page-header-img

फुट कॉर्न के लक्षण, कारण और इलाज : Home Remedies for Foot Corns

पैरों के तलवों में ज्यादा चलने, रगड़ खाने और दबाव के कारण त्वचा में मोटी बेर के समान गांठे बन जाती हैं। इन गांठों को फुट कॉर्न (Foot Corn) कहते हैं। अधिकांश लोग इस समस्या से परेशान रहते हैं. कई दिनों तक इसका इलाज ना करवाने पर ये गांठे आकार में बड़ी होती जाती हैं और फिर चलने फिरने में मुश्किल होने लगती है। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि फुट कॉर्न की समस्या होने के कारण और उससे छुटकारा पाने के कुछ आसान आयुर्वेदिक घरेलू उपाय

फुट कॉर्न या गोखरू क्या होता है? (What is Foot Corn in Hindi?)

आयुर्वेद के अनुसार गोखरू रक्त दोष और मेद के कारण पैरों के तलवे में कठिन एवं कील युक्त बेर के समान ग्रंथि (Cyst) बन जाता है।

फुट कॉर्न वैसे तो हर किसी को हो सकता है परन्तु यह अधिकतर वृद्धावस्था में ज्यादा होते हैं क्योंकि इस उम्र में त्वचा के फैटी टिशू कम हो जाते हैं जिसके कारण त्वचा की मोटी परत कम हो जाती है जिसके कारण फुट कॉर्न के ज्यादा विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है।

आम तौर पर लोग पैर के तलवों के नीचे के गांठ या कील के उपचार के लिए घरेलू उपाय ही अपनाते हैं लेकिन ज्यादा बढ़ जाने पर केमिकल उपचार या सर्जरी करने की भी जरूरत पड़ सकती है।

केमिकल उपचार- ऐसे कई प्रकार के केमिकल मेडिकल प्रोडक्ट्स है जो अलग-अलग तरीके से कॉर्न की बेजान त्वचा और उसकी मोटाई को नष्ट करते हैं। ये सभी केमिकल उपचार त्वचा के ऊपरी सिरे को बदलकर सफेद बना देते हैं। जिससे नष्ट हुए ऊतकों या टिशुओं को निकालने में आसानी हो जाती है। अगर आपको डायबीटिज है या आपका ब्लड  सर्कुलेशन अच्छी तरह से नहीं होता है तो इन दवाओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

सर्जरी- यदि फुट कॉर्न के सभी प्रकार के इलाज (Foot Corn ka Ilaj) विफल हो रहे हो, तब ऑपरेशन ही एक मात्र उपचार बचता है। क्योंकि कभी-कभी कॉर्न्स संक्रमित हो जाते हैं जिसके कारण कॉर्न्स के आस-पस की त्वचा लाल हो जाती है और धीरे-धीरे जख्म बनने लगते हैं जिसकी वजह से ऑपरेशन करवाना जरूरी हो जाता है।

फुट कॉर्न होने के कारण (Causes of Foot Corn in Hindi)

फुट कॉर्न होने के पीछे बहुत सारे कारण होते हैं, जैसे-

  • -बाहरी समान जैसे कोई लकड़ी का छोटा टुकडा या कांटा आदि लगने पर।
  • -ऊँची एड़ियों के जूते पहनने से एड़ियों के हिस्से में दबाव होने लगता है।
  • -खराब फिटिंग के जूते पहनना।
  • -बिना जुराबों के जूते या सैंडल आदि पहनना जिसे पैरों में घर्षण बढ़ता है।
  • -नियमित रूप से नंगे पैर चलना।
  • -कुछ विशेष प्रकार के व्यवसाय जैसे खेत या गार्डन आदि में काम करने वाले लोग।
  • -वृद्धावस्था में गोखरू की समस्या ज्यादा होती है क्योंकि शरीर में उपस्थित फैटीटिशू कम हो जाते हैं जिससे त्वचा में मोटापन कम हो जाता है। जिससे फुट कॉर्न होने का जोखिम बढ़ जाता है।
  • -कुछ विशेष प्रकार के डिजाईन वाले जूते जो पैर के किसी एक हिस्से में ज्यादा दबाव डालते हैं।
  • -फुट कॉर्न होने का विशेष कारणों में से एक कारण ये भी है क्योंकि खराब फिटिंग के जूते पहनने से एड़ियों के हिस्से में दबाव होने लगता है जिसके कारण पैरों में लगातार घर्षण (Friction) बढ़ता रहता है जिसके कारण दबाव वाली त्वचा पर बेर के समान गाँठ बन जाती है जो एक कॉर्न का रूप ले लेती है।
  • -खराब फिटिंग के जूते पहनना।
  • -नियमित रूप से नंगे पॉव चलना।
  • -ऊँची एड़ियों के जूते पहनना।
  • -बिना जुराबों के जूते या सैंडल पहनना।
  • -खेत या गार्डन में बिना जूते पहने काम करना।
  • -बाहरी सामान जैसे- लकड़ी का छोटा टुकड़ा या काँटा आदि लगने पर।

