अंडकोष यानी टेस्टिस पुरुषों में पायी जाने वाली एक थैली है। अंडकोष की थैली के अंदर दो अंडकोष होते हैं। अंडकोष में लाखों छोटे-छोटे शुक्राणु कोशिकाएं पैदा करते हैं और उन्हें सुरक्षित रखते हैं। इसके अलावा ये टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन भी बनाते हैं, एक हार्मोन जिसके कारण पुरुषों में शुक्राणु पैदा होता है। साथ ही टेस्टोस्टेरॉन मांसपेशियों और बालों के लिए जरूरी होता है। इसे मर्दाना हार्मोन भी कहते हैं।
टेस्टोस्टेरॉन दर्द क्या होता है (What is Testicular Pain)
टेस्टिकुलर दर्द एक ऐसा दर्द है जो पुरुषों को एक या दोनों अंडकोष में होता है। यह दर्द कभी-कभार खुद टेस्टिकल्स से होती है, या कभी-कभी यह दर्द दूसरी स्थिति में भी उत्पन्न हो जाता है। कभी-कभी अंडकोष की थैली में किसी प्रकार का तकलीफ होने या पेट में कोई तकलीफ होने पर भी टेस्टिकल्स में दर्द का कारण बन सकता है। टेस्टिकल्स में दर्द एक्यूट यानी कम समय के लिए या क्रोनिक यानी लंबे समय के लिए हो सकता है। टेस्टिकल्स में दर्द होने पर यह जानना जरूरी है कि कारण क्या है, क्योंकि तुरंत इलाज नहीं करवाने पर अंडकोष हमेशा के लिए खराब हो सकता है। 18 से 36 वर्ष के पुरुषों में इस बीमारी के होने की संभावना ज्यादा होती है।
पुरुष अंडकोष (Testicular Pain) में दर्द के कारण (Causes of Testicular Pain)
जैसा कि हमने पहले की चर्चा की कि टेस्टिकल्स में दर्द होने के बहुत सारे कारण होते हैं, चलिये इनके बारे में विस्तार से जानते हैं-
चोट लगना-अंडकोष बहुत अधिक संवेदनशील होता है, और आसानी से उनको नुकसान पहुंचा सकता है। यदि इसपर हल्का-सा भी दबाव पड़ता है तो इसमें दर्द हो सकता है। पुरानी चोट भी इसका दर्द बाद में उभार सकती है।
इंगुइनल हर्निया- इसे ग्रोइन हर्निया के नाम से भी जाना जाता है। इसमें छोटी आंत का कुछ भाग आपके अंडकोष में आकर दर्द और सूजन पैदा करता है। यह हर्निया अक्सर भारी सामान उठाने के कारण होता है।
तोरसिओं- इस स्थिति में स्पेर्मटिक मुड़ जाती है। जिसके कारण टेस्टिकल्स की ओर जाने वाला रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है। यह बहुत तेज दर्द का कारण बनता है। समय रहते इसका इलाज न हो तो अंडकोष हमेशा के लिए खराब भी हो सकता है।
अधिवृषण यानी एपीडिड्यमिटिस की समस्या- अधिवृषण एक नली जैसी होती है जो की आपके दोनों टेस्टिकल्स के पीछे की ओर स्थित होती है। इसमें अधिवृषण में जलन होने लगती है और सूजन भी आने लगती है। एपीडिड्यमिस में जलन होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे चोट लगना, बैक्टीरिया द्वारा संक्रमण, सेक्स द्वारा फैलने वाला संक्रमण जिस हम एस.टी.डी. के नाम से जानते है। एपीडिड्यमिटिस ज्यादातर 18 से 36 वर्ष के पुरुषों में ज्यादा पाया जाता है।
ओरचीटिस- इस रोग में आपके टेस्टिकल्स में जलन होने लगती है, जो कि बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण के कारण होता है। यह जलन एक या दोनों अंडकोष में होती है और इसमें अंडकोष में सूजन और दर्द रहने लगता है। और यह ज्यादातर 45 या उससे बड़ी उम्र के पुरुषों में अधिक देखने को मिलता है।
