आजकल के जीवनशैली में एसिडिटी, गैस होने की समस्या होना, पेट फूलना, अफारा जैसी समस्याएं बहुत ही आम बीमारी हो गई है। इसका एक ही मूल कारण है समय के अभाव के कारण लोग हद से ज्यादा अनियमित और असंतुलित जीवनशैली का निर्वाह करने लगे हैं जिसका सीधा असर पेट पर पड़ता है।
पेट में अंदरूनी परत होती है, जिसे म्यूकोसा कहते हैं। इसी परत में कई छोटी-छोटी ग्रन्थियां होती हैं, जो भोजन को हजम करने के लिए स्टमक एसिड और पेप्सिन नामक एंजाइम का निर्माण करती हैं। जहां, स्टमक एसिड भोजन को पचाता है, वहीं पेप्सिन प्रोटीन को हजम करता है। जब इसी अंदरूनी परत में सूजन आ जाती है, तो पेट में गैस की समस्या होने लगती है। इस कारण स्टमक ऐसिड और पेप्सिन का उत्पादन कम होने लगता है और पेट खराब हो जाता है, पेट फूलना यानी ब्लोटिंग की समस्या होने लगती है।
पेट फूलना किसे कहते हैं? (What is Bloating?)
आमतौर पर पेट फूलने का कारण पेट में बनने वाली गैस होती है। जिससे पेट का आकार बढ़ने लगता है। इसे पेट की सूजन भी कहते हैं। सामान्य तौर पर ऐसा खाना खाने के बाद महसूस होता है। यह समस्या तब आती है जब छोटी आंत के अन्दर गैस भर जाता है। इसका सीधा संकेत पाचन क्रिया में गड़बड़ी भी होती है। वैसे तो इसे आम समस्या समझा जाता है लेकिन नजर अंदाज करने पर यह बीमारी गंभीर भी बन सकती है।
ब्लोटिंग कई कारणों से हो सकते हैं जैसे, लाइफस्टाइल में गड़बड़ी, हार्मोनल असंतुलन, बासी भोजन का सेवन, पेट में पानी या फ्लूइड का भर जाना, कब्ज, ज्यादा देर तक भूखे या फिर कई घंटे एक ही जगह पर बैठे रहना, पीरीयड्स आने पर होने वाले शारीरिक बदलाव भी पेट के फूलने का कारण बनते हैं। इसके अलावा दवाइयों का अधिक सेवन या और भी बहुत से कारण हैं जो ब्लोटिंग की वजह हैं। इससे सेहत पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है, इससे छुटकारा पाने के लिए सही लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी होता है।
पेट फूलने की समस्या ज्यादातर तला-भुना खाने और मसालेदार भोजन के सेवन से होता है। पेट फूलने की वजह से आपको रोजमर्रा के कामों में परेशानी होती है। पेट फूलने के कारण पेट भरा-भरा लगता है और भूख का पता नहीं चलता है और न ही आप ऐसे में भोजन का ठीक से आनंद ले पाते हैं। सर्दी में आमतौर पर पेट में गैस बनने, पेट के भारीपन और पेट फूलने की समस्या बढ़ जाती है। इसके कारण आपको दिन में आलस बहुत आता है और आप हर समय थका हुआ महसूस करते हैं। गैस ज्यादा बनने के कारण कई बार आपको शर्मिन्दा भी होना पड़ता है। सर्दी में ये समस्याएं इसलिए बढ़ जाती हैं क्योंकि आमतौर पर सर्दियों में हमारा मेटाबॉलिज्म और पाचन धीरे हो जाता है, जिसके कारण भारी आहार आसानी से पचता नहीं है।
पेट फूलने के लक्षण (Symptoms of Bloating)
पेट फूलने की बीमारी में सबसे आम लक्षण पेट का भरा महसूस होना और बेचैनी होती है, लेकिन इसके अलावा और भी लक्षण होते हैं जिसको बीमारी के सही पहचान के लिए समझना ज़रूरी होता है। पेट में हल्की जलन होने से लेकर तेज दर्द तक गैस के लक्षण हो सकते हैं। हालांकि, हल्की जलन को अनदेखा किया जा सकता है, लेकिन दर्द को बर्दाश्त करना मुश्किल हो जाता है। पेट में गैस होने के अन्य लक्षण इस प्रकार हैं-
-घबराहट
-बेचैनी
–पेट में दर्द
-कब्ज या दस्त
-वजन घटना
-थकान
–तेज सिरदर्द या कमजोरी
-बार-बार गैस बनना
-गैस निकलने पर बदबू आना
-पेट फूलना और खट्टी डकारे आना
-उल्टी जैसा महसूस होना
-भूख कम लगना
-लगातार हिचकी आना
-पेट में ऐंठन होना
-कभी-कभी बुखार आना
-कब्ज
-मल का रंग बदलना या फिर उसके साथ खून आना