फुट कॉर्न होने के लक्षण (Symptoms of Foot Corn in Hindi)

  • -गांठ में बहुत ज्यादा दर्द होना।
  • -ग्रंथी में चारों तरफ से कम उठाव होना परन्तु मध्यभाग में ज्यादा उठावदार होना।
  • -बेर के समान आकार का गाँठ होना।
  • -फटने पर स्राव होना।

फुट कॉर्न से बचने के उपाय (How to prevent Foot Corn in Hindi)

फुट कॉर्न के परेशानी से बचने के लिए इन बातों पर ध्यान देना जरूरी होता है-

  • -फुट कॉर्न को रोकने के लिए उचित साइज के जूते पहनना चाहिए।
  • -ऊँची एड़ियों तथा नुकीले नोक वाले जूतों को पहनने से बचना चाहिए।
  • -अंगुलियों के नाखून को काट कर रखें, हमारे पैर जूते के सिर से मिल जाते हैं और अंगुलियों पर दबाव बना देते हैं और समय के साथ-साथ कॉर्न विकसित होने लगता है। इसलिए दबाव को कम करने के लिए अंगुलियों के नाखूनों को छोटा रखें।
  • -अपने पैरों को हर रोज क्रबिंग ब्रश से साफ करना चाहिए।
  • -पैरों को धोने के बाद अच्छी तरह से सूखा कर उन पर मॉइश्चराइजिंग क्रीम लगाएं।
  • -नियमित रूप से प्यूमिस स्टोन (झावां पत्थर) या फुट फाटफाइल का इस्तेमाल करें।
  • -रोजाना साफ सुथरी जुराबे पहने और पसीना रोकने के लिए पैरों के तलवे में टैल्कम पाउडर का इस्तेमाल करें।

फुट कॉर्न को रोकने के घरेलू उपाय (Home Remedies for Foot Corn in Hindi)

फुट कॉर्न के दर्द और उससे छुटकारा पाने के लिए लोग पहले घरेलू उपाय ही आजमाते हैं। आगे जानते हैं कि वह घरेलू उपाय कौन-कौन से हैं-

अरंडी का तेल फुट कॉर्न से दिलाये राहत (Castor oil helps to relieve in Foot corn in Hindi)

सबसे पहले अरंडी के तेल को लेकर कॉर्न की जगह धीरे-धीरे दिन में 2 से 3 बार लगाए। इस घरेलु नुस्खे का इस्तेमाल काफी समय से होता आ रहा है। इस तेल से कॉर्न मुलायम हो जाता है और धीरे-धीरे चला जाता है। इसका उपयोग लगातार एक सप्ताह तक करने से फर्क दिखने लगता है। परन्तु अरंडी के तेल को कभी भी फटी हुई त्वचा पर न लगाएं।

castor oil benefits

झांवा पत्थर से फुट कॉर्न होता है कम (Pumice stone helps to smooth Foot corn in Hindi)

पांच से सात मिनट तक पैरों या हाथों में जहाँ कॉर्न्स हो उस हिस्से को हल्के गर्म पानी में डुबोकर रखे, अब प्यूमिक स्टोन की सहायता से कॉर्न्स की ऊपरी त्वचा में दो से तीन मिनट तक धीरे-धीरे रगडे़ ताकि कॉर्न्स की ऊपरी डेड स्किन निकल जाए।

