गर्भणी की मासानुमासिक परिचर्या
गर्भावस्था का माह | आहार और विहार | गर्भावस्था का माह | आहार और विहार |
पहला महीना | प्रतिदिन नियमित रूप से इच्छानुसार मात्रा में दूध लें |हल्का व आसानी से पचने वाला अनुकूल आहार लें |वमन की अवस्था में भोजन बीच-बीच में लें |चावल की खीर लें9 महीने तक उपयुक्त /संतुलित आहार लें | | छठा महीना | प्रतिदिन दूध और घी लें |गाजर, चुकंदर, हरी पत्तेदार सब्जियां और फलों में सेब, अंगूर, आदि को प्रतिदिन भोजन में शामिल करें |मौसमी फल व सब्ज्जियाँ लें |चावल के 1 भाग के साथ 1/4भाग मूंग की दाल, 6 भाग पानी, स्वादानुसार चुटकी नमक, अदरक व हल्दी मिलाकर खिचड़ी बनाकर लें |मेवे में बादाम ले सकते हैं | |
दूसरा महीना | हल्का व आसानी से पचने वाला अनुकूल आहार लें |चावल की खीर लें | | सातवां महीना | प्रतिदिन दूध और घी लें |गाजर, चुकंदर, हरी पत्तेदार सब्जियां और फलों में सेब, अंगूर, आदि को प्रतिदिन भोजन में शामिल करें |मौसमी फल व सब्ज्जियाँ लें |मेवे में बादाम ले सकते हैं | |
तीसरा महीना | गाजर, चुकंदर, हरी पत्तेदार सब्जियां और फलों में सेब, अंगूर, आदि को प्रतिदिन भोजन में शामिल करें |प्रतिदिन दूध पिएं |आहार में घी और शहद शामिल करें |दाल & लोबिया से बनी खिचड़ी /दलिया लेंचावल की खीर लें | | आठवां महीना | हल्का व आसानी से पचने वाला खाना घी के साथ खाएंगाजर, चुकंदर, हरी पत्तेदार सब्जियां और फलों में सेब, अंगूर, आदि को प्रतिदिन भोजन में शामिल करें |मौसमी फल व सब्ज्जियाँ लें |मेवे में बादाम ले सकते हैं | |
चौथा महीना | प्रतिदिन नियमित रूप से इच्छानुसार मात्रा में दूध का सेवन करें |प्रतिदिन प्राकृतिक रूप (दही से निकाला गया) से बनाया गया 5 ग्राम मक्खन लें | | नौवां महीना | हल्का व आसानी से पचने वाला भोजन घी मिलाकर खायेंमेवे में बादाम ले सकते हैं | |
पांचवां महीना | प्रतिदिन दूध और घी लें |गाजर, चुकंदर, हरी पत्तेदार सब्जियां और फलों में सेब, अंगूर, आदि को प्रतिदिन भोजन में शामिल करें |मौसमी फल व सब्ज्जियाँ लें | |
निम्न परिस्थितियोँ में डॉक्टर से सम्पर्क करें |
- गर्भावस्था के दौरान रक्तस्राव होने की अवस्था में | 2. बार बार उल्टी होने पर | 3. पेटदर्द होने पर | 4. बुखार ठण्ड के साथ या बिना ठण्ड की अवस्था में|
- सिरदर्द, आलस्य, व धुंधला दिखने पर | 6. पैरों, हाथों व चहरे में सूजन होने की अवस्था में| 7. भ्रूण में किसी प्रकार कि हलचल न होने की अवस्था में |
योग & प्राणायाम
पहले के तीन महीनो में (12 सप्ताह तक )- अनुलोम-विलोम, टहलना (यदि कोई अन्य समस्या ना हो तो )
बाद के तीन महीनो में (13 -18 सप्ताह तक )- अनुलोम-विलोम, वज्रासन, एक व द्विपादासन, उत्तानासन व शवासन
आखिरी के तीन महीनो में (29 -40 सप्ताह तक) – उपरोक्त
नोट- योग & प्राणायाम डॉक्टर से सलाह लेकर ही करें
आचरण हमेशा अच्छा रखें, सकारात्मक सोचें, मधुर संगीत सुनें व मंत्रों का उच्चारण करें |
सख्त मना- जंक फ़ूड, बासी भोजन, गैस बनाने वाले पेय पदार्थ, तेज आवाज में संगीत, व कठिन व्यायाम आदि |