अन्य बीमारियां- पुरुष के अंडकोष में दर्द के लिए कई अन्य बीमारियां भी जिम्मेदार होती हैं। डायबिटिक नेफ्रोपैथी के कारण अंडकोष की नसों को नुकसान भी पहुँच सकता है। यह भी दर्द का प्रमुख कारण बनता है। इसके अलावा क्लैमीडिया जैसे यौन संचारित रोग भी अंडकोष में दर्द के लिए जिम्मेदार होते हैं।
हाइड्रोसील-हाइड्रोसील के कारण भी अंडकोषों में दर्द होता है। हाइड्रोसील एक ऐसा रोग है, जिसमें अंडकोषों में पानी भर जाता है और पानी भरने के कारण इनका आकार बढ़ने लगता है। ये एक खतरनाक बीमारी है क्योंकि पानी ज्यादा होने पर कई बार अंडकोष फट जाता है जिससे व्यक्ति की मौत हो जाती है। ऐसी स्थिति होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है।
हार्निया-छोटी आंत का कुछ भाग जब नीचे की तरफ आ जाता है तो वह अंडकोष में प्रेशर बनाता है जिसकी वजह से भी दर्द हो सकता है। इसे ग्रेइन हर्निया भी कहा जाता है, इसकी वजह से अंडकोष में तेज दर्द और सूजन हो सकता है। ज्यादातर भारी सामन उठाने की वजह से ऐसा हो सकता है। वर्क आउट करते समय सही स्पोर्ट्स सपोर्टर पहनने की सलाह दी जाती है।
वैरिकोसील-यदि व्यक्ति के अंडकोष में सूजन हो जाये तो उसके कारण भी दर्द हो सकता है। वैरिकोसील ऐसी स्थिति है जिसमें अंडकोष के अंदर की नसें बड़ी हो जाती हैं जिसके कारण अंडकोष बड़ा हो जाता है और दर्द होता है। टेस्टिस के दर्द को कम करने के लिए आप सपोर्टर का सहारा ले सकते हैं। सपोर्टर का प्रयोग ज्यादातर एथलीट करते हैं। सपोर्टर आपके अंडकोष को आरामदायक स्थिति में रखता है जिसके कारण दर्द नहीं होता। सपोर्टर अंडकोष को बढ़ने से भी रोकता है।
डायबिटीज- पुरुष के अंडकोष में दर्द के अंडकोष से संबंधित बीमारियों के लिए कई अन्य बीमारियां भी जिम्मेदार हैं। डायबिटिक नेफ्रोपैथी के कारण अंडकोष की नसे क्षतिग्रस्त हो सकती हैं, यह भी दर्द का प्रमुख कारण है। इसके अलावा क्लैमीडिया जैसे यौन संचारित रोग भी अंडकोष में दर्द के लिए जिम्मेदार होते हैं।
टेस्टिकल कैंसर-टेस्टिस में दर्द का कारण टेस्टिकुलर कैंसर भी हो सकता है। इसके लिए हमेशा सतर्क रहने की जरूरत होती है। अगर अंडकोष में कोई गांठ है और आपके अंडकोष में दर्द और सूजन है तो इसकी तुरंत जांच करायें। ये कैंसर अंडकोष से शरीर के अन्य अंगों में भी फैल सकता है। टेस्टिकुलर कैंसर का इलाज संभव है इसके सफल होने का प्रतिशत 95 प्रतिशत है।
एपीडिड्यमिटिस-एपीडिड्यमिटिस की वजह से टेस्टिकल्स की नसों में जलन और दर्द होने लगता है। इसका कारण चोट या इंफेक्शन भी हो सकता है। एपीडिड्यमिस में जलन होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे चोट लगना, बैक्टीरिया द्वारा संक्रमण और STD की वजह से भी एपीडिड्यमिटिस ज्यादातर 18 से 36 वर्ष के पुरुषों में ज्यादा पाया जाता है।
कोनायम-अंडकोष में खून प्रवाहित करने वाली नाड़ियों के अन्दर खून जमा होने के कारण शारीरिक शक्ति कम हो जाती है और उस हिस्से में कम संवेदनशीलता महसूस होती है। इस वजह से या तो यहां कभी-कभी सूजन आ जाती है।