अन्तिम दो लक्षण आने का मतलब है कि आपकी समस्या गंभीर रूप ले चुकी है और इसको अनदेखी करना सही नहीं है।
पेट क्यों फूलता है? (Causes of Bloating)
पेट फूलने की समस्या का मूल कारण तो आहार और जीवनशैली ही होता है, लेकिन इस बात को समझने के लिए थोड़ा विस्तार से इस बारे में चर्चा करने से आपको वजह का पता लगाने में आसानी होगी। आयुर्वेद के अनुसार वात की विकृति के कारण पेट फूलता है।
आहार- अगर आपका पेट में गैस ज्यादा बनती है तया पेट फूलता है और भारीपन महसूस होता है तो इसका कारण आपका आहार हो सकता है। सर्दियों में लोग अक्सर पालक और पत्ता गोभा ज्यादा खाते हैं। ये दोनों सब्जियां स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छी होती हैं मगर इनका बहुत अधिक सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये पेट में गैस का कारण बन सकती हैं। इसके अलावा चना, चने की दाल, बीन्स, बेसन से बने फूड्स, मैदा, राजमा, छोले आदि के सेवन से भी पेट में गैस और ब्लोटिंग की समस्या हो जाती है।
खाने के साथ पानी पीना- अक्सर लोग खाना खाने के साथ-साथ पानी पीते रहते हैं। ये आदत भी गैस ज्यादा बनने और ब्लोटिंग की समस्या के लिए जिम्मेदार हो सकती है। इसलिए खाना खाते समय या इसके तुरन्त बाद पानी न पिएं। ध्यान रखें कि अगर आपको पानी पीना है तो खाने से 30-45 मिनट पहले या 30-45 मिनट बाद ही पिएं। इससे आपका आहार ठीक से पचेगा और गैसा या पेट में भारीपन की समस्या नहीं होगी।
रात का खाना देर से खाना- रात को देर से खाने से भी पेट में गैस और भारीपन की समस्या होती है। दरअसल जब भी आप रात में देर से खाना खाते हैं और उसके बाद सो जाते हैं तो वो खाना पचता नहीं है। ये बिना पचा हुआ खाना गैस, पेट दर्द और कब्ज का कारण बनता है। लम्बे समय तक ये आदत आपके लिवर और पाचनतंत्र को खराब कर सकती है। रात का खाना हमेशा सोने से 2-3 घंटे पहले जरूर खा लें।
खाने के बाद तुरन्त लेटे नहीं-कुछ लोगों की आदत होती है कि खाना खाने के तुरन्त बाद लेट जाते हैं या सो जाते हैं। खाना खाने के बाद आमतौर पर नींद आती है मगर फिर भी तुरन्त सो जाना आपके पाचनतंत्र और सेहत के लिए खतरनाक है। इससे पेट में गैस, कब्ज और भारीपन की समस्या हो सकती है। इसलिए खाना खाने के बाद थोड़ी दूर जरूर टहलें। अगर समय कम है तो कम से कम 15 मिनट जरूर टहलें।
थोड़ी एक्सरसाइज करें- हम खाना रोज खाते हैं मगर इसे पचाने का प्रयास नहीं करते हैं। आमतौर पर अगर आप कुछ भी न करें तो खाने का कुछ हिस्सा शरीर पचा लेता है मगर इससे न तो आपको खाने में खाए पोषक तत्वों का लाभ मिलता है और न ही ये आपके पाचनतंत्र और अन्य अंगों के लिए अच्छा है। इसलिए रोज सुबह कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज जरूर करें। बहुत भारी एक्सरसाइज करने की जरूरत नहीं है, अगर आप सिफ 15-20 मिनट टहलें और 10-15 मिनट थोड़ी उछल-कूद वाले व्यायाम कर लें, तो भी आपके लिए बहुत है। अगर यह भी संभव नहीं है तो प्रयास करें कि रोज 30-40 मिनट साइकिल चालाएं।
इसके अलावा आहार का बेमेल और कुछ छोटी-मोटी गलतियां भी पेट फूलने की समस्या के कारण होते हैं-
गलतियां–
-ज्यादातर लोग यही गलती सबसे ज्यादा करते हैं, वह सुबह का वक्त बचाने के लिए कुछ भी नहीं खाते और बाद में लंच हैवी करते हैं। इसी वजह से उनका रात का डिनर भी भारी होता है, आपको बता दें ब्लोटिंग होने का सबसे बड़ा कारण यही होता है, इसलिए हर सुबह फाइबर से भरपूर ब्रेकफास्ट करें। इससे आपको वक्त से पहले भूख नहीं लगेगी और आपका पेट नहीं फूलेगा।
इसके अलावा कई लोग शादी या पार्टी में जाने से पहले पेट खाली रखते हैं यानि कुछ नहीं खाते, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए इस वजह से भी ब्लोटिंग की समस्या हो जाती है।
