जीभ के छाले कुछ हद मुँह के छालों की तरह ही होते हैं, लेकिन अक्सर जीभ के छाले खुले हुए घाव होते हैं जो जीभ की सतह कट जाने पर होते हैं। अक्सर मुँह में कई जगहों पर इस प्रकार के घाव हो सकते हैं। आमतौर पर जीभ के छाले पर जीभ के नीचे या किनारों पर विकसित होते हैं। मुँह के छालों की तरह ही जीभ के छाले के लक्षण और समस्याएं भी समान ही होते हैं।
जीभ के छाले क्या होते हैं? (What is Tongue Ulcer?)
जीभ के छाले अक्सर चोट या किसी अंतर्निहित बीमारी के कारण होते हैं। ये पीड़ादायक होते हैं और इसलिए नजरअंदाज करना सेहत के नजरिये से सही नहीं होता है। जीभ पर होने वाले छाले को काफी हद तक माउथ अल्सर का ही एक रूप माना जाता है। इसमें भी उसी तरह के छाले होते हैं, वैसे ही जलन और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा जीभ पर फोड़े हो जाते हैं।
ज्यादातर मामलों में जीभ के छाले गंभीर नहीं होते हैं और मुँह को स्वच्छ रखकर प्रथम अवस्था में ही उनको ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा जीभ के छाले गंभीर बीमारियों के कारण भी हो सकते हैं, पर समय पर इलाज न करने के परिणामस्वरूप गंभीर जटिलताएं और स्थाई रूप से नुकसान पहुँच सकता है। जीभ के छाले के कारण कुछ समस्याएं हो सकती हैं।
- दांत में इंफेक्शन
- अत्यधिक दर्द की अनुभूति
- जीभ या मुँह का इंफेक्शन
- कैंसर फैलना
- लोगों से इंफेक्शन होना।
जीभ के छाले के लक्षण (Symptoms of Tongue Ulcer)
जीभ के छालों के लक्षण कारण पर निर्भर करते हैं, लेकिन इसमें निम्न शामिल हो सकते हैः-
- जीभ के छाले का सबसे स्पष्ट लक्षण घाव होता है। यह गोल या अंडाकार दिखाई देता है।
- बीच में सफेद या पीला होता है और इसकी सीमा लाल होती है।
- घावों के चारों ओर सूजी हुई त्वचा होती है।
- जीभ पर हल्का दबाव पड़ने पर भी दर्द होता है।
- जीभ पर दबाव पड़ने पर दर्द होने के कारण चबाने या मंजन करते समय समस्याएं होती हैं।
- नमकीन, मसालेदार या खट्टे खाद्य पदार्थों के कारण घावों में जलन।
- भूख में कमी।
जीभ के छाले के कारण (Causes of Tongue Ulcer)
जीभ पर छाले पड़ने के बहुत सारे कारण होते हैं, जैसे जीवनशैली और आहार, बीमारी, पौष्टिकता की कमी, संक्रमण आदि। जीभ के छाले पड़ने के कारणों का सही तरह से ज्ञान होने पर उससे बचना भी आसान हो जाता है।
- मुँह में लगने वाली चोट मुँह के छालों का एक आम कारण होता है। दाँत का एक नुकीला किनारा लगना, दुर्घटनावश चबा लेना, तीखा, अपघर्षक या अत्यधिक नमकीन भोजन, टूथब्रश से होने वाले घाव मुँह की श्लेषकीय पंक्ति को चोट पहुँचा सकते हैं। जिसके परिणामस्वरूप छाला पड़ सकता है।
- एस्पिरिन या अल्कोहल जैसे रसायन, जो मुँह के श्लेषक पर रखे जाते हैं, ऊतकों या टिशू को परिगलित (necrotic) कर सकते हैं और एक छाला जैसा सतह बनाते हैं।
- विषाणुजनित (वायरस होने के कारण), कवकीय (फंगल) और जीवाण्विक (बैक्टिरीयल) प्रक्रियाओं के कारण जीभ में छाले हो सकते हैं। मुँह के रोगजनक छालों के उत्पन्न होने का एक कारण अपने हाथों को धोये बिना अपने फटे होंठो को छूना है। ऐसा करने से आपके हाथों के जीवाणु आपके फटे होठों से उत्पन्न छोटी दरारों से प्रवेश कर जाते हैं।
- बार-बार जीभ पर छाले होने की घटनाएं प्रतिकारक-क्षमता (इंम्युनिटी पावर) में कमी का एक संकेत हो सकती है।
- विटामिन-सी की कमी के कारण और विटामिन- B12, जिंक आदि की कमी को भी मुँह के छालों से जोड़ा जा सकता है।
- फ्लोवेंट का प्रयोग करने के बाद मुँह न धोने के कारण भी मुँह में छाले हो सकते हैं।