सेब का सिरका फुट कॉर्न में फायदेमंद (Apple cidar vinegar : Home remedy for Foot Corn in Hindi )

गर्म पानी में अपने पैरों या जहाँ कॉर्न्स है उस हिस्से को पानी में डुबोकर 5 से 7 मिनट रखे फिर पैर को अच्छी तरह सूखा कर सेब का सिरका 1 चम्मच लें, फिर इसको रुई के फाहे में डूबोकर कॉर्न वाली जगह पर लगा दें। सिरका सूखने पर रुई को हटा दें और उसके बाद टीट्री ऑयल की एक से दो बूंद कॉर्न्स के ऊपर लगाकर पूरे दिन के लिए ऐसे ही छोड़ दे। सेब का सिरका एंटी बैक्टीरियल होता है जिसकी वजह से बैक्टीरियल प्राकृतिक रूप से खत्म हो जाते हैं और त्वचा मुलायम हो जाती है।

सेंधा नमक फुट कॉर्न का करे इलाज (Rock salt help to heal Foot corn in Hindi)

सबसे पहले टब या बाल्टी में गर्म पानी भर दे फिर सेंधा नमक मिलाकर कॉर्न्स जिस जगह पर है उस जगह को 10 से 15 मिनट के लिए डूबोकर रखे। सेंधा नमक में मौजूद एंटी बैक्टीरियल गुण पाये जाते हैं जो फुट कॉर्न को कम करने में मदद करते हैं।

बेकिंग सोडा फुट कॉर्न के उपचार में फायदेमंद (Baking soda Benefits in Foot corn Treatment in Hindi)

पेस्ट तैयार करने के लिए सबसे पहले एक पैकेट बैकिंग सोडे को थोड़े से पानी में मिलाकर उसमें एक चम्मच नींबू का रस मिला दें, फिर पेस्ट को कॉर्न की जगह लगाकर रात भर के लिए लगा छोड़ दे। कॉर्न से बैकिंग सोडा एंटीसेप्टिक का काम करता है। यह प्रक्रिया एक सप्ताह तक दोहराए। इस तरह से पेस्ट लगाने से कॉर्न सूख जाता है।

लहसुन से करें फुट कॉर्न का इलाज (Garlic : Home remedy for Foot Corn in Hindi )

सबसे पहले लहसुन की कलि को छिलकर दो हिस्सों में काट लें फिर आधे कटे लहसुन को कॉर्न की जगह  10 मिनट तक घिसे फिर बचे हुए आधे कटे लहसुन को कॉर्न की जगह रखकर किसी सूती कपड़े या क्रिप्ट बैंड्ज से रात भर बांध कर छोड़ दे। सुबह उठकर गुनगुने पानी से पैर को साफ करे। यह क्रम एक सप्ताह रोज करने से फुट कॉर्न की समस्या से निजात पाया जा सकता है।

Garlic benefits for foot Corn

हल्दी से करें फुट कॉर्न का इलाज (Turmeric help to heal Foot corn in Hindi)

1 चम्मच हल्दी और एक या दो चम्मच शहद में मिलाकर गाढ़ा पेस्ट तैयार कर लें। अब इस पेस्ट को कॉर्न की जगह लगाकर पेस्ट को सूखने दे। फिर इस पेस्ट को गुनगुने पानी से धो ले। इस पेस्ट का इस्तेमाल हफ्ते में दो बार जरूर करें।

डॉक्टर से कब मिलना चाहिए (When to Contact a Doctor)

अगर आपके पैर की  गांठे या कीले ज्यादा बड़ी हो गयी है और उसमें ललिमा ज्यादा आ गयी हो। जिसके कारण दर्द असहनीय हो रहा हो तो यह बेहतर होगा कि आप किसी पैर से संबंधित विकार के विशेषज्ञ पोडियाट्रिस्ट (Podiatrist) से सलाह ले। ताकि आपको सही उपचार मिल सके