आम तौर पर सीने में कुछ भी हो लोग सबसे पहले हृदय की बीमारी से इसको जोड़ देते हैं। असल में सीने में जकड़न की समस्या सर्दी-खांसी होने पर छाती में बलगम आदि के जमा हो जाने के कारण भी होता है। इसके अलावा सीने में जकड़न कई बीमारियों के पूर्व लक्षण के रूप में भी महसूस होता है। चलिये इसके बारे में आगे विस्तार से जानते हैं।
सीने में जकड़न क्यों होता है? (Causes of Chest Conjestion)
आयुर्वेद के अनुसार सीने में जकड़न वात, कफ दोष के कारण होता है। सर्दी-खांसी होने पर हद से ज्यादा बलगम हो जाने पर छाती में जकड़न जैसा महसूस होता है लेकिन इसके अलावा बहुत सारे दूसरे वजह भी हैं जिसके कारण सीने में जकड़न जैसा महसूस हो सकता है। जैसे-
चिंता- जब बहुत ज्यादा तनाव या अवसाद (डिप्रेशन) में होता है तब भी वह सीने में जकड़न जैसा महसूस करता है। यह भी चिंता का ही एक लक्षण है। ऐसे अन्य भी लक्षण है जो एक साथ महसूस हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं-
-तेजी से सांस लेना
-सांस लेने में तकलीफ होना
-तेज धड़कता दिल
-सिर चकराना
-मांसपेशियों में दर्द
-घबराहट आदि।
एसिड रिफ्लक्स डिजीज-एसोफेगस से पेट में एसिड के वापस लौटने को एसिड रिफ्लक्स कहा जाता है। ऐसा आमतौर पर देर तक पेट खाली रहने से होता है। जब देर तक पेट खाली रहता है तो एन्ज़ाइम और एसिड पेट के खाने को पचने नहीं देते हैं और एसिड बनने लगता है। ऐसे में लोअर इसोफेगस स्पिंचर (LES) ठीक से काम नहीं कर पाता तथा ग्रासनली (esophagus), एसिड को पेट से ऊपर की ओर धकेलती है।
सीने में जलन।
निगलने में कठिनाई।
छाती में दर्द।
गले में एक गांठ की अनुभूति।
मांसपेशियों में गांठ– छाती में जकड़न के लिए मांसपेशियों में खिंचाव एक आम कारण होता है। इंटरकोस्टल मांसपेशियों के तनाव, विशेष रूप से, लक्षण पैदा कर सकते हैं।
वास्तव में, सभी मस्कुलोस्केलेटल छाती में 21 से 49 प्रतिशत दर्द इंटरकोस्टल मांसपेशियों में खिंचाव से आता है। ये मांसपेशियां आपकी पसलियों को एक दूसरे से जोड़ने का काम करती हैं। आम तौर पर मांसपेशियों में इस तरह खिंचाव जल्दी में होता है, जैसे घुमाते समय पहुंचना या उठाना।
मांसपेशियों की जकड़न के साथ, आप अनुभव कर सकते हैः
–दर्द
-कोमलता
-सांस लेने में तकलीफ
-सूजन
निमोनिया- निमोनिया एक फेफड़ों में या दोनों में संक्रमण के कारण होता है। आपके फेफड़े हवा के छोटे थैली से भरे होते हैं, जो ऑक्सीजन को रक्त में जाने में मदद करते हैं। जब आपको निमोनिया होता है, तो ये छोटे हवा के थैले फूल जाते हैं और यहां तक कि मवाद या तरल पदार्थ भी भर सकते हैं।
लक्षण आपके संक्रमण के आधार पर हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं, आम लक्षणों के समान हल्के लक्षण होते हैं। सीने में जकड़न के अलावा, अन्य लक्षणों में शामिल हैः
-छाती में दर्द
-भ्रम (विशेषकर यदि आप 65 वर्ष से अधिक हैं)
–खांसी
-थकान
-पसीना, बुखार, ठंड लगना
-शरीर का तापमान सामान्य तापमान से कम
-साँसों की कमी
–मतली और दस्त
दमा-अस्थमा एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपके फेफड़ों के वायुमार्ग में सूजन, संकीर्ण और सूजन हो जाते हैं। यह अतिरिक्त बलगम के उत्पादन के अलावा, अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल बना सकता है।
अस्थमा की गंभीरता व्यक्ति पर निर्भर होता है। शारीरिक अवस्था के अनुसार उसको संभालने की ज़रूरत होती है।
-सीने में जकड़न अस्थमा का एक अविश्वसनीय रूप से सामान्य लक्षण है, साथ में
-सांसों की कमी
-खाँसी
-घरघराहट
-सांस छोड़ते समय सीटी बजना या घरघराहट की आवाज आना।