-कभी भी गर्म दही नहीं खाना चाहिए।
-कांसे के बर्तन में दस दिन तक रखा हुआ घी नहीं खाना चाहिए।
-रात्रि में फल, दही, सत्तू, मूली और बैंगन नहीं खाना चाहिए।
-अचार और सिरके से बनी चीजें अधिक न खाएं।
-खट्टे, चटपटे, चाट-पकौड़े, गोल-गप्पे, दही-भल्ले, समोसे, कचौरी-छोले-भटूरे न खाएं।
-गर्म खाद्य-पदार्थों, गर्म मिर्च-मसाले और अम्लीय रसों से बने खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
-चाय, कॉफी का बिल्कुल ही परित्याग कर दें।
-जंक फूड और फास्ट फूड के अलावा सॉफ्ट कोल्ड ड्रिंक का भी त्याग कर दें।
बेमेल आहार-
-दाल के साथ चावल या दाल के साथ रोटी नहीं खाना चाहिए, खाएं तो भरपूर मात्रा में सब्जी भी खाएं।
-दूध या दही के साथ रोटी नहीं खाना चाहिए।
-दूध के साथ दही नहीं खा सकते या दही खाने के बाद दूध नहीं पीना चाहिए।
-दूध और दही के साथ केला नहीं खाना चाहिए।
-दूध या दही के साथ मूली भी नहीं खाना चाहिए।
-शहद के साथ गर्म जल या कोई गर्म पदार्थ नहीं लेना चाहिए।
-शहद के साथ मूली नहीं खाना चाहिए।
-खिचड़ी के साथ खीर नहीं खाना चाहिए।
-दूध के साथ खरबूजा, खीरा और ककड़ी नहीं खाना चाहिए।
-दही के साथ पनीर या पनीर के साथ दहीं नहीं खाना चाहिए।
-फलों के साथ सब्जियां या सब्जियों के बाद फल नहीं खाना चाहिए।
-दाल के साथ शकरकन्द, आलू, कचालू नहीं खाना चाहिए।
शायद आप ये जानकर आश्चर्य में पड़ जायेंगे कि कुछ बीमारियों के कारण भी पेट फूलने की समस्या भी हो जाती है। जैसे-
कभी-कभार पेट पर सूजन के सामान्य कारण हो सकते हैं, जिसमें पाचन संबंधी समस्या, सही डाइट न होना, गैस, तनाव, दवाओं का सेवन या बदलता वातावरण शामिल है। लेकिन अगर हर दिन आप पेट पर सूजन महसूस करते हैं या आपका पेट गुबार की तरह फूला रहता है तो सावधान हो जाइए। पेट का फूलना इन गंभीर बीमारियों की ओर इशारा करता है। जानिए कौन सी है यह पांच गंभीर बीमारियां-
लीवर की समस्या- लीवर की खराबी के कारण भी पेट पर सूजन नजर आती है जिससे पेट अक्सर फूला हुआ नजर आता है। यह हेपेटाइटिस, अत्यधिक अल्कोहल का सेवन, दवाईयां या फिर लीवर कैंसर के परिणामस्वरूप भी हो सकता है।
आंत की समस्या- अगर पेट फूलने के साथ ही कठोर भी हो और आप उल्टी, जी मिचलाना, कब्जियत जैसी समस्याओं का भी सामना कर रहे हैं, तो यह आंत की गड़बड़ी या आंत में ट्यूमर के कारण भी हो सकता है।
पेट का कैंसर- हालांकि पेट के कैंसर को आसानी से पहचाना नहीं जा सकता क्योंकि यह शुरूआती चरण में इसके लक्षण प्रदर्शित नहीं होते, लेकिन पेट का फूलना अंदरूनी हिस्से में परिवर्तन को दर्शाता है। इस स्थिति में उल्टी, मतली, वजन का कम होना और अन्य संक्रमण का खतरा होता है।
अग्नाशय का कैंसर- अग्नाशय यानि पैंक्रियाज ग्रन्थि का कैंसर पेट पर सूजन के साथ-साथ पीलिया के लक्षणों को प्रदर्शित करता है। यह काफी घातक हो सकता है और वजन में लगातार कमी के साथ आप भूख की कमी, पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द महसूस करते हैं।
गर्भाशय का कैंसर- कुछ मामलों में पेट का फूला रहना या भरा रहना गर्भाशय के कैंसर के लक्षणों में शामिल होते हैं। इस स्थिति में श्रोणि या पेट के निचले हिस्से में दर्द और पहले से अधिक भराव महसूस होता है। सामान्यत 50 से अधिक उम्र की महिलाएं या गंभीर स्थिति वाली महिलाएं इसका शिकार हो सकती हैं।
पेट का ट्यूमर- पेट फूलने की समस्या आम है लेकिन जब इसके साथ-साथ अचानक वजन भी कम होने लगे तो यह पेट में ट्यूमर के संकेत हो सकते हैं।
