वायु प्रदूषण का स्तर दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है और सर्दियों के मौसम में इसका प्रभाव हमें साफ़ महसूस होने लगता है. अब हालत यह हो गई है कि भारत के कई राज्यों में नवंबर दिसंबर के महीने में वायु प्रदूषण इतना बढ़ जाता है कि खुली हवा में सांस लेना मुश्किल होने लगा है. हालाँकि यह समस्या सिर्फ़ हमारे देश में ही नहीं है बल्कि दुनिया भर में इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है और इससे निपटने के उपाय आजमाए जा रहे हैं.
यह बढ़ता वायु प्रदूषण हमारे पर्यावरण को तो नुकसान पहुँचा ही रहा है साथ ही हमारे शरीर के लिए भी यह बहुत हानिकारक साबित हो रहा है. प्रदूषित हवा में सांस लेने के कारण लोग सांस से संबंधित कई गंभीर बीमारियों की भी चपेट में आ रहे हैं.
स्मॉग क्या है? (What is Smog?)
वायु प्रदूषण से जुड़ी कोई भी खबर पढ़ते या सुनते समय आपने एक शब्द ज़रूर सुना होगा ‘स्मॉग’. दरअसल स्मॉग शब्द अंग्रेजी के दो शब्दों ‘स्मोक’ और ‘फॉग’ से मिलकर बना है. यह दिखने में कोहरे जैसा ही होता है लेकिन यह उससे काफी अलग होता है. यह धुंध की एक परत है जो वातावरण में हर जगह छायी हुई दिखती है. गाड़ियों और फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुंए और ठंड वाले कोहरे के कारण धुंध की परत चारों तरफ फैल जाती है.
कभी कभी यह धुंध इतना गाढ़ी हो जाती है कि धूप भी ठीक से जमीन पर नहीं पहुँच पाती है और ऐसा लगता है जैसे हर समय बादल छाए हुए हैं. यह स्मॉग हमारी सेहत के लिए बहुत ही हानिकारक है. इस लेख में हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि वायु प्रदूषण और ‘स्मॉग’ से क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं और आयुर्वेदिक तरीके से आप कैसे इन समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं.
वायु प्रदूषण या स्मॉग से होने वाली मुख्य समस्याएं (Health Problems related to Air Pollution or Smog)
आमतौर पर आंखों में जलन होना वायु प्रदूषण का सबसे प्रमुख लक्षण माना जाता है. इसके अलावा खांसी होना और नाक में जलन महसूस होना भी इसका लक्षण है. अगर आपको पहले से सांस से संबंधित कोई बीमारी है तो आपको इन दिनों और सतर्क रहने की ज़रूरत है क्योंकि यह स्मॉग सांस से संबंधित बीमारियों को कई गुना बढ़ा सकता है. आइए हम वायु प्रदूषण से होने वाली समस्याओं के बारे में विस्तार से जानते हैं:
सांस लेने में तकलीफ या खांसी (Breathing Problems or Cough)
दूषित हवा में ज्यादा देर तक रहने पर सांस लेने में तकलीफ होने लगती है. ऐसा हमारे आसपास की हवा में मौजूद हानिकारक केमिकल में कारण होता है. बेहतर होगा कि इन दिनों आप बाहर कम ही निकलें और निकलने पर मास्क ज़रूर लगाएं.
सांस की दिक्कत से बचने के घरेलू उपाय (Home Remedies for Breathing Problems)
अगर दूषित हवा के सम्पर्क में आने से आपको सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो इससे बचाव के लिए आप भाप ले सकते हैं. भाप लेने से फेफड़ों में जमा कफ बाहर निकलता है और फेफड़ों में होने वाली जकड़न या कंजेशन से राहत मिलती है. भाप के लिए आप गर्म पानी में नीलगिरी का तेल डालें और पांच से दस मिनट तक भाप लें. आप चाहें तो सिर्फ़ सादे पानी को गर्म करके भी उसकी भाप ले सकते हैं.
आंखों में जलन (Eye Irritation)
प्रदूषित हवा में जैसे ही आप कुछ देर बिताते हैं आखों में जलन शुरू हो जाती है. इस समय दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद जैसे प्रमुख शहरों में अधिकांश लोग इस समस्या से परेशान हैं. बहुत देर तक खुली हवा में रहने या यात्रा करने पर आंखों में जलन के अलावा आंखों से पानी बहना या आँखें लाल होने जैसी समस्याएं देखने को मिल रही हैं. आगे बताए गए घरेलू उपचार को आजमाकर आप इस समस्या से राहत पा सकते हैं लेकिन अगर समस्या बहुत बढ़ गई है तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें.
आंखों की जलन दूर करने के घरेलू उपाय (Home Remedies for Eye Irritation)
आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार आंखों की जलन दूर करने में घी काफी उपयोगी है. इसके लिए अपनी उंगलियों पर थोड़ा सा घी लें और इसे अपनी पलकों पर काजल की तरह लगाएं. कुछ दिनों तक इसका उपयोग करने के बाद आंखों में जलन या आँखें लाल होने जैसी समस्याएं ठीक हो जाती हैं.