ऑर्किटिस-ये समस्या वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से होती है। इसमें भी जलन और दर्द होता है, इसकी वजह से अंडकोष में सूजन और दर्द होता है। इसमें आपको एक या दोनों अंडकोष में कोमलता या शिथिलता, जो सप्ताहों तक आपको महसूस होती है। इसका भी समय रहते इलाज न किया जाय तो यह अंडकोष की कार्य क्षमता को प्रभावि करता है।
पुरुष अंडकोष (Testicular Pain) में दर्द के लक्षण (Symptoms of Testicular Pain)
पुरुष अंडकोष में दर्द के लक्षणों के बारे में पता होने पर ही बीमारी का पता चल सकता है-
-अंडकोष और अंडकोष की थैली में सूजन, संवेदनशीलता या लालिमा।
-जी मिचलाना और उल्टी होना
-बुखार आना
-यौन संभोग के दौरान दर्द होना
-वीर्यपात के साथ दर्द
-वीर्य में रक्त की उपस्थिति
-मूत्र त्याग करने में दर्द होना
-अचानक अंडकोष में सामान्य या गंभीर दर्द उत्पन्न होना
-पेट या कमर के नीचे के हिस्से में सामान्य या तीव्र दर्द होना
पुरुष अंडकोष (Testicular Pain) में दर्द होने से बचने के उपाय (Prevention Tips from Testicular Pain)
जीवनशैली में इन बातों का ध्यान रखने पर पुरुष अंडकोष के दर्द से बचा जा सकता है-
-विपरीत पोजिशन में संबंध बनाते वक्त ध्यान रखें कि अंडकोष में चोट न लगे।
-तेज गति से हस्तमैथुन न करें, इससे अंडकोष को चोट लग सकती है।
-किसी भी हालत में शुक्राणुओं को न रोकें, उन्हें बाहर निकल जाने दें नहीं तो यह शुक्रवाहिनियों में मर कर गांठ बना देते हैं, आगे चल कर कैंसर जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है।
-क्रिकेट, हौकी, फुटबाल, कुश्ती आदि खेल खेलते समय अपने अंडकोश का ध्यान रखें, उसमें चोट न लग जाए, चोट लगने पर तुरंत डाक्टर को दिखाएं।
-टाइट अंडरवियर न पहनें, लंगोट बहुत अधिक कस कर न बांधें, इससे अंडकोष पर अधिक दबाव पड़ता है।
-सूती और हल्के रंग के अंडरवियर पहनें, नायलोन के अंडरवियर पहनने से अंडकोष को हवा नहीं मिल पाती है, गहरे रंग का अंडरवियर अंडकोष को गरमी पहुंचाती है।
-हमेशा अंडरवियर पहन कर न रहें रात के वक्त उसे उतार दें जिससे अंडकोष को हवा लग सके।
-अधिक गरम जगह जैसे भट्ठी, कोयला इंजन के ड्राइवर, लंबी दूरी के ट्रक ड्राइवर आदि अपने अंडकोष को तेज गरमी से बचाएं।
-अंडकोष पर किसी प्रकार के तेल की तेजी से मालिश न करें, यह नुकसान पहुंचा सकता है।
-यौन संक्रमित रोग से बचने के लिए, संभोग या सेक्स करने के दौरान कंडोम का उपयोग करना चाहिए। सुरक्षित यौन संबंध, यौन संक्रमित बीमारियों को प्राप्त करने या फैलने से रोका जा सकता है।
– मम्प्स टीकाकरण (mumps vaccination), वायरल ओरकाइटिस (viral orchitis) के अंडकोष के बीमारी के जोखिमों को कम कर सकता है।)
-वृषण ट्यूमर (testicular tumors) की नियमित जॉंच करनी चाहिए, जिससे कि ट्यूमर की शुरुआत में ही पहचान कर उचित इलाज प्राप्त किया जा सके।
-गर्म जल से स्नान करें।
-अंडकोष की सूजन को कम करने के लिए बर्फ की सिकाई करनी चाहिए।
-फिटिंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
-अंडकोष में दर्द होने पर अधिक आराम करना चाहिए।
-जितना संभव हो उतना पानी पीना चाहिए और मोटापा कम करने पर ध्यान देना चाहिए।