हर्निया- पेट फूलने के साथ-साथ अगर खांसी, जुकाम और वजन कम होने लगे तो यह हर्निया रोग के संकेत हैं।
पेट फूलने की समस्या से बचने के उपाय (Prevention Tips for Bloating)
अपने डायट और लाइफस्टाइल में छोटे-छोटे बदलाव करके आप पेट फूलने की समस्या से आसानी से निजात पा सकते हैं, अगर आप पेट फूलने की समस्या को बढ़ाने वाले कारणों के बारे में जानते हैं तो उनसे बचने की कोशिश करें, इसके अलावा अपने डेली रूटीन में कुछ तरीकों को अपनाकर आप इस समस्या को कंट्रोल में कर सकते हैं। अगर आप इन उपायों को नियमित रूप से करते हैं तो गैस की समस्या आपको कभी नहीं होगी।
-आप प्रतिदिन कम से कम आठ-दस गिलास पानी जरूर पिएं। इससे पाचन तंत्र अच्छी तरह काम करता है और कब्ज की समस्या नहीं होती। पेट साफ होने पर हमारी आंतें अच्छी तरह काम करती हैं, जिससे गैस और एसिडिटी का सामना नहीं करना पड़ता।
-तली और मिर्च-मसाले वाली चीजें खाने से पेट में जलन होती है और गैस बनने लगती है। इसलिए, ऐसे खाद्य पदार्थों से दूरी बना कर रखें। साथ ही नोट करें कि कौन-सी चीज खाने से आपको पेट में जलन व गैस होती है। आप ऐसे खाद्य पदार्थों की लिस्ट बना सकते हैं और उन्हें खाने से परहेज करें।
-जंक फूड से दूरी बनाकर रखें।
-आप जो भी दवा का सेवन कर रहे हैं, उन पर भी नजर रखें। अगर उनमें से किसी दवा के सेवन से आपको पेट में जलन व गैस महसूस होती है तो इस बारे में डॉक्टर को बताएं। डॉक्टर उसकी जगह आपको अन्य दवा दे सकता है।
-शराब, धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन बिल्कुल न करें। ये हमारे पाचन तंत्र को खराब करते हैं, जिससे गैस और एसिडिटी होती है। साथ ही इनके सेवन से किडनी व फेफड़ों पर भी असर पड़ता है।
-चाय-कॉफी का सेवन कम से कम करें। इनकी तासीर गर्म होती है, जिस कारण पेट में जलन होती है।
-प्रतिदिन कम से कम 20-25 मिनट योगासन जरूर करें। इससे पेट के अंदरूनी अंग सही प्रकार से काम करते हैं और हमारा शरीर प्राकृतिक रूप से डिटॉक्स होता है। आप किसी ट्रेनर की देख-रेख में पवनमुक्तासन, तितली आसन, पादहस्तान, नौकासन व सूर्य नमस्कार आदि कर सकते हैं। ये सभी न सिर्फ गैस की समस्या को दूर करते हैं, बल्कि वजन को संतुलित रखते हैं।
-साथ ही सुबह की सैर और रात को खाने के बाद कुछ देर टहलें जरूर। इससे पाचन तंत्र अच्छा रहता है और भोजन भी जल्दी हजम हो जाता है।
-कार्बोनेटेड ड्रिंक्स और वाइन न पिएं, ये कार्बन डाईऑक्साइड छोड़ती है।
-पाइप के द्वारा कोई चीज न पिएं बल्कि सीधे गिलास से पिएं।
-तला-भुना, मसालेदार भोजन न करें।
-तनाव भी गैस बनने का एक प्रमुख कारण है, इससे दूर रहने की कोशिश करें।
– कब्ज भी इसका एक कारण हो सकता है। जितने लंबे समय तक भोजन बड़ी आंत में रहेगा, उतनी मात्रा में गैस बनेगी।
-खाने को धीरे-धीरे चबाकर खाएं।
-दिन में तीन बार के बजाए कुछ-कुछ घंटों के अंतराल पर मिनी मील खाएं खाकर तुरन्त न सोएं।
-थोड़ी देर टहलें ताकि पाचन भी ठीक रहे, पेट भी नहीं फूले अपनी बायोलॉजिकल घड़ी को दुरस्त रखने के लिए एक निश्चित समय पर खाना खाएं कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन ज्यादा गैस बनाते हैं।
-वसा और प्रोटीन युक्त भोजन कम मात्रा में गैस बनाते हैं।
-लैक्टोस से यह समस्या होती है तो दूध और दूध से बने उत्पाद न लें।
-मौसमी फल और सब्जियों का सेवन करें।
-चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक का इस्तेमाल कम करें।
-जंक फूड और स्ट्रीट फूड न खाएं।
-व्यायाम, योग को दिनचर्या में शामिल करें।
-पैदल चलने की आदत डालें।
-धूम्रपान और शराब से दूर रहें।
-अधिक से अधिक रेशेदार भोजन लें।