बंद नाक या नाक में जलन (Nose Congestion)
वायु प्रदूषण की वजह से आंखों के अलावा नाक में भी जलन होने लगती है. वहीँ कुछ लोगों में नाक बंद होने जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं. इससे बचने का सबसे आसन तरीका तो यह है कि बाहर निकलते समस्या अच्छी तरह मास्क लगाएं जिससे हानिकारक केमिकल नाक में ना जा पाएं. अगर फिर भी इस समस्या से परेशान हैं तो नीचे बताए गए उपाय अपनाएं :
बंद नाक या नाक में जलन दूर करने के घरेलू उपाय (Home remedies for Nose Congestion)
नाक में होने वाली जलन से राहत पाने के लिए आप घी या अणु तेल (आयुर्वेदिक औषधि) का उपयोग कर सकते हैं. इसलिए लिए रात में सोने से पहले नाक में एक या दो बूँद डालें.
गले में खराश या दर्द (Sore Throat)
गले में खराश या दर्द की समस्या भी वायु प्रदूषण के कारण हो सकती है, क्योंकि ज्यादा समय तक प्रदूषित वायु के संपर्क में रहने से हानिकारक केमिकल गले को संक्रमित कर देते हैं.
गले की खराश से राहत पाने के घरेलू उपाय (Home Remedies for Sore Throat)
गले में खराश होने पर गुनगुने पानी में नमक या बीटाडीन डालकर गरारे करें. इसके अलावा आप एक चम्मच शहद में थोड़ा सा मुलेठी चूर्ण मिलाकर दिन में दो बार इसका सेवन करें. इसके सेवन से गले की खराश से जल्दी आराम मिलता है.
त्वचा पर दाने (रैशेज) या खुजली (Skin Rashes or Itching)
वैसे तो त्वचा पर रैशेज होना या खुजली होना एक आम समस्या है लेकिन कई बार यह वायु प्रदूषण के कारण भी हो सकता है. ऐसे में कुछ आयुर्वेदिक उपाय अपनाकर आप खुजली से राहत पा सकते हैं.
खुजली दूर करने के घरेलू उपाय (Home remedies for Itching)
अगर त्वचा पर लाल-लाल दाने निकल रहे हैं या काफी खुजली हो रही है तो इससे राहत के घी या नारियल तेल का इस्तेमाल करें. रात में सोने से पहले दानों पर थोड़ा सा घी या नारियल का तेल लगाएं. कुछ दिनों तक ऐसा करने के बाद खुजली दूर हो जाती है.
बालों का झड़ना (Hair Fall)
वातावरण में मौजूद केमिकल हमारे बालों पर भी हानिकारक प्रभाव डालते हैं. इन केमिकल्स की वजह से बालों में रूखापन हो जाता है जिसकी वजह से आगे चलकर बाल टूट कर गिरने लगते हैं. अगर आपके बाल भी बहुत अधिक गिर रहे हैं तो निम्न उपाय अपनाएं.
बालों का झड़ना रोकने के घरेलू उपाय (Home Remedies for Hair fall)
बालों को गिरने से रोकने के लिए रोजाना बालों की मालिश करना सबसे ज्यादा ज़रूरी है. इसके लिए आप नारियल के तेल में कपूर मिला लें और रात में सोने से पहले इस तेल से बालों की अच्छी तरह मालिश करें. ऐसा रोजाना करने से बाल मजबूत होते हैं और बालों का झड़ना काफी हद तक रूक जाता है.
कितना प्रदूषित है आपका शहर (How to Check Pollution level in your City)
आपके शहर में वायु प्रदूषण कितने खतरनाक स्तर पर है अब आप इसकी जांच बहुत आसानी से कर सकते हैं. तकनीक की मदद से अब आप घर बैठे अपने मोबाइल पर ही अपने शहर या मोहल्ले का वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) चेक कर सकते हैं. एक्यूआई (AQI) वायु में प्रदूषण के स्तर को मापने का पैमाना है और यह जितना अधिक होगा उसका मतलब है कि आपके आसपास वायु प्रदूषण उतना ही अधिक है.
जीरो से लेकर 100 तक का एक्यूआई सबसे अच्छा माना जाता है. इसके बाद 100 से 200 तक के एक्यूआई का मतलब है कि वहां के वातावरण में हल्का प्रदूषण है और सावधनी बरतने की जरूरत है. अगर आपके शहर का एक्यूआई 200 से 500 के बीच है तो जान लीजिए कि यहाँ प्रदूषण एकदम खतरनाक स्तर पर है और ऐसे माहौल में बाहर निकलने पर आपको ऊपर बताई गई समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए 200 से अधिक एक्यूआई होने पर मास्क का प्रयोग करें, खूब पानी पिएं और अगर संभव हो तो घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें.