बवासीर में मरीज के गुदा के अंदर और बाहर सूजन और मस्से हो जाते हैं। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें रोगी को बहुत अधिक तकलीफ होती है। प्रायः ऐसा देखा जाता है कि बवासीर के लक्षणों का पता चलते ही रोगी बीमारी का इलाज कराने की कोशिश करता है, और डॉक्टर के बताए अनुसार, दवाओं का सेवन भी करता है, लेकिन इसके बाद भी कई बार बवासीर का पूरा उपचार नहीं हो पाता है। इससे नौबत ऑपरेशन तक पहुंच जाती है। दरअसल बवासीर जैसी बीमारी में रोगी को दवाओं के साथ-साथ अपने खान-पान पर भी बहुत अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है। इसलिए यहां बवासीर के लिए डाइट चार्ट की जानकारी दी जा रही है।
इस जानकारी को अपनाकर आप ना सिर्फ बीमारी की रोकथाम कर पाएंगे बल्कि रोगग्रस्त होने पर जल्द बवासीर का सही से इलाज कर पाएंगे।
बवासीर की बीमारी में क्या खाएं (Your Diet During Piles or Hemorrhoids Disease)
बवासीर से पीड़ित होने पर आपका आहार ऐसा होना चाहिएः-
- अनाज: गेहूं, जौ, शाली चावल।
- दाल: मसूर दाल, मूंग, गेहूं, अरहर।
- फल एवं सब्जियां: सहजन (शिग्रु), टिण्डा, जायफल, परवल, लहसुन, लौकी, तोरई, करेला, कददू, मौसमी सब्जियां, चौलाई, बथुआ, अमरूद, आँवला, पपीता, मूली के पत्ते, मेथी, साग, सूरन, फाइबर युक्त फल– खीरा, गाजर, सेम, बीन्स।
- अन्य: हल्का खाना, काला नमक, मट्ठा, ज्यादा पानी पीएं, जीरा, हल्दी, सौंफ, पुदीना, शहद, गेहूं का ज्वारा, पुनर्नवा, नींबू, हरड़, पंचकोल, हींग।
बवासीर की बीमारी में क्या ना खाएं (Food to Avoid in Piles Disease)
बवासीर रोग से ग्रस्त होने पर आपको इनका सेवन नहीं करना हैः-
- अनाज: नया धान, मैदा।
- दाल: उड़द दाल, काबुली चना, मटर, सोयाबीन, छोले।
- फल एवं सब्जियां: आलू, शिमला, मिर्च, कटहल, बैंगन, अरबी (गुइया), भिंडी, जामुन, आड़ू ,कच्चा आम, केला, सभी मिर्च।
- अन्य: तेल, गुड़, समोसा, पकोड़ी, पराठा, चाट, पापड़, नया अनाज, अम्ल, कटु रस प्रधान वाले पदार्थ, सूखी सब्जियाँ, मालपुआ, ठण्डा खाना।
- सख्त मना : तैलीय मसालेदार भोजन, मांसाहार, तैल, घी बेकरी उत्पाद, जंक फ़ूड, डिब्बाबंद भोजन।
बवासीर के इलाज के लिए आपका डाइट प्लान (Diet Plan for Piles or Hemorrhoids Treatment)
बवासीर का इलाज करने के लिए सुबह उठकर दांतों को साफ करने (बिना कुल्ला किये) से पहले खाली पेट 1-2 गिलास गुनगुना पानी पिएं। नाश्ते से पहले पतंजलि आवंला व एलोवेरा रस पिएं। इसके साथ ही इन बातों पालन करें।
समय | आहार योजना (शाकाहार) |
नाश्ता (8 :30 AM) | 1 कप पतंजलि दिव्य पेय कम दूध वाली + 1-2 पतंजलि आरोग्य बिस्कुट /कम नमक वाला पतंजलि आरोग्य दलिया / पोहा /उपमा (सूजी) /अंकुरित अनाज / 2 पतली रोटी (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा) + 1 कटोरी सब्जी/ मूंग दाल खिचड़ी/ फलों का सलाद (सेब, पपीता, अमरूद) |
दिन का भोजन (12:30-01:30 PM) | 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा) + 1/2 कटोरी चावल (मांण्ड रहित) /खिचड़ी/ मट्ठा, 1 कटोरी हरी सब्जियां (उबली हुई) +1 कटोरी दाल मूंग (पतली) + 1 प्लेट सलाद |
शाम का नाश्ता (5:30-6:00 pm) | 1कप पतंजलि दिव्य पेय कम दूध वाली + 1-2 पतंजलि आरोग्य बिस्कुट /सब्जियों का सूप |
रात का भोजन (7: 00 – 8:00 Pm) | 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा) + 1 कटोरी हरी सब्जियां (फाइबर युक्त) +1 कटोरी दाल मूंग (पतली) |
सलाह: यदि मरीज को चाय की आदत है तो इसके स्थान पर 1 कप पतंजलि दिव्य पेय दे सकते हैं।
बवासीर रोग के इलाज लिए आपकी जीवनशैली (Your Lifestyle for Piles or Hemorrhoids Treatment)
बवासीर से ग्रस्त होने पर आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-
- जंक-फूड ना खाएं।
- उपवास करें।
- तनाव और गुस्सा ना करें।
- व्यायाम करें।
- ठंडा पानी पिएं।
- तला-भुना एवं मिर्च-मसाले युक्त भोजन का सेवन बिल्कुल ना करेंं।
- अधिक देर तक एक ही जगह पर बैठे ना रहें।
- नियमित रूप से व्यायाम एवं प्राणायाम करेंं।
- शौच करते समय जोर ना लगाएं।
बवासीर रोग में ध्यान रखने वाली बातें (Points to be Remember in Piles or Hemorrhoids Disease)
बवासीर का इलाज करने के दौरान इन बातों का ध्यान जरूर रखेंः-
(1) ध्यान एवं योग का अभ्यास रोज करें।
(2) ताजा एवं हल्का गर्म भोजन अवश्य करें।
(3) भोजन धीरे धीरे शांत स्थान में शांतिपूर्वक, सकारात्मक एवं खुश मन से करें।
(4) तीन से चार बार भोजन अवश्य करें।
(5) किसी भी समय का भोजन नहीं त्यागें, एवं अत्यधिक भोजन से परहेज करें।
(6) हफ्ते में एक बार उपवास करें।
(7) अमाशय का 1/3rd / 1/4th भाग रिक्त छोड़ें।
(8) भोजन को अच्छी प्रकार से चबाकर एवं धीरे–धीरे खाएं।
(9) भोजन लेने के बाद 3-5 मिनट टहलें।
(10) सूर्यादय से पहले [5:30 – 6:30 am] जाग जाएं।
(11) रोज दो बार दांतों को साफ करें।
(12) रोज जिव्हा करें।
(13) भोजन लेने के बाद थोड़ा टहलें।
(14) रात में सही समय [9-10 PM] पर नींद लें।
बवासीर रोग का उपचार करने के लिए योग और आसन (Yoga and Asana for Piles or Hemorrhoids Treatment)
बवासीर का उपचार करने के दौरान आप ये योग और आसन कर सकते हैंः-
- योग प्राणायाम एवं ध्यान: भस्त्रिका, कपालभांति, बाह्यप्राणायाम, अनुलोम विलोम, भ्रामरी, उदगीथ, उज्जायी, प्रनव जप।
- आसन: गोमुखासन, मर्कटासन,पश्चिमोत्तानासन, सर्वांगासन, कन्धरासन।
- आसन– उत्कट आसन में ना बैठें (वैद्यानिर्देशानुसार)।