-सर्वांगासन, उत्तानपादासन, भुजंगासन आदि नियमित रूप से करना चाहिए।
पेट फूलने के घरेलू नुस्ख़े (Home Remedies for Bloating)
आम तौर पर पेट फूलने की समस्या से निजात पाने के लिए सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को ही अपनाया जाता है। यहां हम पतंजली के विशेषज्ञों द्वारा पारित कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे जिनके सेवन से पेट फूलने की समस्या से जल्द आराम मिल सकता है।
नींबू पानी पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद (Lemonade Beneficial in Bloating)
नींबू पानी पेट की हर समस्या में वरदान है। नींबू में साइट्रिक एसिड होता है जो पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। अगर आप ब्लोटिंग की समस्या से परेशान हैं तो रोज सुबह एक ग्लास गुनगुने पानी में नींबू का रस मिलाकर पिएं। आप चाहें तो ग्रीन टी में नींबू का रस मिलाकर भी पी सकते हैं।
फाइबर का सेवन कम करना पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद (Less Intake of Fiber Beneficial in Bloating)
फाइबर आपके पाचन के लिए जरूरी है और फाइबरयुक्त आहार खाने से आपको कब्ज की समस्या नहीं होती है। मगर जरूरत से ज्यादा फाइबर आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। ज्यादा फाइबर खाने से पेट फूलने की समस्या हो सकती है इसलिए फाइबर की मात्रा को कण्ट्रोल करें।
पर्याप्त पानी का सेवन पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद (More Water Intake Beneficial for Bloating)
अगर आपको पेट फूलने की समस्या है तो आपको खूब पानी पीना चाहिए। आपको ऐसा लग सकता है कि पानी के कारण ही आपका पेट फूला हुआ है या भरा हुआ है मगर ऐसे समय में शरीर को पानी की जरूरत ज्यादा होती है इसलिए पानी जरूर पिएं।
जीरा नमक पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद (Cumin Salt Beneficial for Bloating)
आप किसी शीशी में जीरा पीसकर और उसमें काला नमक मिलाकर रख लें। जब भी खाना खायें उसे साथ रखें और खाना खत्म होने के बाद थोड़ा सा यह चूरन लेकर उसे एक घूंट पानी के साथ निगल जायें। खाना खाने के तुरन्त बाद पानी नहीं पीना चाहिए, इसलिए बस एक-दो घूंट पानी ही पियें।
बेकिंग सोडा पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद (Baking Soda Beneficial for Bloating)
गैस बनने पर पेट में जलन होना आम बात है। गैस की समस्या से छुटकारा पाने के लिए बेकिंग सोडा का सेवन किया जा सकता है। बेकिंग सोडा को सोडियम बाइकार्बोनेट भी कहा जाता है। यह एक प्रकार से एंटासिड की तरह काम करता है। इसके सेवन से पेट में एसिड का स्तर सामान्य हो सकता है।
एलोवेरा पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद (Aloe Vera Beneficial for Bloating)
पेट में गैस बनने के कारण होने वाली जलन को कम करने के लिए एलोवेरा जेल सबसे बेहतर उपाय है। एलोवेरा में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो पेट की अंदरूनी परत में आई सूजन को कम करने में मदद करते हैं। साथ ही यह अच्छा एंटीसेप्टिक एजेंट भी है, जिस कारण यह संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया को मारने में सहायता कर पाता है। गैस की समस्या से छुटकारा पाने के लिए गैस की दवा की जगह एक बार एलोवेरा को जरूर आजमा कर देख सकते हैं।
नारियल पानी पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद (Coconut Water Beneficial for Bloating)
नारियल पानी विभिन्न विटामिन्स व पोषक तत्वों से भरपूर होता है। साथ ही इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी गुण भी होता है, जो गैस के कारण पेट में आई सूजन को कम कर सकता है। गैस का दर्द होने पर गैस की दवा खाने की जगह इसका सेवन करें।
