंगलियों और टखनों में सूजन आदि जैसी समस्याएं होती हैं।
एरिथ्रोडर्मिक सोरायसिस (Erythrodermic Psoriasis)
इसमें चेहरे सहित शरीर की 80 प्रतिशत से अधिक त्वचा पर जलन के साथ लाल चकत्ते हो जाते हैं। शरीर का तापमान असामान्य हो जाता है। हदय की गति बढ़ जाती है। यह पूरी त्वचा में फैल जाती है। इससे त्वचा में जलन भी होती है। इसमें खुजली, ह्रदय गति बढ़ने और शरीर का तापमान कम ज्यादा होने जैसी समस्याएं होती हैं। इसके कारण संक्रमण, निमोनिया भी हो सकता है।
इन्वर्स सोरायसिस (Inverse Psoriasis)
इसमें स्तनों के नीचे, बगल, कांख, या जांघों के ऊपरी हिस्से में लाल-लाल बड़े चकत्ते बन जाते हैं। ये ज्यादा पसीने और रगड़ने के कारण होते हैं।
सोरायसिस रोग के लक्षण (Psoriasis Symptoms in Hindi)
सोरायसिस होने पर ये लक्षण दिखाई देते हैंः-
- त्वचा पर सूजन के साथ लाल चकत्ते होना
- लाल चकत्तों पर सफेद पपड़ी जैसी मृत त्वचा होना
- रूखी त्वचा होना और उसमें दरारें पड़ना, खून निकलना आदि
- त्वचा के चकत्तों में दर्द होना
- चकत्तों के आसपास खुजली और जलन महसूस होना
- नाखून मोटे और उनमें दाग-धब्बे पड़ जाना
- जोड़ों में दर्द और सूजन होना
सोरायसिस होने के कारण (Psoriasis Causes in Hindi)
सोयरायसिस की समस्या इन कारणों से हो सकती हैः-
रोग प्रतिरोधक शक्ति के कमजोर होने से
जब शरीर की रोग प्रतिरक्षा शक्ति कमजोर हो जाती है, तो नयी कोशिकाएं तेजी से बनने लगती हैैं। यह त्वचा इतनी कमजोर होती है कि पूरी बनने से पहले ही खराब हो जाती हैं। इसमें लाल दाने और चकत्ते दिखाई देने लगते हैं।
आनुवांशिक (वंशानुगत रूप से) रूप से
- यह एक आनुवांशिक बीमारी है, जो परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी एक से दूसरे को होती है।
- अगर माता-पिता में से किसी एक को यह रोग है, तो बच्चों को यह रोग होने की सम्भावना 15% तक बढ़ जाती है।
- अगर माता-पिता दोनों को यह बीमारी है तो बच्चों को यह रोग होने की सम्भावना 60% अधिक हो जाती है।
इन्फेक्शन (संक्रमण)
- कई बार वायरल या बैक्टीरियल इन्फेक्शन भी इस रोग का कारण बनता है।
- यदि आप गले के अलावा त्वचा के इंफेक्शन से पीड़ित हैं, तो ये सोरायसिस से ग्रस्त हो सकते हैं।
- यदि आपके घर में कोई व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित है, तो यह समस्या आपको भी हो सकती है।
सोरायसिस होने के अन्य कारण
- त्वचा पर कोई घाव जैसे- त्वचा कट जाना, मधुमक्खी काट लेना या धूप में त्वचा का झुलसना। यह सोयरासिस होने का कारण बन सकता है।
- तनाव, धूम्रपान और अधिक शराब का सेवन करने से भी सोयरासिस से ग्रस्त हो सकते हैं।
- शरीर में विटामिन डी की कमी होने, एवं उच्च रक्तचाप से संबंधित कुछ दवाइयां खाने से भी यह रोग होता है।
सोरायसिस से प्रभावित होने वाले अंग (Psoriasis Affected Body Parts)
सोरायसिस 20 से 30 वर्ष की आयु में होती है, जो शरीर के इन अंगों में हो सकती हैः-
- हथेलियों
- पांव के तलवे
- कोहनी
- घुटने
- सोयसाइसिस पीठ पर अधिक होता है।