अल्सर- पेट, अन्नप्रणाली या छोटी आंत के अस्तर या लाइनर पर जो अल्सर या घाव विकसित होता है, उसको पेप्टिक अल्सर कहते हैं। जबकि पेट दर्द एक अल्सर का सबसे आम लक्षण है, इस स्थिति के कारण छाती में दर्द का अनुभव करना संभव है। अन्य लक्षण हैः
-पेट में जलन
-भरा हुआ या फूला हुआ महसूस करना
-डकार
-नाराज़गी
-जी मिचलाना
सीने में जकड़न के लक्षण (Symptoms of Chest Conjection)
सीने में जकड़न महसूस होना तो आम लक्षण होता ही है साथ ही और भी लक्षण शामिल होते हैं, वह हैं-
-तेज बुखार
-खांसी के साथ हरे या भूरे रंग का गाढ़ा बलगम आना, कभी-कभी हल्का-सा खून भी
-सांस लेने में दिक्कत
-दांत किटकिटाना
-दिल की धड़कन का बढ़ना
-सांस लेने की गति का बढ़ जाना
-उल्टी
-भूख न लगना
-होंठों का नीला पड़ जाना
-बहुत ज्यादा कमजोरी लगना, बेहोशी छाना
सीने में जकड़न से बचने के उपाय (Prevention Tips of Chest Congestion)
सीने में जकड़न से बचने के लिए जीवनशैली के साथ आहार में भी बदलाव लाना बहुत ज़रूरी होता है। इनमें बदलाव लाने पर कुछ हद तक इससे बचा जा सकता है।
आहार-
-विटामिन-सी युक्त भोजन व फल लें। इनमें खट्टे फल, नींबू, संतरा, मौसमी आदि प्रमुख हैं।
-संतुलित आहार लें, जो दाल और अन्न से परिपूर्ण होना चाहिए।
-यदि सीने से संबंधी कोई परेशानी है या सीने में किसी तरह के संक्रमण की शिकायत है तो प्रोटीन से भरपूर डाइट लें, ताकि शरीर में हुई क्षति को जल्दी ठीक किया जा सके। प्रोटीन के लिए सोयाबीन, सभी तरह की दालें, पनीर, अंडा आदि खा सकते हैं।
-दिन में कम-से-कम डेढ़ से दो लीटर पानी अवश्य पिएं। इससे बलगम को बाहर निकलने में सहायता मिलती है।
-फलों से मिलने वाले विटामिन्स और मिनरल्स फेफड़ों को दुरुस्त रखने में सहायक होते हैं। मौसमी फल खाना अधिक हितकर होता है। खाने-पीने का समय निर्धारित करें और नियमित अंतराल पर खाएं।
-बासी भोजन नहीं खाना चाहिए। बासी भोजन फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है और इससे पाचन तंत्र भी बिगड़ता है।
–यदि फेफड़ों का किसी तरह का रोग है तो तेज मसाले और तला-भुना खाने से भी बचें, क्योंकि इससे एसिडिटी की शिकायत हो सकती है, जो फेफड़ों के लिए बहुत हानिकारक होती है।
जीवनशैली-
-आजकल के उमस भरे मौसम में फेफड़ों को स्वस्थ रखने या उससे संबंधित परेशानी से राहत पाने के लिए पानी पीना चाहिए।
-सीने से संबंधित किसी तरह की परेशानी है तो बहुत खट्टा या ठण्डा न खाने से बचना चाहिए। इससे सीने में सूजन की आशंका रहती है। शरीर को एकदम सर्दी से गर्मी या गर्मी से सर्दी में ले जाने से बचना चाहिए।
सीने में जकड़न से राहत पाने के घरेलू इलाज (Home Remedies of Chest Conjection)
आम तौर पर सीने में जकड़न से राहत पाने के लिए लोग सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को ही आजमाते हैं। यहां हम पतंजली के विशेषज्ञों द्वारा पारित कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे जिनके प्रयोग से सीने में जकड़न की परेशानी से कुछ हद तक राहत पाया जा सकता है-
गर्म पानी का सेवन सीने में जकड़न से दिलाये राहत (Intake of Luke Warm Water to Get Relief from Chest Conjection in Hindi)
जब कफ और बलगम छाती में बहुत जम जाता है और भारी या दबाव जैसे महसूस होने लगता है तो हल्का गर्म पानी पीने से छाती की जकड़न को तोड़ने में मदद मिलती है। सीने की जकड़न के लिए अधिकतर इस्तेमाल किये जाने वाले घरेलू उपचार में से नमक का पानी है। खारे पानी के साथ गरारा करने से,सांस की नली से बलगम को हटाने में मदद मिलती है।
भाप लेने से सीने के जकड़न में आती है कमी (Steam Beneficial to Get Relief from Chest Congestion in Hindi)