ग्रीन टी पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद (Green Tea Beneficial for Bloating)
ग्रीन टी में भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो सीधा पेट की अंदरूनी परत पर असर डालते हैं। इससे गैस की समस्या धीरे-धीरे कम होने लगती है। इस चाय को गैस की दवा के रूप में प्रतिदिन पीने से पुरानी से पुरानी गैस की समस्या दूर हो सकती है। इसलिए, गैस से होने वाले रोग से बचने के लिए ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं। इतना ही नहीं, वैज्ञानिक तौर पर इस बात की भी पुष्टि की गई है कि ग्रीन टी पेट के कैंसर में भी कारगर साबित हो सकती है।
सेब का सिरका पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद (Apple Cider Vinegar Beneficial for Bloating)
पेट में एसिड का स्तर ज्यादा होने पर सेब के सिरके का सेवन किया जा सकता है। इसे पीने से एसिड का स्तर संतुलित हो जाता है। साथ ही यह पेट की अंदरूनी परत को नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टिरीया को नष्ट करने में मदद करने के साथ-साथ शहद का मिश्रण उस नुकसान को भी ठीक करता है।
अदरक पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद (Ginger Beneficial for Bloating)
अदरक एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसे वर्षों से विभिन्न बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता रहा है। पेट में गैस बनने पर भी इसका सेवन किया जा सकता है, जिसके सकारात्मक असर नजर आते हैं। अदरक में एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक संक्रमण के कारण पेट में होने वाली सूजन को कम करने में सक्षम है। गैस से होने वाले रोग से बचाने में अदरक मदद करता है।
ओटमील पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद (Oatmeal Beneficial for Bloating)
ओटमील में पर्याप्त मात्रा में फाइबर और मिनरल्स पाए जाते हैं, जिस कारण पाचन तंत्र अच्छी तरह से काम करता है। जब पाचन तंत्र ठीक तरह से काम करता है, तो गैस की परेशानी धीरे-धीरे कम होने लगती है। साथ ही इसके सेवन से पेट की अंदरूनी परतें ठीक होने लगती हैं। ओटमील से गैस का इलाज किया जा सकता है।
नारियल तेल पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद (Coconut Oil Beneficial for Bloating)
नारियल तेल में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। इसका सेवन करने से पेट की अंदरूनी परत पर गैस के ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम किया जा सकता है। इसके अलावा नारियल तेल में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो गैस के कारण पेट में आई सूजन को कम कर सकते हैं।
सावधानीः अगर आपको इस तेल से किसी तरह की एलर्जी होती है, तो इसका सेवन न करें।
योगर्ट पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद (Yogurt Beneficial for Bloating)
गैस्ट्रिक अल्सर और हेलिकोबैक्टर पाइलोरी इंफेक्शन पेट में गैस बनने का मुख्य कारण है। वहीं, योगर्ट में प्रोबायोटिक गुण पाया जाता है। अभी तक हुए कई वैज्ञानिक शोधों में माना गया है कि गैस्ट्रिक अल्सर और हेलिकोबैक्टर पाइलोरी पर प्रोबायोटिक प्रभावी तरीके से काम करता है।
शहद पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद (Yogurt Beneficial for Bloating)