- मुँह के कैंसर के कारण भी छाले हो सकते हैं क्योंकि घाव का केन्द्र रक्त के प्रवाह और परिगलनें को खो देता है।
- तम्बाकू के द्वारा होने वाला स्कैमस सेल कार्सिनोमा इन्हीं में से एक है।
जीभ के छाले होने के पीछे आहार और जीवनशैली की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
- अधिक गर्म भोजन ग्रहण करने से जीभ पर छाले होने लगते हैं।
- मिर्च मसालेदार भोजन का सेवन करने से।
- सिगरेट और एल्कोहल का सेवन करने से।
- पान-मसाला या तम्बाकू चबाने की आदत।
- विटामिन-बी की कमी से।
- कब्ज की समस्या।
- खाने-पीने में सफाई का ध्यान न रखने से।
- दूसरों का जूठन खाने से।
- अत्यधिक तनाव की वजह से भी मुँह के भीतर लाल रंग के छाले हो सकते हैं।
- दाँतों की संरचना में गड़बड़ी की वजह से भी भोजन चबाते समय अक्सर जीभ कट जाती है और इससे छाले हो जाते हैं।
जीभ के छाले पड़ने से बचने के उपाय (Prevention Tips for Tongue Ulcer)
जीभ के छाले के कष्ट से बचने के लिए समय रहते सावधानियों को अपनाना बेहतर होता है। इसके लिए जीवनशैली और आहार में बदलाव लाना बहुत ज़रूरी होता है।
जीवनशैली में बदलाव-
- मुँह की सफाई का विशेष ध्यान रखें।
- खाने के बाद कुल्ला करना न भूलें।
- रात को सोने से पहले ब्रश जरूर करें।
- हमेशा सॉफ्ट टूथब्रश का चुनाव करें क्योंकि ज्यादा सख्त रेशे वाले ब्रश से मसूड़े छिलने का डर रहता है, जो माउथ अल्सर की वजह बन सकता है।
- मुँह का कोई भी अल्सर ठीक होने में आमतौर पर दो से तीन सप्ताह का समय लगता है। अगर इतने दिनों में भी समस्या ठीक न हो तो इसकी गंभीरता समझते हुए डॉक्टर से जांच कराएं क्योंकि यह किसी खतरे का संकेत हो सकता है।
आहार में बदलाव-
- जीभ पर छाले होने पर अधिक गर्म तरल एवं खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
- अधिक मसालेदार भोजन का सेवन न करें।
- अत्यधिक तनाव भी छालों का कारण बन सकता है। इसलिए तनाव मुक्त जीवन का भोग करें।
- खाने-पीने के मामले में दूसरों का जूठन खाने से एवं खिलाने से बचें।
- चाय, कॉफी आदि का अधिक सेवन न करें। यदि इन चीजों का सेवन करते भी हैं तो ध्यान रखें कि उनसे आपका मुँह न जले।
- एल्कोहल या सॉफ्ट ड्रिंक्स का सेवन सीमित मात्रा में करें।
- सिगरेट, पान-मसाला और तंबाकू से दूर रहने की कोशिश करें क्योंकि इन चीजों के अधिक सेवन से कैंसर उत्पन्न करने वाले छाले हो सकते हैं।
- हरी सब्जियों और मौसमी फलों का नियमित रूप से सेवन करें। इसमें मौजूद विटामिंस और पोषक तत्व शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। इससे छालों की समस्या नहीं होती।
- रोजाना आठ-दस गिलास पानी पिएं।
- अपने खान-पान में जूस, लस्सी और छाछ जैसे तरल पदार्थों की मात्रा बढ़ाएं।
जीभ के छाले के लिए घरेलू उपाय (Home remedies for Tongue Ulcer)
जीभ के छाले की समस्या से निजात पाने के लिए सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को ही अपनाया जाता है। यहां हम पतंजली के विशेषज्ञों द्वारा पारित कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे जिनके सेवन से जीभ के छाले की समस्या से जल्द आराम मिल सकता है।
गुनगुना पानी और नमक जीभ के छाले में फायदेमंद (Luke Warm Water and Salt Beneficial for Tongue Ulcer)
एक गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच नमक मिलाएं और इसे धीरे-धीरे मुँह में घुमायें। इस प्रक्रिया को दिन में चार से पांच बार दोहराएं। इससे थोड़ी जलन और दर्द तो जरूर हो सकता है लेकिन छाले जल्द ठीक हो जाते हैं।