-दर्द से अस्थायी राहत प्रदान करने के लिए इबुप्रोफेन (ibuprofen) और एसिटामिनोफेन (acetaminophen) की मदद ली जा सकती है।
पुरुष अंडकोष (Testicular Pain) में दर्द के उपचार (Home Remedies for Testicular Pain)
अक्सर लोग अंडकोष जैसे समस्याओं के लिए सबसे पहले घरेलू इलाजों का ही सहारा लेते हैं। पतंजलि के विशेषज्ञों द्वारा पारित कुछ घरेलू उपायों के बारे में यहां बताया जा रहा है जिससे अंडकोष के दर्द, सूजन आदि कष्टों से जल्दी राहत मिल सकता है।
रेहान के बीज पुरुष अंडकोष (Testicular Pain) में दर्द में फायदेमंद (Rehan Seed Beneficial in Testicular Pain)
10 ग्राम रेहान के बीजों को पानी में पीसकर थोड़ा गर्म करके अण्डकोष पर लेप करने से अण्डकोष सूजकर जो आकार में बढ़ने लगता है वह कम होने लगता है।
जीरा और अजवाइन पुरुष अंडकोष (Testicular Pain) में दर्द में फायदेमंद (Cumin and Coriander Mixture Beneficial in Testicular Pain)
10-10 ग्राम जीरा और अजवायन पानी में पीसकर थोड़ा गर्म कर अण्डकोष पर लेप करने से अण्डकोष का बढ़ना रुक जाता है।
रोगन कमीला पुरुष अंडकोष (Testicular Pain) में दर्द में फायदेमंद (Rogan Kamila Beneficial in Testicular Pain)
रोगन कमीला के अण्डकोष पर मालिश करने से अण्डकोष की समस्या ठीक हो जाती है।
शराब पुरुष अंडकोष (Testicular Pain) में दर्द में फायदेमंद (Wine Beneficial in Testicular Pain)
60 मिलीलीटर शराब में पीसा हुआ नौसादर मिलाकर रूई में भिगोकर दिन में अण्डकोष पर 3-4 बार लगाने से सूजन सही हो जाती है।
बशर्शा पुरुष अंडकोष (Testicular Pain) में दर्द में फायदेमंद ( Basharsha Beneficial in Testicular Pain)
2 ग्राम बर्शाशा पानी के साथ रात को सोते समय सेवन करने से अण्डकोष की सूजन कम हो जाती है।
माजूफल पुरुष अंडकोष (Testicular Pain) में दर्द में फायदेमंद (Myrobalan Beneficial in Testicular Pain)
12 ग्राम माजूफल 6 ग्राम फिटकरी को पानी में पीसकर अण्डकोष पर 15 दिन लेप करने से अण्डकोष में भरा पानी सही हो जाता है।
छोटी हरड़ पुरुष अंडकोष (Testicular Pain) में दर्द में फायदेमंद (Harada Beneficial in Testicular Pain)
10-10 ग्राम छोटी हरड़, रसौत को पीसकर सरसों के तेल में मिलाकर लेप करने से अण्डकोषों की जख्म जल्दी बेहतर होती है।
दूध पुरुष अंडकोष (Testicular Pain) में दर्द में फायदेमंद (Milk Beneficial in Testicular Pain)
1 गिलास मीठे गर्म दूध में 25 मिलीलीटर अरंडी का तेल मिलाकर पीना से अण्डकोष की बीमारी में लाभ होता है।
तंबाकू पुरुष अंडकोष (Testicular Pain) में दर्द में फायदेमंद (Tobacco Beneficial in Testicular Pain)
तंबाकू के ताजे पत्ते को हल्का गर्म करके अण्डकोषों पर बांधकर ऊपर से लंगोट पहन लें, ताकि पत्ता अपनी जगह चिपका रहे। कुछ देर बाद जब लंगोट भीग जायें, तब लंगोट बदल दें, और दूसरा लंगोट पहन लें। सुबह अण्डकोष में हल्के-हल्के दाने छेद जैसे हो जाते है। यदि ऐसा हो जाए तो उन पर मक्खन लगा दें। कुछ दिन तक सोने से पहले यह प्रयोग करें तथा उठने पर पत्ता खोल दें इससे आराम मिलता है।
बकायन पुरुष अंडकोष (Testicular Pain) में दर्द में फायदेमंद (Bakayan Beneficial in Testicular Pain)