शहद में एंटीबैक्टिरियल गुण होते हैं, जिस कारण यह पेट में पनपने वाले हानिकारक जीवाणुओं से लड़ने में सक्षम है। साथ ही शहद में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो गैस के कारण नष्ट हुई पेट की परत को ठीक करने का काम करते हैं। पेट में गैस होने पर अगर घबराहट जैसा महसूस हो तो शहद का सेवन करने पर जल्दी आराम मिलता है।
गुड़ पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद (Jaggery Beneficial for Bloating)
गुड़ स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। इसे गन्ने से बनाया जाता है और इसे एक प्रकार से अनरिफाइंड शुगर के रूप में भी जाना जाता है। इसमें मिनरल्स और विटामिन्स के साथ-साथ फाइबर के भी कुछ गुण पाए जाते हैं। वहीं, चीनी को रिफाइंड करके तैयार किया जाता है, जिस कारण इसमें विटामिन्स और मिनरल्स जैसे गुण नहीं होते। गुड़ खाने से पाचन तंत्र अच्छा होता है और गैस व एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।
इसके अलावा, गुड़ खून को साफ करता है और मेटाबॉलिज्म को बेहतर करता है। यही कारण है कि डॉक्टर भी चीनी की जगह गुड़ का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। आप ऊपर बताई गई विधियों के अलावा गुड़ को लंच या डिनर के बाद भी खा सकते हैं।
जीरा पानी पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद (Jeera Pani Beneficial for Bloating)
जहां, जीरे के उपयोग से खाने का स्वाद बढ़ जाता है, वहीं आयुर्वेद में इसे गुणकारी औषधि माना गया है। सबसे ज्यादा इसकी खेती एशिया, अफ्रीका और यूरोप में होती है। जीरे में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। इन गुणों के कारण ही यह गैस व पेट की अन्य बीमारियों में रामबाण की तरह काम करता है। साथ ही आपको बीमारी से उबरने में मदद करता है। जीरा से गैस का इलाज किया जा सकता है।
हल्दी पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद (Jeera Pani Beneficial for Bloating)
हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो इसे एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण प्रदान करता है। हल्दी के सेवन से पेट में गैस के कारण हो रही जलन और सूजन को कम किया जा सकता है। कई क्लिनिकल टेस्ट में इस बात की पुष्टि भी की गई है कि हल्दी अपच व अल्सरेटिव कोलाइटिज (आंतों की एक बीमारी) की समस्या को ठीक कर सकती है।
बादाम दूध पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद (Almond Milk Beneficial for Bloating)
बादाम के दूध में लैक्टोज और कोलेस्ट्रोल नहीं होता। वहीं, बादाम का दूध विटामिन-ई का प्रमुख स्रोत होता है, जो प्राकृतिक एंटी-ऑक्सीडेंट है। इसके अलावा, बादाम दूध में विटामिन-डी, ए, प्रोटीन, ओमेगा-6, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे गुण भी पाए जाते हैं। साथ ही इसमें अन्य दूध के मुकाबले कैलोरी बेहद कम होती है।
अगर आप बिना शुगर के इसका सेवन कर रहे हैं तो इसमें करीब 30 कैलोरी होती है। बादाम का दूध गैस, कब्ज और एसिडिटी जैसी पेट से जुड़ी कई बीमारियों के लिए कारगर घरेलु उपाय है। शहद के साथ इसका सेवन करने से इसका गुण और बढ़ जाते हैं। पेट की गैस दूर करने के घरेलू उपाय के रूप में बादाम दूध का सेवन किया जा सकता है।
आलू का रस पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद (Almond Milk Beneficial for Bloating)
आप इस जूस को हर दिन दो बार पी सकते हैं। आलू में मिनरल्स, कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस और पोटैशियम होता है। वहीं, आलू के रस में एल्कलाइन सॉल्ट प्रमुख रूप से पाया जाता है। इसके सेवन से पेट में इकट्ठा हो चुके अधिक एसिड को कम करने में मदद मिलती है। साथ ही यह पेट की सूजन को भी कम करने में सक्षम होता है।