- सोयराइसिस किसी भी उम्र में नवजात शिशुओं से लेकर वृद्धों को भी हो सकती है।
सोरायसिस का घरेलू इलाज करने के उपाय (Home Remedies for Psoriasis Treatment in Hindi)
कई लोग एलोपैथिक उपाय से सोराइसिस का इलाज करने की कोशिश करते हैं, लेकिन बीमारी का उचित इलाज नहीं हो पाता है। ऐसे में आयुर्वेदिक उपाय ज्यादा बेहतर परिणाम दे सकते हैं। आप ये आयुर्वेदिक उपाय (home remedies for psoriasis treatment) कर सकते हैंः-
हल्दी और गुलाब जल से सोरायसिस का इलाज (Turmeric and Rose Water: Home Remedies to Cure Psoriasis in Hindi)
हल्दी और गुलाब पानी का लेप बना लें। इसे रोज सुबह-शाम लगाएं। इससे सोरायसिस का उपचार होता है। यह एक फायदेमंद नुस्खा है।
फिटकरी से सोरायसिस का इलाज (Alum: Home Remedy to Treat Psoriasis in Hindi)
फिटकरी के पानी से नहाएं। इससे सोरियासिस से होने वाली खुजली और रूखापन दूर होता है। इसके लिए नहाने के पानी में 2 कप फिटकरी डाल लें। 15 मिनट तक पानी में प्रभावित अंग को डुबाएं रखें।
सोरायसिस का घरेलू उपचार एलोविरा से (Aloe Vera: Home Remedy for Psoriasis in Hindi)
एलोवेरा के ताजे पत्ते का गूदा निकालकर प्रभावित स्थान पर लगाएं। आपको हल्के हाथों से मालिश करना है। रोज ऐसा करने से खुजली से आराम मिलता है।
सोरायसिस में आपका खान-पान (Your Diet for Psoriasis Disease)
पोषण वाला भोजन नहीं खाने से भी इस रोग का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा तनाव और मानसिक विकार होने, शराब और धूम्रपान जैसी आदतों से भी सोरायसिस बढ़ सकता है। इसलिए सोयरासिस में आपका खान-पान ऐसा होना चाहिएः-
- पौष्टिक भोजन का सेवन करें।
- शराब, धूम्रपान आदि से दूर रहें।
सोरायसिस में आपकी जीवनशैली (Your Lifestyle for Psoriasis Disease)
सोरायसिस में आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिए ताकि बीमारी जल्द ठीक हो सकेः-
- तनाव मुक्त जीवनशैली जीने की कोशिश करें।
- त्वचा को सूखा रखने की कोशिश करें।
- सूरज की तेज रोशनी से त्वचा की रक्षा करें।
डॉक्टर की सलाह के बिना दवा ना लें
दवा का साइड इफेक्ट भी सोरायसिस का कारण बनता है। दर्द-निवारक दवाएं, मलेरिया, ब्लडप्रेशर कम करने की दवाएं लेने से सोरायसिस की बीमारी हो सकती है। अगर बीमारी पहले से है तो अधिक बढ़ सकती है।
शराब और धूम्रपान ना करें
जो लोग नियमित रूप से मदिरापान और धूम्रपान करते हैं। उनको इस बीमारी का खतरा बहुत बढ़ जाता है।
चोट लगना से सोरायसिस होने की संभावना
कुछ स्थितियों में त्वचा में चोट लगने से उसके आस-पास के जगहों पर यह बीमारी हो सकती है।
सोरायसिस से जुड़े सवाल-जवाब (FAQ Related Psoriasis Disease)
आयुर्वेद के अनुसार, सोरायसिस होने का क्या कारण है?
आयुर्वेद के अनुसार, सोरायसिस वात और कफ दोषों के कारण होता है।
सोरायसिस होने पर डॉक्टर से कब सम्पर्क करना चाहिए?
यदि आप सोरायसिस जैसे लक्षण अनुभव करते हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिलें, क्योंकि सोरायसिस का घरेलू इलाज करने के साथ-साथ चिकित्सक की सलाह भी बहुत जरूरी होती है।