100 ग्राम बकायन के पत्ते को 500 मिलीलीटर पानी में उबालें, फिर उसमें कपड़ा भिगोकर अण्डकोषों को सेंकने और कम गर्म पत्ते को बांधने से अण्डकोषों की सूजन में राहत मिलती है।
दालचीनी पुरुष अंडकोष (Testicular Pain) में दर्द में फायदेमंद (Cinnamon Beneficial in Testicular Pain)
आधा चम्मच दालचीनी पाउडर सुबह-शाम पानी से लेने से अण्डकोष में पानी भर जाने की शिकायत दूर हो जाती है।
त्रिफला पुरुष अंडकोष (Testicular Pain) में दर्द में फायदेमंद (Trifala Beneficial in Testicular Pain)
त्रिफला के काढ़े में गोमूत्र यानी गाय का पेशाब मिलाकर पिलाना चाहिए।
कद्दू पुरुष अंडकोष (Testicular Pain) में दर्द में फायदेमंद (Pumpkin Beneficial in Testicular Pain)
कद्दू के बीजों का रस पौरुष ग्रंथि (मेल ग्लैंड्स) संबंधी रोगों के लिए बहुत उपयोगी रहता है। पौरुष ग्रंथि को बढ़ने से रोकने के लिए 40 साल से उम्र के बाद इसका सेवन रोज खाने में करना अच्छा होता है।
मूली पुरुष अंडकोष (Testicular Pain) में दर्द में फायदेमंद (Mooli Beneficial in Testicular Pain)
मूली के 5 ग्राम बीज मक्खन के साथ सुबह के समय 30 दिनों तक नियमित रूप से लेंने से पौरुष परिपुष्ट (मर्दानगी) होती हैं।
अदरक पुरुष अंडकोष (Testicular Pain) में दर्द में फायदेमंद (Ginger Beneficial in Testicular Pain)
इसके 10-20 मिलीलीटर रस में दो चम्मच शहद मिलाकर पीने से शरीर में वात के असंतुलन के कारण जो अण्डकोष के आकार में बढ़त्तोरी होने लगती है उसमें लाभ मिलता है।
फिटकरी पुरुष अंडकोष (Testicular Pain) में दर्द में फायदेमंद (Alum Beneficial in Testicular Pain)
1-4 ग्राम की मात्रा में फिटकरी और माजूफल को लेकर पानी के साथ बारीक पीसकर बने लेप को अण्डकोष (टेस्टिकल) पर लगाने से कुछ ही दिनों में अण्डकोष संबंधी रोग के कष्ट से राहत मिलने लगता है। भुनी फिटकरी 1-1 ग्राम सुबह-शाम पानी के साथ सेवन करने से अण्डकोष के सूजन और बढ़े हिस्से सही आकार में आने लगते हो हैं। फिटकरी को पानी में पीसकर अण्डकोष पर लेप करने से लाभ मिलता है।
नौसादर पुरुष अंडकोष (Testicular Pain) में दर्द में फायदेमंद (Ammonium chloride Beneficial in Testicular Pain)
1 ग्राम नौसादर को 50 मिलीलीटर शराब में पीसकर अण्डकोष पर लगाने से अण्डकोष की सूजन कम हो जाती है।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए ? (When to See a Doctor?)
परीक्षण और इलाज के लिए डॉक्टर से परामर्श करें यदि-
-अंडकोष पर गांठ महसूस हो।
–बुखार आये।
-जब अंडकोष लाल, स्पर्श करने पर गर्म या दर्द देने वाला हो।
-गलसुआ या कण्ठमाला रोग (mumps) से पीड़ित किसी व्यक्ति के संपर्क में आए हों।
-अंडकोष में अचानक सामान्य या गंभीर दर्द हुआ हो।
-जी मिचलाना या उल्टी महसूस होने पर।
-वृषण में चोट लगने पर, सूजन या दर्द होने पर।
-खेल गतिविधियों में भाग लेते समय अंडकोष में चोट या आघात लगने पर। (इससे बचने के लिए उपयुक्त सुरक्षा सामग्री (Supporter) पहनना चाहिए।)
-यौन संक्रमित बीमारियों के कारण एपिडिडिमाइटिस (epididymitis) के होने पर।