मुलेठी पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद (Mulethi Beneficial for Bloating)
गले में खराश और खांसी-जुकाम से लेकर पेट की बीमारियों तक के लिए मुलेठी का इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर आप मुलेठी के पाउडर को पानी में घोलकर पीते हैं तो यह पेट की परतों को हानिकारक बैक्टीरिया और गैस से होने वाले अल्सर से बचाता है। मुलेठी में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण भी होता है, जिस कारण यह पेट की सूजन को कम कर सकता है। पेट की गैस दूर करने के घरेलू उपाय के रूप में आप मुलेठी का सेवन कर सकते हैं।
काली मिर्च पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद (Black Pepper Beneficial for Bloating)
काली मिर्च में एंटीबैक्टीरियल, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-कार्सिनोजेनिक गुण पाए जाते हैं। इस कारण काली मिर्च हमारे पेट और आंतों में पाई जाने वाली म्यूकस झिल्ली को सुरक्षा प्रदान करती है। साथ ही मेटाबॉलिज्म को भी बेहतर करती है। काली मिर्च, पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड का निर्माण करती है, जिससे आंतें साफ हो जाती हैं।
हींग पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद (Asafoetida Beneficial for Bloating)
गैस बनने पर पेट फूलने लगता है, जिससे असहज स्थिति पैदा हो जाती है। ऐसे में हींग का सेवन करना फायदेमंद साबित हो सकता है। हींग में एंटीस्पास्मोटिक, एंटीसेप्टिक, एंटीमाइक्रोबियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो गैस और अपच से राहत दिलाते हैं।
रोजमेरी पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद (Rosemary Beneficial for Bloating)
रोजमेरी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी जैसे गुण पाए जाते हैं। इस कारण से रोजमेरी गैस की समस्या से लड़ने में सक्षम है, साथ ही गैस के कारण होने वाले अल्सर को भी खत्म कर सकती है।
पोटाशियम से भरपूर खाना खाने से पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद (Potassium Beneficial for Bloating)
पोटेशियम शरीर से एक्स्ट्रा फ्लूड निकालने में बहुत मदद करता है, इसलिए अपनी डाइट में केला, शकरकंद, पालक और पिस्ते को शामिल करें।
ब्रिस्क एक्सरसाइज पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद (Exercise Beneficial for Bloating)
खाना खाने के बाद कई लोगों को आलस, नींद और थकान होती है। ऐसे में वो लोग एक्सरसाइज को बिल्कुल ही अपने डेली चार्ट से हटा देते हैं, इस वजह से भी ब्लोटिंग होती है, इसलिए आप रोजाना एक्सरसाइज करें और हेवी खाने के बाद तो जरूर ही एक्सरसाइज करें। वक्त की कमी हो तो सिर्फ 15 मिनट के लिए ब्रिक्स वॉकिंग करें, इससे आपका डाइजेस्टिव सिस्टम बेहतर होगा और खाना आसानी से पच जाएगा।
हाइड्रेटेड रहना पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद (Hydration Beneficial for Bloating)
सोडियम से भरपूर फूड आपके शरीर के फ्लूइड को जकड़ लेते हैं जिस वजह से पेट फूलता है। ऐसे में एक साथ बहुत सारा पानी पीने से भी पेट में दर्द महसूस होगा। इस ब्लोटिंग से बचने के लिए रोजाना आठ से दस गिलास पानी पिएं।
डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए (When to see a Doctor)
रोग के प्रथम अवस्था में ही डॉक्टर के पास जाना चाहिये।
-जब दवा लेने पर भी पेट दर्द सही न हो।
-पेट को छूने मात्र से भी पीड़ा हो।
-वायु पेट से अच्छे से न निकले।
-खाना पचाने में दिक्तत हो।