शहद और मूलेठी का पेस्ट जीभ के छाले में फायदेमंद (Honey and Mulethi Beneficial for Tongue Ulcer)
- शहद में मुलेठी का चूर्ण मिलाकर इसका लेप मुँह के छालों पर करें और लार को मुँह से बाहर टपकने दें, इससे दर्द से जल्दी आराम मिलता है और धीरे-धीरे घाव भी सूखने लगता है।
- इसके अलावा कत्था, मुलेठी और शहद का पेस्ट भी जीभ के छाले के परेशानी से राहत दिलाने में सहायक होता है।
फिटकरी जीभ के छाले में फायदेमंद (Alum Beneficial for Tongue Ulcer)
जीभ के छाले के दर्द और जलन से राहत पाने से फिटकरी को पानी में डालकर उस पानी से कुल्ला करने पर दर्द से जल्दी आराम मिलने में मदद मिलती है। इसके अलावा मेंहदी और फिटकरी का चूर्ण बनाकर छालों में राहत मिलती है।
अमलतास की फली जीभ के छाले में फायदेमंद (Drumstick Pod Beneficial for Tongue Ulcer)
अमलतास की फली मज्जा को धनिये के साथ पीसकर थोड़ा कत्था मिलाकर मुँह के छालों में रखिए या केवल अमलतास के गूदे को मुँह में रखने से जीभ के छाले दूर हो जाते हैं।
अमरूद के पत्ते और कत्था का पेस्ट जीभ के छाले में फायदेमंद (Guava leaf and Catechu Paste Beneficial for Tongue Ulcer)
अमरूद के मुलायम पत्तों में कत्था मिलाकर पान की तरह चबाने से मुँह के छाले से राहत मिलती है और छाले ठीक हो जाते हैं।
पान के पत्ते जीभ के छाले में फायदेमंद (Betel Leaf Beneficial for Tongue Ulcer)
- सूखे पान के पत्ते का चूर्ण बना लीजिए, इस चूर्ण को शहद में मिलाकर चाटिए, इससे मुँह के छाले ठीक होने लगते हैं।
- पान के पत्तों का रस निकालकर, देसी घी में मिलाकर छालों पर लगाने से फायदा मिलता है।
नींबू और शहद जीभ के छाले में फायदेमंद (Lemon and Honey Beneficial for Tongue Ulcer)
शायद यह घरेलू नुस्ख़ा पढ़कर आपको आश्चर्य लगेगा कि शहद और नींबू जीभ के छाले के उपचार में भी काम आता है, लेकिन शहद और नींबू का सेवन नहीं करना है। नींबू के रस में शहद मिलाकर इसके कुल्ले करने से जीभ के छाले दूर होते हैं।
मशरूम जीभ के छाले में फायदेमंद (Mashroom Beneficial for Tongue Ulcer)
मशरूम को सुखाकर बारीक चूर्ण तैयार कर लीजिए, इस चूर्ण को छालों पर लगा दीजिए। मुँह के छाले ठीक हो जाएंगे।
गुड़ जीभ के छाले में फायदेमंद (Jaggery Beneficial for Tongue Ulcer)
आम तौर पर गुड़ खाना संतुलित आहार के तालिका में शामिल होता है, लेकिन यहां जीभ के छालों से राहत पाने के लिए खाना खाने के बाद गुड़ चूसने की बता कही जा रही है।
शहद जीभ के छाले में फायदेमंद (Honey Beneficial for Tongue Ulcer)
जीवाणुरोधी गुणों से युक्त शहद मुँह में होने वाले छालों में एक बहुत ही प्रभावी दवा के रूप में कार्य करता है। यह मुँह को नमी प्रदान करता है और शुष्क होने से रोकता है। अंगुली से थोड़ा शहद लेकर छाले पर लगाएं।
नारियल का तेल जीभ के छाले में फायदेमंद (Coconut Oil Beneficial for Tongue Ulcer)
नारियल के तेल का औषधीय गुण जीभ के छाले के उपचार में बहुत सहायक होता है और ये सबसे आसानी से घर में पाया जाता है। रुई की सहायता से नारियल के तेल को अल्सर पर लगाएं।
लहसुन जीभ के छाले में फायदेमंद (Garlic Beneficial for Tongue Ulcer)
लहसुन की एक कली को छाले पर रगड़ें। तीस मिनट बाद पानी से कुल्ला कर लें। अल्सर गायब होने तक इस प्रक्रिया को दोहरायें।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए ? (When to See a Doctor?)
यदि आपको बार-बार जीभ में छाले हो रहे हैं और घरेलू उपचार करने पर भी लाभ नहीं हो रहा है तो तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करें।