भाप की गर्मी और नमी के फलस्वरूप चिपचिपी बलगम आसानी से टूट जाती है और विघटित हो सकती है। एक बड़ा कटोरी गर्म पानी ले और पुदीने के आवश्यक तेल की कुछ बूंदे उसमें डालें। जब तक हो सके, उसके पास मुँह ले जाकर भाप के साथ गहरी श्वास लें।
हर्बल चाय का सेवन सीने में जकड़न से दिलाये राहत (Herbal Tea Beneficial to Get Relief from Chest Conjection in Hindi)
गर्म हर्बल चाय सीने के जकड़न के लिए एक अच्छा उपाय हो सकता है। विभिन्न जड़ी-बूटियों जैसे इलायची, अदरक आदि से तैयार हर्बल चाय छाती के जमाव से राहत प्रदान करने में बहुत सहायक होती है। इसके सेवन से छाती का जमाव करने वाले बैक्टीरिया का विरोध करने में शरीर को मदद मिलती है।
गर्म दूध और हल्दी सीने में जकड़न से दिलाये राहत (Milk and Turmeric Beneficial to Get Relief from Chest Conjection in Hindi)
हल्दी में एक सक्रिय करक्यूमिन होता है, जिससे बलगम होना कम होता है और छाती के जमाव से जल्दी राहत मिलती है। इसके लिए गर्म पानी के गिलास में हल्दी पाउडर का उपयोग गरारे करने, हल्दी पाउडर को एक गिलास दूध में डालने से छाती के जमाव में फायदा देते हैं। जैसा कि हम सभी हल्दी के औषधीय गुण जानते हैं। यह ठण्ड और खांसी से संबंधित समस्याओं को जल्दी से इलाज करने की अपनी क्षमता के लिए बहुत प्रसिद्ध है। हल्दी का आधा चम्मच गर्म दूध में मिलाकर, शहद और थोड़ी काली मिर्च जोड़ें और अच्छी तरह से इसे मिश्रित कर पीने से लाभ मिलता है।
काली मिर्च का काढ़ा सीने में जकड़न से दिलाये राहत (Black Pepper Beneficial to Get Relief from Chest Conjection in Hindi)
2 कप पानी में 15-20 काली मिर्च डालकर तब तक उबाले जब तक वह आधा न हो जाए। अब इसको गुनगुना होने के लिए छोड़ दे और शहद डालकर पीएं।
शहद और नींबू का सेवन सीने में जकड़न से दिलाये राहत (Honey and Lemon Beneficial to Get Relief from Chest Conjection in Hindi)
शहद का एन्टी बैक्टिरीयल गुण श्वसन तंत्र में अक्सर छाती में जमाव करने वाले संक्रमण को कम करने के लिए बहुत अच्छे होते हैं। नींबू में बहुत सारा विटामिन-सी होता है, जो शरीर को संक्रमण से लड़ने के लिए जरूरी शक्ति प्रदान करता है। गर्म पानी, शहद और नींबू के रस का उपयोग गर्म चाय की तरह किया जा सकता है।
प्याज सीने में जकड़न से दिलाये राहत (Onion Beneficial to Get Relief from Chest Conjection in Hindi)
छाती के जमाव के लिए प्याज एक अच्छा उपाय है। इसमें क्विर्सटिन है जो बलगम को खत्म करने में मदद करता है। इसके रोगाणुरोधी गुण भी संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं। प्याज के रस को नींबू के रस, शहद और पानी की बराबर मात्रा में मिश्रित कर गुनगुना कर उपयोग करने से छाती के जमाव में राहत मिलती है।
सोते समय अपने सिर को ऊँचा रखने से सीने के जकड़न से मिलती है राहत (During Sleeping Keep your Head High to Get Relief from Chest Conjection in Hindi)
जैसा कि आपको समझ में आ ही रहा होगा कि यह सलाह मूलत: आपके सोने की स्थिति में लागू होता है क्योंकि ऐसा करने से म्यूकस रात में एकत्रित होने के बजाय बहकर निकलता रहता है। अपने धड की तुलना में सिर को ऊपर उठाये रखने के लिये आप कुछ तकियों का सहारा ले सकते हैं।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए ? (When to See a Doctor?)
सीने में जकड़न महसूस होने के साथ जब ये सारे लक्षण महसूस होने लगे तो डॉक्टर के पास जाने में देर नहीं करनी चाहिए-
-सांस लेने में आवाज आए
-सांस लेने में तकलीफ हो
-मोटा कफ निकले
-कफ का रंग हरा हो
-अगर बुखार 1000F से ज्यादा हो
-खाने में तकलीफ हो।